
भारतीय फुटबॉल की 'आवाज' के नाम से पहचाने जाने वाले नोवी कपाड़िया का लंबी बीमारी (मोटर न्यूरोन) के बाद निधन हो गया. नोवी 68 साल के थे. वह लंबे समय से वेंटिलेटर पर थे. गुरुवार को नोवी ने अंतिम सांस ली.
उन्होंने बतौर पत्रकार, कमेंटेटर कई फीफा विश्व कप कवर किया था. नोवी कपाड़िया को भारतीय फुटबॉल टीम से काफी लगाव था और उनका सपना भारत को फीफा विश्व कप में खेलते देखना था.
गंभीर बीमारी की वजह से नोवी कपाड़िया पिछले कुछ वर्षों से बिस्तर पर ही थे, 'मोटर न्यूरोन' बीमारी के चलते उनकी रीढ़ और दिमाग की नसों में दिक्कतें बढ़ने लगी थीं.
कपाड़िया लंबे समय तक दिल्ली यूनिवर्सिटी के खालसा कॉलेज में अंगेजी के प्रोफेसर भी रहे. नोवी कपाड़िया की भारतीय फुटबॉल पर लिखी किताब "Barefoot to Boots" भी काफी चर्चित रही. इस किताब में कपाड़िया ने भारतीय फुटबॉल और उसके इतिहास के बारे जानकारी दी है.
कपाड़िया के निधन पर कई हस्तियों ने शोक व्यक्त किया है, भारतीय फुटबॉल फेडरेशन के साथ भारतीय फुटबॉल से जुड़े कई लोगों ने ट्वीट के जरिए नोवी कपाड़िया को श्रद्धांजलि दी.
लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे नोवी कपाड़िया कुछ समय पहले अपनी पेंशन संबधी दिक्कतों के चलते चर्चा में आए थे, जिसके बाद किरण रिजिजू ने मामले में दखल देकर उन्हें आर्थिक मदद दिलाई थी. कपाड़िया के फुटबॉल प्रेम ने ही उन्हें दिल्ली लीग में अपनी खुद की टीम बनाने के लिए प्रेरित किया था. उनकी टीम अशोका क्लब लंबे समय तक दिल्ली लीग में खेली.