
भारत के पूर्व महान स्पिनर अनिल कुंबले ने गुरुवार को टीम इंडिया के अपने पूर्व साथी वसीम जाफर का समर्थन किया. जाफर पर उत्तराखंड क्रिकेट संघ (सीएयू) ने आरोप लगाया है कि राज्य की टीम के कोच के रूप में उन्होंने धर्म आधारित चयन करने का प्रयास किया.
राज्य संघ से विवाद के बाद उत्तराखंड के कोच का पद छोड़ने वाले जाफर ने बुधवार को क्रिकेट संघ के अधिकारियों के आरोपों को खारिज किया कि वह टीम में मुस्लिम खिलाड़ियों पक्ष ले रहे थे. जाफर को अब पूर्व भारतीय कप्तान और कोच कुंबले का समर्थन मिला है जो अभी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की क्रिकेट समिति के प्रमुख हैं.
कुंबले ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘आपके साथ हूं वसीम. आपने सही किया. दुर्भाग्यशाली खिलाड़ी हैं जिन्हें आपके मेंटर नहीं होने की कमी खलेगी.’
भारत के लिए 31 टेस्ट खेल चुके जाफर ने कहा था कि टीम में मुस्लिम खिलाड़ियों को तरजीह देने के सीएयू के सचिव महिम वर्मा के आरोपों से उन्हें काफी तकलीफ पहुंची.
जाफर ने चयन में दखल और चयनकर्ताओं तथा संघ के सचिव के पक्षपातपूर्ण रवैए को लेकर मंगलवार को इस्तीफा दे दिया था. पूर्व भारतीय क्रिकेटर डोड्डा गणेश ने लिखा- विश्वास नहीं हो रहा... यह आपके जैसे किसी के साथ हो सकता है. क्रिकेट जगत आपको और आपकी ईमानदारी को जानता है.
जाफर ने वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में बुधवार को कहा, ‘जो कम्युनल एंगल लगाया, वह बहुत दुखद है. उन्होंने आरोप लगाया कि मैं इकबाल अब्दुल्ला का समर्थन करता हूं और उसे कप्तान बनाना चाहता था जो सरासर गलत है.’
रणजी ट्रॉफी में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज जाफर ने इन आरोपों को भी खारिज किया कि टीम के अभ्यास सत्र में वह मौलवियों को लेकर आए थे.
जाफर ने कहा, ‘उन्होंने कहा कि बायो बबल में मौलवी आए और हमने नमाज पढ़ी. मैं आपको बताना चाहता हूं कि मौलवी, मौलाना जो भी देहरादून में शिविर के दौरान दो या तीन शुक्रवार को आए, उन्हें मैंने नहीं बुलाया था.’
जाफर ने कहा, ‘इकबाल अब्दुल्ला ने मेरी और मैनेजर की अनुमति जुमे की नमाज के लिए मांगी थी.’
इस पूर्व भारतीय बल्लेबाज ने ट्वीट करके कहा, ‘कप्तानी के लिए जय बिस्टा के नाम की सिफारिश की थी, इकबाल की नहीं लेकिन सीएयू अधिकारियों ने इकबाल को पसंद किया.’
जाफर को जून 2020 में उत्तराखंड का कोच बनाया गया था. उन्होंने एक साल का करार किया था. उत्तराखंड की टीम सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में पांच में से एक ही मैच जीत सकी.