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होल्डर ने जताया दुख, बोले- IPL में ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ अभियान की अनदेखी

वेस्टइंडीज के कप्तान जेसन होल्डर ने निराशा जताई है कि IPL की कोई भी टीम ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ अभियान के समर्थन में ‘घुटने के बल झुककर’ एकजुटता नहीं दिखा रही.

Jason Holder (File) Jason Holder (File)
aajtak.in
  • दुबई,
  • 21 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 3:13 PM IST
  • आईपीएल टीम सनराइजर्स हैदराबाद स्क्वॉड में हैं जेसन होल्डर
  • बोले- IPL में BLM को लेकर एक बार भी बात नहीं हुई
  • ‘घुटने के बल झुककर’ एकजुटता नहीं दिखा रहीं IPL टीमें

वेस्टइंडीज के कप्तान जेसन होल्डर ने निराशा जताई है कि इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की कोई भी टीम ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ (बीएलएम) अभियान के समर्थन में ‘घुटने के बल झुककर’ एकजुटता नहीं दिखा रही. उन्होंने कहा कि दुनिया की सबसे लुभावनी लीग ने इस अभियान की पूरी तरह अनदेखी की.

आईपीएल टीम सनराइजर्स हैदराबाद  (SRH) के सदस्य होल्डर ने क्रिकेट राइटर्स क्लब की ओर से आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम में वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम की ओर से प्रतिष्ठित पीटर स्मिथ पुरस्कार लेने के दौरान यह बयान दिया.

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पीटर स्मिथ पुरस्कार वार्षिक सम्मान है जो जनता को क्रिकेट पेश करने के लिए बहुमूल्य योगदान पर दिया जाता है. क्रिकेट वेस्टइंडीज की वेबसाइट पर पोस्ट अपने संबोधन में होल्डर ने कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो यहां इसे (बीएलएम) लेकर एक बार भी बात नहीं हुई. कभी-कभी लगता है कि इसकी अनदेखी कर दी गई जो दुखद है. मुझे लगता है कि हमें इसके महत्व को दोबारा बताना होगा, जिससे कि लोग समझ सकें कि दुनिया में क्या चल रहा है.’

उन्होंने कहा, ‘कोविड-19 ने बेशक काफी ध्यान खींचा है, अमेरिका में होने वाले चुनावों पर भी अचानक काफी ध्यान दिया जा रहा है. लेकिन हमारे लिए, विशेषकर कैरेबिया के अश्वेत लोगों के रूप में यह हमारे लिए जरूरी है कि शिक्षा जारी रहे.’

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होल्डर ने कहा, ‘क्रिकेट वेस्टइंडीज ने इसे लेकर शानदार काम किया है. इंग्लैंड में महिला टीम ने सीरीज के दौरान ब्लैक लाइव्स मैटर लोगो पहना और इस अभियान को आगे बढ़ाना जारी रखा.’

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ये भी पढ़ें - नस्लवाद के विरोध में घुटने के बल बैठे इंग्लैंड-विंडीज के खिलाड़ी

इंग्लैंड में वेस्टइंडीज की सीरीज के दौरान घुटने के बल झुकने की शुरुआत हुई थी. अमेरिका के मिनियापोलिस में एक श्वेत पुलिस अधिकारी के हाथों अश्वेत अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड के मारे जाने पर नस्लवाद के विरोध का यह प्रतीक बना था. लेकिन पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के दौरान ऐसा नहीं किया गया.
 

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