
23 मार्च 2007 भारत के क्रिकेट इतिहास का वह दिन था, जब भारत का विश्वकप जीतने का सपना बुरी तरह टूट गया था. उस समय दुनिया की 5वीं रैंकिंग की टीम इंडिया पहले ही राउंड में बाहर हो गई थी. इस कमजोर प्रदर्शन से पूरे देश का दिल दुखा था, लेकिन सबसे ज्यादा आंसू उस कप्तान के आंखों में थे, जो इस वर्ल्ड कप में भारत को लीड कर रहा था. वह इंसान कोई और नहीं क्रिकेट की दुनिया में 'द वॉल' के नाम से पहचाने जाने वाले राहुल द्रविड़ हैं. राहुल द्रविड़ के वह आंसू आज खुशी के आंसू में बदल गए, जब उन्होंने 10 साल बाद बतौर कोच एक वर्ल्ड कप भारत की झोली में डाल दिया. साथ ही करोड़ों भारतीयों को जश्न मनाने का मौका दे दिया.
2007 का वर्ल्ड कप बतौर खिलाड़ी राहुल द्रविड़ का आखिरी वर्ल्ड कप भी था. तीन वर्ल्ड कप का हिस्सा रहे राहुल द्रविड़ का विश्व विजेता टीम का हिस्सा बनने का सपना अधूरा ही रहा. टीम इंडिया 2003 में फाइनल में पहुंची भी थी, लेकिन उसे ऑस्ट्रेलिया के हाथों बुरी हार का सामना करना पड़ा था.
टीम इंडिया 2011 में धोनी के लीडरशीप में विश्वविजेता जरूर बनी और राहुल द्रविड़ के साथ भारत के 'फैब-4' में शामिल क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर का सपना जरूर पूरा हुआ, लेकिन द्रविड़ का सपना अधूरा ही रह गया. राहुल द्रविड़ 2011 के वर्ल्डकप की टीम में शामिल नहीं हो पाए थे. यह शायद उस मैच का कर्मा था, जब द्रविड़ ने सचिन तेंदुलकर के दोहरे शतक से 6 रन पहले ही पारी समाप्ति की घोषणा कर दी थी.
हालांकि इस बार अंडर 19 भारतीय टीम ने अपने 'गुरु' राहुल द्रविड़ को विश्व कप जीतकर शानदार तोहफा दिया है. इससे पहले उनकी कोचिंग में दो साल पहले बांग्लादेश में टीम उपविजेता रही थी. टीम इंडिया की दीवार कहे जाने वाले पूर्व दिग्गज बल्लेबाज राहुल द्रविड़ ने भारतीय क्रिकेट के भविष्य की एक मजबूत बुनियाद खड़ी की है. उसी मजबूत बुनियाद पर खड़ी होकर अंडर-19 की भारतीय क्रिकेट टीम ने इतिहास रच दिया है. टीम ने चौथी बार अंडर-19 विश्व कप जीतकर इतिहास रच दिया. फाइनल मुकाबले में टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 8 विकेट से करारी शिकस्त दी.
बीसीसीआई ने किसी और खिलाड़ी की बजाय इन युवाओं को सिखाने का जिम्मा राहुल द्रविड़ को दिया था. इस फैसले से ही साबित होता है कि द्रविड़ के सामने कोई पूर्व खिलाड़ी तकनीक के मामले में नहीं टिकता. टेस्ट क्रिकेट में द्रविड़ का धैर्य, वनडे में उनकी आक्रामकता का ही नतीजा है कि अंडर-19 टीम ने उनसे गुर सीखकर ये खिताब अपने नाम किया.
द्रविड़ 'मिस्टर भरोसेमंद'
राहुल द्रविड़ अंडर-19 टीम के अलावा भारत 'ए' 'टीम के भी कोच है और हाल ही में बीसीसीआई ने राहुल द्रविड़ का कॉन्ट्रैक्ट दो साल के लिए बढ़ाया था. सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण वाली इस सलाहकार समिति ने कोच के तौर पर द्रविड़ को उपयुक्त माना. अब विश्व कप जीतने के बाद सचिन ने फिर से अपने पूर्व साथी खिलाड़ी की तारीफ की है. अंडर-19 विश्प कप में भारत की जीत पर विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने अपने अंदाज में द्रविड़ को जीत पर बधाई देते हुए ट्वीट किया, 'ये युवा राहुल द्रविड़ के सबसे सुरक्षित हाथों में है...' सहवाग के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, अभिनेता अमिताभ बच्चन, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी इस जीत पर टीम के साथ-साथ राहुल द्रविड़ को बधाई दी है.