
भारत के ऊंची कूद एथलीट मारियप्पन थांगावेलु ने पैरालम्पिक खेलों में पुरुषों की ऊंची कूद टी-42 स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता. इसके अलावा मारियप्पन के हमवतन और ऊंची कूद एथलीट वरुण सिंह भाटी ने इसी स्पर्धा में कांस्य पदक अपने नाम किया.
इस स्पर्धा में जहां एक ओर मारियप्पन ने 1.89 मीटर की कूद लगाई. वहीं भाटी ने अपना बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 1.86 मीटर की कूद लगाई. अमेरिका के सैम ग्रेवे ने इस स्पर्धा में रजत पदक जीता.
पैरालम्पिक में भारत का इतिहास
भारत ने अब तक 10 पैरालंपिक गेम्स में हिस्सा लिया है और 8 मेडल जीते हैं. मुर्लीकांत पेटकर ने भारत के लिए 1972 में पहला स्वर्ण पदक जीता था और देवेन्द्र झाझारिया ने 22 साल बाद जेवलिन में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा था. चार साल पहले, गिरिशा नागाराजेगौड़ा ने हाई जंप में रजत पदक अपने नाम किया था.
एथेंस पैरालंपिक खेलों में रचा था इतिहास
भारत का पैरालंपिक में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन एथेंस गेम्स में था, जब भारत दल ने एक गोल्ड और एक ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था. इस बार भारतीय एथलीटों की नजर एथेंस से ज्यादा पदक जीतने पर होगी.
पीएम मोदी ने दी बधाई
मारियप्पन थांगावेलु और वरुण सिंह भाटी के शानदार प्रदर्शन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों एथलीटों को बधाई दी.
अंजू बॉबी जॉर्ज ने कहा शाबश मारियप्न और वरुण
भारत की पूर्व लॉंग जम्पर अंजू बॉबी जॉर्ज ने ट्वीट करके दोनों खिलाड़ियों को बधाई दी. कहा देश को इन पर नाज है.
फाइनल में प्रवेश से चूके सुयश
भारतीय पैरा-तैराक सुयश नारायण यादव ने रियो ओलम्पिक के दूसरे दिन शुक्रवार को एस-7 श्रेणी से पुरुषों की 50 मीटर फ्रीस्टाइल स्पर्धा के फाइनल में प्रवेश करने से चूक गए. सुयश क्वालिफिकेश हीट-1 में 31.58
सेकेंड का समय निकालते हुए पांचवां स्थान हासिल कर सके. जबकि क्वालिफिकेशन की दो हीटों में वह नौवें स्थान पर रहे. उन्हें कुल आठ प्रतिभागियों को फाइनल में जगह मिली और सुयश अपने निकट प्रतिद्वंद्वी से
मात्र 0.09 सेकेंड से पीछे रह गए.
ऑस्ट्रेलिया के मैथ्यू लेवी ने शीर्ष पर रहते हुए फाइनल में प्रवेश किया. लेवी ने 28.55 सेकेंड में 50 मीटर दूरी तय की. कोलंबिया के कार्लोस सेरानो जाराटे (28.87 सेकेंड) दूसरे और चीन के जिंगांग वांग (28.89 सेकेंड) तीसरे स्थान के साथ फाइनल में पहुंचे. सुयश रियो पैरालम्पिक की तैराकी स्पर्धा में भारत के एकमात्र प्रतिनिधि हैं.