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डेविस कपः बोपन्ना सिंगल्स जीते लेकिन लिम ने भारत को क्लीन स्वीप से रोका

पिछले चार सालों में डेविस कप में अपना पहला एकल मैच खेल रहे रोहन बोपन्ना पहला सेट गंवाने के बाद अच्छी वापसी करके पहले उलट एकल में हांग चुंग को हराया लेकिन योंग क्यू लिम ने रामकुमार रामनाथन को हराकर भारत को एशिया ओसियाना ग्रुप ‘ए’ मुकाबले में दक्षिण कोरिया के खिलाफ क्लीन स्वीप नहीं करने दिया.

दक्षिण कोरिया के खिलाफ मिली जीत के बाद झूम उठे लिएंडर पेस, बोपन्ना समेत पूरी टीम दक्षिण कोरिया के खिलाफ मिली जीत के बाद झूम उठे लिएंडर पेस, बोपन्ना समेत पूरी टीम
अभिजीत श्रीवास्तव
  • नई दिल्ली,
  • 17 जुलाई 2016,
  • अपडेटेड 9:37 PM IST

पिछले चार सालों में डेविस कप में अपना पहला एकल मैच खेल रहे रोहन बोपन्ना पहला सेट गंवाने के बाद अच्छी वापसी करके पहले उलट एकल में हांग चुंग को हराया लेकिन योंग क्यू लिम ने रामकुमार रामनाथन को हराकर भारत को एशिया ओसियाना ग्रुप ‘ए’ मुकाबले में दक्षिण कोरिया के खिलाफ क्लीन स्वीप नहीं करने दिया.

रोहन बोपन्ना को साकेत मयनेनी की जगह कोर्ट पर उतरने के लिए कहा गया और उन्हें एटीपी रैंकिंग में 655वीं रैंकिंग के चुंग के खिलाफ 3-6, 6-4, 6-4 से जीत दर्ज करने के लिए जूझना पड़ा. मयनेनी शुक्रवार को कड़ा मैच खेलने के बाद थकान से नहीं उबरे. बोपन्ना ने डेविस कप में आखिरी बार एकल मैच 2012 में उज्बेकिस्तान के सरवर इकरामोव के खिलाफ खेला था. वह मुकाबले का पांचवां मैच था जिसमें बोपन्ना जीता. यह उनकी डेविस कप के एकल में कुल 10वीं जीत है. भारत ने पहले दिन दोनों एकल और शनिवार को युगल मैच जीतकर अजेय बढ़त हासिल कर ली थी और इसलिए रविवार के दोनों उलट एकल मैच औपचारिक रह गए थे.

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रामकुमार अंतिम मुकाबले में हारे
रामकुमार पांचवां मैच खेलने के लिए उतरे लेकिन रैकिंग में अपने से 409 स्थान नीचे काबिज लिम से दो घंटे तक चले करीबी मुकाबले में 3-6, 6-4, 6-7 से हार गए. कोरियाई टीम भले ही मुकाबला 1-4 से हार गई लेकिन उसने भारतीयों को आसानी से नहीं जीतने दिया. उन्हें मुश्किल कोर्ट पर खेलना पड़ा लेकिन उन्होंने आखिर तक जबरदस्त मुकाबला किया. लिम की जीत के तुरंत बाद सभी भारतीय खिलाड़ियों के मुंह से निकला ‘भाई वाह’ जिससे दर्शक भी हैरान हो गए. भारत अब 16 देशों के वर्ल्ड ग्रुप में जगह बनाने के लिए तीसरी बार प्रयास करेगा. उसे सितंबर में होने वाले मुकाबले में अपने प्रतिद्वंद्वी के बारे में जानने के लिए वर्ल्ड ग्रुप के मैचों के परिणाम तक इंतजार करना होगा. मुकाबले के पहले दिन सेना में कार्यरत लिम पहले दिन साकेत मयनेनी से हार गए थे. उन्होंने पीठ दर्द से उबरकर अच्छी टेनिस का प्रदर्शन करके रामनाथन को हराया.

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मैच प्वाइंट पर डबल फॉल्ट पड़ा महंगा
लिम ने पहले सेट के चौथे गेम में रामकुमार की सर्विस तोड़ी. इसके बाद नौवें गेम में जब वह सेट के लिए सर्विस कर रहे थे तब उन्होंने ब्रेक प्वाइंट के तीन मौके बचाए. भारतीय खिलाड़ी ने भी तीन सेट प्वाइंट बचाए लेकिन कोरियाई खिलाड़ी ने चौथे सेट प्वाइंट पर खुद को मैच में आगे कर दिया. दूसरे सेट में लिम के पास फिर से आगे बढ़ने का मौका था लेकिन भारतीय खिलाड़ी ने सातवें गेम में ब्रेक प्वाइंट बचाया. चेन्नई के इस 21 वर्षीय खिलाड़ी ने आखिर में 12वें गेम में लिम की सर्विस तोड़कर मैच को बराबरी पर ला दिया. इससे रामकुमार का आत्मविश्वास बढ़ गया और फिर उन्होंने और बेहतर प्रदर्शन किया. उन्होंने तीसरे सेट के छठे गेम में लिम की सर्विस तोड़कर 4-2 की बढ़त बनाई लेकिन नौवें गेम में जब वह मैच के लिए सर्विस कर रहे थे तब डबल फॉल्ट करके अपनी सर्विस गंवा बैठे. यह गलती उन्हें काफी महंगी पड़ी और लिम ने इसे टाईब्रेकर तक खींच दिया जिसमें यह कोरियाई 7-2 से जीत दर्ज करके कोरिया के नाम एक जीत दर्ज करने में सफल रहा.

बोपन्ना ने 27 ऐस लगाए
इससे पहले एकल में खेलने का बोपन्ना का कम अनुभव शुरू में साफ दिखा. वह काफी हद तक अपनी तीखी सर्विस पर निर्भर रहे लेकिन चुंग पर इसका असर नहीं पड़ा और उन्होंने अच्छी चुनौती पेश की. पहला सेट गंवाने के बाद बोपन्ना दूसरे सेट में भी 0-3 से पीछे चल रहे थे. इसके बाद उन्होंने जोरदार वापसी की और चुंग की जीत की उम्मीदों पर पानी फेरा. बोपन्ना ने चुंग को अपने ऐस से बैकफुट पर धकेला. उन्होंने एक घंटे 23 मिनट तक चले मैच में कुल 27 ऐस लगाए. यह उनकी तीखी सर्विस थी जिससे वह मैच जीतने में सफल रहे. उन्हें ग्राउंड स्ट्रोक्स में उन्हें जूझना पड़ा क्योंकि लंबे अर्से बाद उन्हें पूरा कोर्ट संभालना पड़ रहा था.

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शुरू में बोपन्ना को ग्राउंड स्ट्रोक्स लगाने में परेशानी हो रही थी और दूसरे सेट के शुरू में ही उन्होंने अपनी सर्विस गंवा दी. लेकिन सातवें गेम में ब्रेक प्वाइंट लेकर बोपन्ना ने एक बार फिर वापसी की. इसके बाद जब स्कोर 4-4 से बराबरी पर था तब बोपन्ना ने फिर से चुंग की सर्विस तोड़ी और अगले गेम में अपनी सर्विस पर सेट जीतकर स्कोर बराबर कर दिया. लंबे कद के भारतीय खिलाड़ी के पास तीसरे सेट के शुरू में ब्रेक प्वाइंट का मौका था. उनके पास 0-40 पर तीन मौके थे लेकिन वह इनमें से किसी का भी फायदा नहीं उठा सके. चुंग ने आखिरी सेट के तीसरे गेम के बाद अपने बाएं कंधे के उपचार के लिए मेडिकल टाइमआउट लिया. बोपन्ना ने पांचवें गेम में उनकी सर्विस तोड़ी और फिर दसवें गेम में ऐस लगाकर मैच अपने नाम किया.

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