
2014 में ग्लासगो में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों से पहले भारतीय खेल प्राधिकरण (एसएआई) ने एक जूनियर महिला धावक का जेंडर टेस्ट करवाया है. स्पॉर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया इस बार 2006 में दोहा खेलों में हुई फजीहत से बचना चाहता है जब 800 मीटर की धावक शांति सौंदराजन इसी तरह के टेस्ट में फेल हो गई थीं. यह खबर अंग्रेजी अखबार 'द इंडियन एक्सप्रेस' ने दी है.
अखबार के मुताबिक यह प्रतिभाशाली युवा महिला धावक 100 और 200 मीटर की दौड़ की स्पेशलिस्ट है. इस साल वो एक मात्र ऐसी एथलीट हैं जिनका जेंडर टेस्ट कराया गया है. आपको बता दें कि इस साल राष्ट्रमंडल खेलों के साथ एशियन गेम्स का भी आयोजन होना है.
एसएआई के डायरेक्टर जनरल जीजी थॉमसन ने अखबार को बताया कि कुछ सवाल उठने के बाद प्राधिकरण के मेडिकल अधिकारियों ने यह टेस्ट बेंगलुरु में किया. उन्होंने कहा कि टेस्ट के नतीजों के बाद ही इस एथलीट के खेलों में हिस्सा लेने पर फैसला होगा.
उन्होंने कहा, 'कुछ महीने पहले ही हमें इस धावक के बारे में जानकारी मिली और उसके सेक्स को लेकर संदेह जताया गया था. ऐसे में हमारी जिम्मेदारी बनती है कि एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फजीहत से बचा जाए. इसलिए मैंने जेंडर टेस्ट कराने का आदेश दिया. यह बेहद ही संवेदनशील मुद्दा है, फिलहाल मुझे टेस्ट के नतीजों की जानकारी नहीं है. अगर एथलीट टेस्ट में फेल हो जाती है तो इतना तय है कि उसे कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स में हिस्सा नहीं लेने दिया जाएगा.'
उन्होंने कहा, 'पहले भी इस तरह के मामले सामने आए हैं. इसके बाद से ही हमने शून्य सहनशीलता की नीति अपनाई है. हमनें सेक्स टेस्ट करवाया ताकि इस एथलीट के लिंग की स्पष्ट जानकारी मिले.'
एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के सचिव सी के वालसन ने बताया कि इस महिला धावक को यूजीन में होने वाले वर्ल्ड जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप्स में हिस्सा लेना है जिसका आयोजन 22 से 27 जुलाई के बीच होगा. आज की तारीख में यह महिला धावक नेशनल कैंप का हिस्सा है.