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कभी लोकल ट्रेन में किसी ने नहीं किया था वेलकम... अब है टीम इंडिया का स्टार क्रिकेटर

ऑस्ट्रेलिया से स्वदेश लौटने पर क्रिकेट फैन्स ने शार्दुल का जोरदार स्वागत किया. फैन्स उनकी एक झलक पाने को आतुर दिखे. लेकिन तीन साल पहले साउथ अफ्रीका दौरे से लौटने पर किसी ने उन्हें पहचाना तक नहीं था.

Shardul Thakur (AP) Shardul Thakur (AP)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 29 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 9:12 AM IST
  • तेज गेंदबाज शार्दुल ठाकुर आज किसी परिचय के मोहताज नहीं
  • ... पर तीन साल पहले अफ्रीका से लौटने पर किसी ने पहचाना नहीं था 
  • ब्रिस्बेन टेस्ट में अपने ऑलराउंड प्रदर्शन से सुर्खियों में रहे शार्दुल

टीम इंडिया के तेज गेंदबाज शार्दुल ठाकुर आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. शार्दुल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिस्बेन टेस्ट में जीत के नायकों में से एक रहे. ऑस्ट्रेलिया से स्वदेश लौटने पर क्रिकेट फैन्स ने शार्दुल का जोरदार स्वागत किया. फैन्स उनकी एक झलक पाने को आतुर दिखे. लेकिन तीन साल पहले साउथ अफ्रीका दौरे से लौटने पर किसी ने उन्हें पहचाना तक नहीं था. 

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यह वाकया शार्दुल ठाकुर के साथ 2018 में घटा था, तब शार्दुल साउथ अफ्रीका से मुंबई पहुंचे थे. शार्दुल ने अपने घर पालघर जाने के लिए अंधेरी से लोकल ट्रेन पकड़ी थी. यात्रियों से भरी ट्रेन में टीम इंडिया के इस स्टार गेंदबाज को किसी ने पहचाना नहीं था.

एक इंटरव्यू में शार्दुल ठाकुर ने कहा था, 'साउथ अफ्रीका से लौटने के बाद मैंने अंधेरी में ट्रेन पकड़ी. मैंने हेडफोन लगा रखा था और जल्दी से घर पहुंचना चाहता था. जो लोग मुझे ट्रेन में देख रहे थे वे सोच रहे थे कि क्या मैं सच में शार्दुल ठाकुर हूं या नहीं.'

उन्होंने कहा था, 'कुछ कॉलेज के छात्रों ने मेरी फोटो गूगल पर सर्च की और निश्चित होने के बाद उन्होंने सेल्फी के लिए पूछा. मैंने उनसे कहा कि पालघर पहुंचने दें, फिर सेल्फी लेते हैं. मेरे साथ ट्रेन के अपार्टमेंट में सफर कर रहे कई लोग आश्चर्यचकित थे कि भारतीय क्रिकेटर उनके साथ सफर कर रहा था.'

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29 साल के शार्दुल ठाकुर महाराष्ट्र के पालघर के रहने वाले हैं. शार्दुल का मुंबई लोकल से काफी पुराना जुड़ाव है. वह पांच बजे सुबह की ट्रेन पकड़कर बोरीवली जाते थे, ताकि स्कूल के लिए क्रिकेट खेल सकें. चूंकि वह रोजाना पालघर से क्रिकेट खेलने के लिए जाते थे, इसलिए उनका नाम 'पालघर एक्सप्रेस' पड़ गया. रोजाना तीन घंटे के सफर ने शार्दुल को मानसिक रूप से काफी मजबूत बना दिया.

गौरतलब है कि शार्दुल ठाकुर को ब्रिस्बेन टेस्ट में खेलने का मौका मिला था. उस टेस्ट में शार्दुल ने कुल 7 विकेट निकाले थे. साथ ही पहली पारी में बल्ले से शानदार 67 रन बनाए थे. एक समय पहली पारी में भारत के 186 रन पर 6 विकेट गिर चुके थे. तब शार्दुल ने वॉशिंगटन सुंदर के साथ 7वें विकेट के लिए 123 रन जोड़कर भारत की मैच में वापसी कराई थी.
 

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