
पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान शाहिद आफरीदी के कश्मीर से जुड़े दिए गए बयान पर टीम इंडिया के 'गब्बर' ने पलटवार किया है. भारतीय क्रिकेट टीम के ओपनर शिखर धवन ने गुरुवार को ट्वीट कर शाहिद से कहा कि पहले खुदके देश की हालत सुधारो, अपनी सोच अपने पास रखो. शिखर ने लिखा कि ज्यादा दिमाग मत लगाओ.
शिखर धवन ने अपने ट्वीट में लिखा, '' पहले खुदके देश की हालत सुधारो. अपनी सोच अपने पास रखो. अपने देश का जो हमें कर रहे हैं वो अच्छा ही है और आगे जो करना है वो हमें अच्छे से पता है. ज्यादा दिमाग मत लगाओ.
आपको बता दें कि आफरीदी को इससे पहले कई भारतीय क्रिकेटर उन्हें जवाब दे चुके हैं. इसके अलावा आम लोग भी सोशल मीडिया के जरिए आफरीदी को लताड़ लगा रहे हैं.
किस भारतीय क्रिकेटर ने क्या कहा?
सचिन ने कहा, ''हमारे देश को चलाने और मैनेज करने के लिए हमारे पास सक्षम लोग हैं, किसी बाहरी को हमें ये बताने की जरूरत नहीं है कि हमें क्या करना चाहिए.''
विराट कोहली ने किया पलटवार
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने शाहिद आफरीदी के बयान पर कहा था कि 'जैसे मैंने आपको पहले ही बताया कि कुछ मुद्दों पर कमेंट करना किसी की बेहद निजी पसंद का मसला है. जब तक मुझे इस पूरे मसले की पूरी जानकारी नहीं होगी, तो मैं इन मामलों पर कुछ कहना नहीं चाहूंगा, लेकिन निश्चित तौर पर आपकी प्राथमिकता आपके देश के साथ ही जुड़ी होंगी.''
कोहली ने कहा कि एक भारतीय होने के नाते हम देश के लिए जो अच्छा होता है वही कहते हैं. मेरी रुचि हमेशा मेरे देश के हित में है. यदि कोई इसका विरोध करता है, तो मैं उसका कभी समर्थन नहीं करूंगा.'
रैना ने भी दिया था जवाब
विराट से पहले सुरेश रैना भी आफरीदी को करारा जवाब दे चुके हैं. रैना ने लिखा, 'कश्मीर भारत का अभिन्न अंग हैं और हमेशा रहेगा. कश्मीर वह पवित्र भूमि है जहां मेरे पूर्वजों का जन्म हुआ. मैं उम्मीद करता हूं कि शाहिद आफरीदी भाई पाकिस्तान आर्मी से कश्मीर में आतंकवाद और प्रॉक्सी वार रोकने को कहेंगे. हम शांति चाहते हैं, खून-खराबा और हिंसा नहीं.'
क्या लिखा था आफरीदी ने?
आपको बता दें कि शाहिद आफरीदी ने अपने ट्विटर पर लिखा था कि 'भारत के कब्जे वाले कश्मीर में स्थिति नाजुक होती जा रही है.' आफरीदी ने लिखा, 'वहां पर आज़ादी की आवाज़ को दबाया जा रहा है और बेगुनाहों को मारा जा रहा है. लेकिन यह देख कर हैरानी हो रही है कि अभी तक सयुंक्त राष्ट्र कहां पर है. संयुक्त राष्ट्र इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा है'.