
भारतीय अंडर-17 टीम के कोच लुई नोर्टन डि माटोस वर्ल्ड कप के शुरुआती मुकाबले में अमेरिका से मिली 0-3 की हार से खुश नहीं हैं. हालांकि उन्होंने जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में खिलाड़ियों के प्रदर्शन की प्रशंसा की, जो विपक्षी टीम की तुलना में अनुभवहीन थे. पहली बार किसी वर्ल्ड कप में भाग ले रही भारतीय टीम अनुभव के मामले में काफी पीछे दिखी.
माटोस ने कहा, 'मैं टीम के खिलाड़ियों के एकजुट प्रयास से खुश हूं, लेकिन नतीजे से खुश नहीं हूं. जैसा कि मैं पहले ही कह चुका हूं कि हमारी और अमेरिकी टीम में काफी अंतर है, वे काफी अनुभवी हैं और यहां आने से पहले तैयारियों के लिए पिछले दो महीनों में कई अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके थे.'
उन्होंने उम्मीद जताई कि अगर वे इसी तरह खेलते रहे तो भविष्य में बेहतरीन टीमों को टक्कर दे सकते हैं. कोच ने कहा, 'खिलाड़ियों को अगर अनुभव मिल जाए, तो वे किसी टीम के सामने चुनौती पेश कर सकते हैं. वे कभी भी 40,000 दर्शकों की क्षमता के स्टेडियम में नहीं खेले और अब खेले तो इतनी मजबूत अमेरिकी टीम से.
भारतीय टीम ने पहला गोल 31वें मिनट में पेनल्टी में गंवा दिया था. कोच ने कहा, 'हमने पहले हाफ में गोल गंवाया, जिससे बचा जा सकता था. हमें गोल करने का मौका मिला था, अगर हम वो गोल कर देते, तो शायद स्कोर लाइन 1-2 हो सकती थी.और अमेरिकी टीम अंतिम 10 मिनट में इतनी आक्रामक न होकर डिफेंसिव होती.'
कोच ने कहा, 'हमारे खिलाड़ी शुरू में थोड़े झिझक रहे थे. लेकिन दूसरे हाफ में वे काफी आत्मविास से भरे थे. लेकिन वर्ल्ड कप में खेलने का अनुभव उन्हें भविष्य में मदद करेगा. वहीं, अमेरिका के कोच जॉन हैकवर्थ अपनी टीम के प्रदर्शन से खुश नहीं थे. उन्होंने भारतीयों के जज्बे की प्रशंसा की. हैकवर्थ ने कहा सेंट्रल डिफेंडर अनवर अली और संजीव स्टालिन काफी अच्छे थे, लेकिन गोलकीपर धीरज मोईरांगथेम शानदार थे, जिन्होंने हमारे काफी प्रयासों को विफल किया और हमारे गोल रोके.