
भारत स्टार शटलर वर्ल्ड नंबर-4 पीवी सिंधु ने वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल में अपनी हार की वजह बताई है. नोजोमी ओकुहारा के खिलाफ खिताबी मुकाबले के अंतिम क्षणों में ऐतिहासिक स्वर्ण पदक उनके हाथ से फिसल गया था.
वर्ल्ड बैडमिंटनः फाइनल में जापानी शटलर से हारीं सिंधु, सिल्वर मेडल से करना पड़ा संतोष
22 साल की बैडमिंटन स्टार सिंधु निर्णायक गेम में 20-20 के अंक पर अहम गलती का जिक्र करते हुए कहा, 'मैं दुखी हूं. तीसरे गेम में 20-20 अंक पर यह मैच किसी का भी था. दोनों लोगों का लक्ष्य स्वर्ण पदक था और मैं इसके बहुत करीब थी, लेकिन आखिरी क्षण में सब कुछ बदल गया.'
उन्होंने कहा, 'उन्हें हराना आसान नहीं है. जब भी हम खेले, तो वह आसान मुकाबला नहीं रहा, वह बहुत मुश्किल था. मैंने कभी उन्हें हल्के में नहीं लिया. हमने कभी कोई शटल नहीं छोड़ी. मैं मैच के लंबे समय तक चलने के लिए तैयार थी, लेकिन मुझे लगता है कि यह मेरा दिन नहीं था. '
1 घंटे 49 मिनट तक चले मैच के बारे में हैदराबाद की खिलाड़ी ने कहा, 'यह मानसिक और शारीरिक तौर पर काफी कठिन मैच था. यह मुकाबला इस टूर्नामेंट का सबसे लंबे समय तक चलने वाला मैच था. सिंधु ने कहा कि कुल मिलाकर विश्व चैंपियनशिप का फाइनल भारतीयों के लिए संतोषजनक रहा.'
'उन्होंने कहा, हम भारतीय बहुत गौरवान्वित हैं कि हमने साइना के अच्छे प्रदर्शन के साथ दो पदक जीते. मुझे बहुत गर्व है कि मैं देश के लिए रजत पदक जीत पाई. इससे मुझे काफी आत्मविास मिला है तथा मैं भविष्य में और खिताब जीतूंगी.'