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वर्ल्ड बैडमिंटनः मैच हारने के बाद पीवी सिंधु की आंखों में आंसू

कुछ किस्मत और कुछ विपक्षी ख‍िलाड़ी की प्रतिभा की वजह से उनका वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप के 40 साल के इतिहास में भारत की ओर से गोल्ड मेडल जीतने का सपना अधूरा रह गया. उन्हें सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा. वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिंधु का यह तीसरा मेडल है. उन्होंने 2013 और 2014 में ब्रॉन्ज मेडल जीते थे. ग्लास्गो (स्कॉटलैंड) में 22 साल की सिंधु ने वर्ल्ड नंबर- 10 चीन की 19 साल की चेन यू फेई को 21-13, 21-10 से हराकर फाइनल में जगह बनाई थी.

पीवी सिंधु पीवी सिंधु
अंकुर कुमार
  • ,
  • 28 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 12:09 AM IST

रियो ओलंपिक 2016 में गोल्ड मेडल जीतने की भारत की उम्मीदें टूटने के बाद एक बार दोबारा भारत की स्टार शटलर पीवी सिंधु वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में इतिहास रचने से चूक गईं. इस हार के बाद वह काफी भावुक हो गईं. यही नहीं उनकी आंखों से आंसू झलक पड़ें. हालांकि आपको बता दें पीवी सिंधु ने इस मैच को जीतने के लिए अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ी थी. हालांकि कुछ किस्मत और कुछ विपक्षी ख‍िलाड़ी की प्रतिभा की वजह से उनका वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप के 40 साल के इतिहास में भारत की ओर से गोल्ड मेडल जीतने का सपना अधूरा रह गया. उन्हें सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा. वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिंधु का यह तीसरा मेडल है. उन्होंने 2013 और 2014 में ब्रॉन्ज मेडल जीते थे. ग्लास्गो (स्कॉटलैंड) में 22 साल की सिंधु ने वर्ल्ड नंबर- 10 चीन की 19 साल की चेन यू फेई को 21-13, 21-10 से हराकर फाइनल में जगह बनाई थी.

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अंतिम वक्त तक नहीं हारा हौसला

मैच के बारे में बात करने से पहले आपको उस अंतिम गेम के बारे में बता दें, जिसे जीतने के लिए सिंधु ने काफी पसीना बहाया और हारने की वजह से भावुक हो उठीं. दो मुश्किल गेम के बाद सिंधु को उम्मीद थी कि वह तीसरे गेम को जीतकर यह मैच अपने नाम करेगी, लेकिन 19-19 तक स्कोर बराबर रहने के बाद सिंधु ने एक पॉइंट लेकर मैच जीतने की कोश‍िश की, लेकिन जापान की नोजोमी ओकुहारा ने उन्हें अंतिम दो पॉइंट जीतने नहीं दिया और न सिर्फ गेम को 20 के मुकाबले 22 पॉइंट से बल्कि मैच को भी 21-19, 20-22, 22-20 जीत लिया.

हार के बाद वहीं लेट गईं सिंधु

वहीं इतने कड़े मुकाबले को हारने का दर्द सिंधु नहीं झेल पाईं और अंतिम पॉइंट और मैच हारते ही वह वहीं कोर्ट में लेट गईं. उठने पर अपने कोच गोपीचंद तक जाते हुए उनकी आंखें नम हो गई थीं. मीडिया के कैमरों में साफ दिख रहा था कि उनकी आंखों में आंसू थे. उसके बाद सिंधु ने तौलिए से चेहरा पोछ लिया.

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शुरू से अक्रामक खेलीं

पहले गेम की शुरुआत से ही सिंधु ने आक्रामक खेल दिखाया. लंबे कद का फायदा उठाते हुए सिंधु ने अच्छे स्मैश और ड्रॉप खेले. पहले गेम के हाफ तक सिंधु के पास 11-5 पॉइंट की बढ़त थी लेकिन उसके बाद ओकुहारा ने वापसी की और स्कोर 14-14 पॉइंट तक जा पहुंचा. इसके बाद ओकुहारा ने बेहतरीन वापसी करते हुए पहला गेम 21-19 से जीत लिया.

दूसरे गेम में सिंधु ने शुरू से आक्रामक खेल दिखाया. जल्द ही उनके पास 5-1 की बढ़त आ गई. इस गेम को सिंधु ने 22-20 से जीता.

सायना का इतिहास दोहराया

सिंधु वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचनेवाली साइना नेहवाल के बाद दूसरी भारतीय खिलाड़ी रहीं. 2015 में साइना ने स्पेन की कैरोलिना मारिन के हाथों फाइनल गंवाया था. तब साइना इस टूर्नामेंट में सिल्वर मेडल जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनी थीं

 

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