
ऑस्ट्रेलियाई टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए टी20 वर्ल्ड का खिताब जीत लिया. रविवार को दुबई में खेले गए मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने न्यूजीलैंड को आठ विकेट से मात दी. वनडे क्रिकेट में पांच बार विश्व चैम्पियन रह चुकी कंगारू टीम का यह टी20 फॉर्मेट में पहला खिताब रहा.
ऑस्ट्रेलिया को चैम्पियन बनाने में डेविड वॉर्नर, मिचेल मार्श और मैथ्यू वेड जैसे बल्लेबाजों का अहम योगदान रहा. वहीं, गेंदबाजी में एडम जाम्पा, जोश हेजलवुड जैसे बॉलर्स छाए रहे. आइए जानते हैं ऑस्ट्रेलियाई टीम के इस खिताबी जीत के सफर के बारे में-
पहला मैच, बनाम दक्षिण अफ्रीका : पांच विकेट से जीत
ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने फॉर्म में चल रहे साउथ अफ्रीकी लाइन-अप के खिलाफ अपनी योजनाओं को सरल रखते हुए टेस्ट टीम को एक ठोस शुरुआत दिलाई. जोश हेजलवुड (2/19) और ग्लेन मैक्सवेल शुरुआती ओवर में अपनी छाप छोड़ने में सफल रहे, वहीं बीच के ओवरों में एडम जाम्पा ने दो विकेट चटकाकर साउथ अफ्रीका को बड़ा स्कोर नहीं बनाने दिया.
119 रनों का लक्ष्य आसान होना चाहिए था, लेकिन ऑस्ट्रेलियाई ओपनर्स पेस एवं मध्य क्रम के बल्लेबाज स्पिनर्स के आगे संघर्ष करते दिखाई दिए. 81 रनों पर पांच विकेट खोने के बाद ऑस्ट्रेलिया को अंतिम 28 गेंदों में 38 रन चाहिए थे. मैथ्यू वेड और मार्कस स्टोइनिस के बीच सिर्फ 26 गेंदों पर नाबाद 40 रन की साझेदारी ने उन्हें दो गेंदें शेष रहते जीत दिला दी.
दूसरा मैच, बनाम श्रीलंका : सात विकेट से जीता
डेविड वॉर्नर की फॉर्म में वापसी और गेंद के साथ बीच के ओवरों में जाम्पा और मिचेल स्टार्क के संयोजन ने सुपर 12 चरण में ऑस्ट्रेलिया की लगातार दूसरी जीत सुनिश्चित की. एक समय श्रीलंका ने 10 वें ओवर में 78/1 रन बना लिए थे. लेकिन यहां से श्रीलंकाई पारी लड़खड़ा गई और वह छह विकेट पर 154 रन ही बना सकी.
खराब फॉर्म के चलते आलोचनाओं के घेरे में आए वॉर्नर ने फिंच के साथ पहले विकेट के लिए सिर्फ 6.5 ओवर में 70 रन जोड़ दिए. वॉर्नर के अर्धशतक की बदौलत कंगारू टीम ने केवल 17 ओवर में लक्ष्य को हासिल कर कर लिया.
तीसरा मैच, बनाम इंग्लैंड : आठ विकेट से हार
टूर्नामेंट में ऑस्ट्रेलिया को इकलौती हार इंग्लैंड के खिलाफ ही मिली थी. क्रिस वोक्स की सटीकता और आदिल राशिद और लियाम लिविंगस्टोन की स्पिन ने ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 51/5 रन कर दिया. ऐसे में पैट कमिंस और स्टार्क ने अंत में कुछ रन बटोरकर ऑस्ट्रेलिया को 125 रनों तक पहुंचाया.
लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ 126 रन का लक्ष्य कभी भी काफी नहीं होने वाला था. बटलर ने तूफानी पारी खेलकर लक्ष्य को बौना साबित कर दिया. नतीजतन इंग्लैंड ने केवल 11.4 ओवर में लक्ष्य का पीछा कर दिया. इस हार से ऑस्ट्रेलिया के नेट रन रेट को काफी झटका लगा.
चौथा मैच, बनाम बांग्लादेश : आठ विकेट से जीता
नेट रनरेट के चलते 'ग्रुप ऑफ डेथ' से बाहर होने के खतरे को भांपते हुए ऑस्ट्रेलिया ने एक असहाय बांग्लादेशी टीम के खिलाफ एक बड़ी जीत दर्ज की. पावरप्ले में तेज गेंदबाजों के हमले के बाद जाम्पा ने पांच विकेट चटकाकर बांग्लादेश को 73 रनों पर समेट दिया. फिंच ने केवल 20 गेंदों में चार छक्के की मदद से तूफानी 40 रन बनाए, जिससे कंगारुओं ने केवल 6.2 ओवर में लक्ष्य को हासिल कर लिया.
5वां मैच, बनाम वेस्टइंडीज : आठ विकेट से जीता
जोश हेजलवुड ने शानदार गेंदबाजी कर चार विकेट चटकाए, जिसके चलते वेस्टइंडीज की टीम 157 रन ही बना सकी. फिर वॉर्नर और मार्श ने सिर्फ 75 गेंदों में 124 रनों की साझेदारी की जोड़े, जिसके चलते ऑस्ट्रेलिया ने 17वें ओवर में ही लक्ष्य को हासिल कर लिया. बेहतरीन नेट रनरेट के चलते कंगारू टीम साउथ अफ्रीका को पछाड़कर सेमीफाइनल में पहुंचने में कामयाब रही.
सेमीफाइनल, बनाम पाकिस्तान : पांच विकेट से जीता
मोहम्मद रिजवान और फखर जमां के अर्द्धशतकों की बदौलत पाकिस्तान ने 176/4 रनों का स्कोर खड़ा किया था. जवाब में ऑस्ट्रेलिया का स्कोर एक समय 96/5 पर रन था और उसे आखिरी पांच ओवरों में 62 रनों की जरूरत थी. ऐसे में मैथ्यू वेड और मार्कस स्टोइनिस ने 41 गेंदों पर 81 रनों की अटूट साझेदारी कर टीम को एक ओवर बाकी रहते जीत दिला दी.
फाइनल, बनाम न्यूजीलैंड: आठ विकेट से जीता
टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए न्यूजीलैंड ने 20 ओवरों में चार विकेट पर 172 रन बनाए. कप्तान केन विलियमसन ने 48 गेंदों पर 85 रनों की शानदार पारी खेली. जवाब में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 7 गेंदें शेष रहते 173 रन बनाकर लक्ष्य हासिल कर लिया. ऑस्ट्रेलिया की जीत में मिचेल मार्श और ओपनर डेविड वॉर्नर की अहम भूमिका रही. मार्श ने नाबाद 77 और वॉर्नर ने 53 रनों की शानदार पारी खेली.