
भारत के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने टी20 वर्ल्ड कप में टीम के खराब प्रदर्शन के लिए बायो-बबल (जैविक रूप से सुरक्षित माहौल) की थकान को भी जिम्मेदार ठहराया. भारत को रविवार को न्यूजीलैंड के खिलाफ 8 विकेट से हार का सामना करना पड़ा, जिससे टीम पर ग्रुप चरण से ही बाहर होने का खतरा मंडरा रहा है. भारत को अभी तीन और ग्रुप मुकाबले खेलने हैं. अब तक उसने कोई मैच नहीं जीता है. उसे पहले मुकाबले में पाकिस्तान के खिलाफ 10 विकेट से हार का सामना करना पड़ा था.
‘बेशक... आपको ब्रेक की जरूरत होती है'
आईपीएल के दूसरे चरण और टी20 विश्व कप की शुरुआत के बीच काफी कम अंतर के बारे में पूछे जाने पर बुमराह ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘बेशक, आपको ब्रेक की जरूरत होती है.’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन यह मौजूदा समय की वास्तविकता है, जिसमें हम जी रहे हैं, यह मुश्किल है, यह महामारी का समय है और हम जैविक रूप से सुरक्षित माहौल में रह रहे हैं. हम सामंजस्य बिठाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन जैविक रूप से सुरक्षित माहौल की थकान और मानसिक थकान का असर पड़ता है.’
बुमराह ने कहा, ‘हम बार-बार एक ही चीज कर रहे हैं. चीजें इसी तरह हैं और आप यहां काफी चीजों को नियंत्रित नहीं कर सकते.’ भारत के पाकिस्तान के खिलाफ पहले मैच और न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे मैच के बीच में छह दिन का अंतर था. कप्तान विराट कोहली ने इसे थकान और हल्की चोट से निपटने में मददगार करार देने के बाद कल रात टॉस के दौरान ‘बेवकूफाना’ करार दिया था.
'कभी-कभी अपने परिवार की कमी खलती है'
उन्होंने कहा, ‘छह महीने घर से बाहर रहने के बाद कभी-कभी आपको अपने परिवार की कमी खलती है. ये सारी चीजें कभी-कभी आपके दिमाग में चलती रहती हैं. लेकिन जब आप मैदान पर उतरते हो तो इन चीजों के बारे में नहीं सोचते.’
कोहली ने कहा, ‘आप इन सारी चीजों पर नियंत्रण नहीं रख सकते, कार्यक्रम और अन्य चीजें.’ उन्होंने कहा, ‘बेशक जैविक रूप से सुरक्षित माहौल में रहने और इतने लंबे समय तक घर से दूर रहने का खिलाड़ियों के दिमाग पर असर पड़ता है. लेकिन बीसीसीआई ने हमें सहज रखने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ करने का प्रयास किया.’
टीम इंडिया जून से बायो-बबल का हिस्सा है
भारत जून से जैविक रूप से सुरक्षित माहौल का हिस्सा है जब टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल खेलने के लिए इंग्लैंड गई थी. टीम को इस मुकाबले के बाद तीन हफ्ते का ब्रेक मिला, जिसके बाद इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेली गई.
रविवार के मैच के संदर्भ में बुमराह ने कहा कि ओस के कारण गेंदबाजों को 30 रन अतिरिक्त देने के लिए बल्लेबाजों ने आक्रामक होकर खेलने का फैसला किया और ऐसा टीम प्रबंधन का सुझाव था.
बुमराह का ‘आक्रामक खेल’ का बयान कप्तान कोहली के मैच तुरंत बाद यह स्वीकार करने के बाद आया कि ना तो उनके खिलाड़ियों की ‘बॉडी लैंग्वेज’ उचित थी और ना ही उन्होंने ‘साहसिक’ रवैया दिखाया.
कप्तान और शीर्ष तेज गेंदबाज के बयानों में अंतर दर्शाता है कि ‘संवाद’ वास्तव में समस्या है. बुमराह ने खराब प्रदर्शन का बचाव करने का प्रयास करते हुए कहा, ‘बल्लेबाज 20 से 30 रन अतिरिक्त बनाना चाहते थे और इसलिए उन्होंने काफी आक्रामक शॉट खेलने का प्रयास किया, जो सफल नहीं रहा. दूसरी पारी में बल्लेबाजी आसान हो रही है इसलिए वे गेंदबाजों को बचाव के लिए अतिरिक्त रन देना चाहते थे और इस प्रक्रिया में उन्होंने काफी आक्रामक शॉट खेले.’