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T20 WC: ना माही की मेंटरशिप चली, ना कोहली की कप्तानी...टी-20 वर्ल्डकप में भारतीय टीम के सफर की कहानी

टी-20 वर्ल्डकप में भारतीय टीम का सफर खत्म हुआ है. 2007 के बाद टीम इंडिया ने कोई टी-20 वर्ल्डकप नहीं जीता है. इस टूर्नामेंट में भारतीय टीम का सफर कैसा रहा, एक नज़र डालिए...

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मोहित ग्रोवर
  • नई दिल्ली,
  • 09 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 10:09 AM IST
  • टी-20 वर्ल्डकप से बाहर हुई टीम इंडिया
  • टी-20 में कप्तानी नहीं करेंगे विराट कोहली
  • रवि शास्त्री का बतौर कोच कार्यकाल भी खत्म

T20 World Cup: कोरोना काल से उबरने के बाद जब क्रिकेट अपनी पटरी पर लौट रहा था, तब हर किसी की टी-20 वर्ल्डकप का सपना दिख रहा था. कारण ये था कि टी-20 वर्ल्डकप 2021 भारत में होने वाला था. लेकिन ऐसा हो नहीं सका, कोरोना काल के कारण टी-20 वर्ल्डकप को यूएई, ओमान में शिफ्ट करना पड़ा. लेकिन तब भी ऐसा लगा कि भारतीय टीम ये वर्ल्डकप जीत सकती है. खैर जैसा सोचा था वैसा बिल्कुल नहीं हुआ. 

टी-20 वर्ल्डकप से ठीक पहले आईपीएल खेला जा रहा था, इसी बीच में वर्ल्डकप के लिए भारतीय टीम के स्क्वॉड का ऐलान हो गया. टीम के ऐलान से इतर हैरान करने वाली चीज ये थी कि भारतीय टीम के साथ पूर्व क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी को बतौर मेंटर भेजने का फैसला लिया गया. तब ऐसा माहौल बना कि मानो इस बार टीम इंडिया ये वर्ल्डकप जीत ही सकती है. 

महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में इस बीच में चेन्नई सुपर किंग्स ने आईपीएल भी जीता. ऐसे में ये उम्मीदें भी बढ़ी थीं. खैर, भारतीय टीम ने आईपीएल के बाद जब टी-20 वर्ल्डकप का सफर शुरू किया तो प्रैक्टिस मैचों में बड़ी टीमों को मात दी. लेकिन जैसे ही ग्रुप-मैच शुरू हुए तब सबकुछ बदल गया. 

भारत का पहला ही मैच पाकिस्तान के खिलाफ था. दशकों का इतिहास था कि पाकिस्तान ने कभी भी टी-20 वर्ल्डकप में भारत को नहीं हराया है. ऐसे में इस बार वर्ल्डकप से भी यही उम्मीद थी, लेकिन इतिहास पलट गया. पाकिस्तान ने टी-20 वर्ल्डकप के पहले ही मैच में भारत को 10 विकेट से करारी मात दी, वो हार ऐसी रही कि टीम इंडिया वापसी ही नहीं कर पाई. 

कई पूर्व क्रिकेटरों ने भी इस बात का जिक्र किया, जहां पाकिस्तान के शाहीन आफरीदी का उस मैच में वो पहला स्पेल टीम इंडिया पर भारी पड़ गया. शाहीन आफरीदी ने रोहित शर्मा, केएल राहुल को आउट किया था. टीम इंडिया के वर्ल्डकप जीतने का सपना टूटने की कहानी भी वहां से ही शुरू हुई थी. पाकिस्तान ने भारत को 10 विकेट से हराया तो अगले ही मैच में न्यूजीलैंड से 8 विकेट से मात मिली. 

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न्यूजीलैंड के खिलाफ रोहित शर्मा से ओपनिंग नहीं करवाई गई, सारा बैटिंग ऑर्डर गड़बड़ हो गया. जिससे साफ हुआ कि पाकिस्तान के खिलाफ हुई हार से भारतीय ड्रेसिंग रूम में पैनिक फैल गया है. न्यूजीलैंड ने भी भारतीय टीम की चारों-खाने चित कर दिया. इसी हार के बाद भारतीय टीम का सेमीफाइनल में पहुंचना मुश्किल हो गया. 

टीम इंडिया ने इसके बाद लगातार तीन मैच में अफगानिस्तान, स्कॉटलैंड और नामीबिया को बड़े अंतर से मात जरूर दी. लेकिन वह न्यूजीलैंड से पार नहीं पा सकी. पाकिस्तान और न्यूजीलैंड की टीम ग्रुप-2 से सेमीफाइनल में पहुंचने वाली टीमें बनीं. भारतीय टीम के लक का हाल यही था कि वह अफगानिस्तान के मैच जीतने पर निर्भर हो चुकी थी.

अब जब टी-20 वर्ल्डकप 2021 का सफर खत्म हो चुका है, तब वो शुरुआती दो मैच ही याद आते हैं जो टीम इंडिया के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं थे. वर्ल्डकप के खत्म होने के साथ ही तीन चीज़ें भी खत्म हुईं. विराट कोहली अब टी-20 फॉर्मेट में कप्तानी करते नहीं दिखेंगे, रवि शास्त्री अब भारतीय टीम के कोच नहीं रहे हैं और महेंद्र सिंह धोनी भी बतौर मेंटर आपको नहीं दिखाई देंगे. बीसीसीआई ने टूर्नामेंट से पहले कहा था कि महेंद्र सिंह धोनी सिर्फ टी-20 वर्ल्डकप के लिए साथ जुड़े हैं.

अब भारतीय टीम को आगे की सोचनी चाहिए. एक साल बाद फिर टी-20 वर्ल्डकप है, अब नया कप्तान चुना जाएगा (रोहित शर्मा रेस में आगे हैं), नया कोच आ गया है. ऐसे में जरूरत है कि एक नई टी-20 टीम को खड़ा किया जाए, जो अगले साल के वर्ल्डकप के अलावा आने वाले वर्षों के लिए एक मजबूत टीम को बन सके और भारतीय टीम जीत हासिल करती रहे.  

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