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T20 WC: करारी हार का पोस्टमॉर्टम, बड़े मौकों पर बार-बार कहां चूक रही है टीम इंडिया?

टी-20 वर्ल्डकप में भारतीय टीम की लगातार दो हार किसी को पच नहीं रही है. भारत ने पाकिस्तान, न्यूजीलैंड के हाथों हार झेली है, अब उसके टी-20 वर्ल्डकप के सेमीफाइनल में पहुंचने का रास्ता काफी कठिन हो गया है.

T20 WC: Virat Kohli (Getty) T20 WC: Virat Kohli (Getty)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 02 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 7:26 AM IST
  • टी-20 वर्ल्डकप में भारत की लगातार दूसरी हार
  • बड़े मौकों पर चूक रही है टीम इंडिया
  • विराट कोहली की कप्तानी पर फिर खड़े हुए सवाल

T20 WC: टी-20 वर्ल्डकप में टीम इंडिया की लगातार दूसरी हार से प्रशंसक बेहद हैरान हैं. विराट ब्रिगेड के निराशाजनक अभियान के कारण तलाशे जा रहे हैं. कैप्टन कोहली और उनकी नेतृत्व क्षमता पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. ऐसे में भारतीय टीम की इस दुर्गति के लिए कई कारण सामने आ रहे हैं. भारत की पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के हाथों हार के लिए कोई एक कारण नहीं है. शाहीन शाह आफरीदी की पहली 12 गेंदों ने भारतीयों को दहशत में डाला तो न्यूजीलैंड के खिलाफ वह रणनीति के अनुरूप प्रदर्शन करने में नाकाम रहे.

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... कप्तान जो अपनी क्षमता के अनुसार खेल नहीं पा रहा

एक कप्तान जो अपनी क्षमता के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर पा रहा, एक टीम जिसमें कुछ खिलाड़ियों को उनके मौजूदा फॉर्म की बजाय 'हैसियत और ख्याति'  के आधार पर चुना गया और बायो-बबल (जैव सुरक्षित वातावरण) के दौर में हावी होती थकान, ये सारे मुद्दे टीम इंडिया के लचर प्रदर्शन के कारण बन सकते हैं.

विराट कोहली टूर्नामेंट से पहले ही विश्व कप के बाद टी20 की कप्तानी छोड़ने का फैसला कर चुके हैं. कोहली को एक ऐसे कप्तान के रूप में याद किया जाएगा जो द्विपक्षीय सीरीज में सफल रहे, लेकिन जिन्हें बड़ी प्रतियोगिताओं, जैसे वर्ल्ड कप (टी20 और वनडे), चैम्पियंस ट्रॉफी या आईपीएल में सफलता नहीं मिली.

माना जाता है कि कोहली को द्विपक्षीय सीरीज में अपनी गलती में सुधार करने का मौका मिल जाता है, लेकिन कई टीमों वाली प्रतियोगिता में ऐसा नहीं हो पाता है. लगता है कि इस मामले में उनकी रणनीति काम नहीं कर पाती है.

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क्लिक करें: T20 WC: ‘क्या रोहित लेफ्ट आर्म नहीं खेल सकते’, कोहली ने 8 साल का रुटीन तोड़ा और बवाल हो गया!

कप्तान के खिलाड़ियों के साथ संबंधों पर सवाल उठ रहे!

टीम के चयन में निरंतरता का अभाव देखा गया. न्यूजीलैंड के खिलाफ रोहित शर्मा की बजाय ईशान किशन से पारी का आगाज करवाने का कप्तान का फैसला गलत साबित हुआ. रविचंद्रन अश्विन को प्रत्येक प्रारूप में नजरअंदाज करने से कोहली का अपने खिलाड़ियों के साथ संबंधों पर सवाल उठ रहे हैं.

ऐसे हालात में कोहली की वनडे कप्तानी भी खतरे में लग रही है. वनडे वर्ल्ड कप 2023 में भारत में खेला जाना है और ऐसे में टीम को एक नए कप्तान की देखरेख में तैयार किया जा सकता है.

पंड्या की फिटनेस को लेकर शुरू से भ्रम की स्थिति 

ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या की फिटनेस को लेकर शुरू से टीम में भ्रम की स्थिति बनी रही. पूरी तरह फिट न होने के बावजूद हार्दिक का चयन करने का मतलब है कि चयनकर्ताओं से लेकर टीम प्रबंधन में संवादहीनता का अभाव रहा.
आईपीएल के बाद जब लगने लगा कि हार्दिक गेंदबाजी नहीं कर पाएंगे तो आनन-फानन में अक्षर पटेल की जगह शार्दुल ठाकुर को ऑलराउंडर के विकल्प के रूप में रखा गया. इससे पता चलता है कि टीम टी20 विश्व कप की असली चुनौती को लेकर बहुत गंभीर नहीं थी.

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टीम सेलेक्शन में खिलाड़ियों की हैसियत को तवज्जो

हार्दिक का चयन हो या फॉर्म की बजाय खिलाड़ियों की हैसियत को तवज्जो देने के लिए चयनकर्ताओं को भी जवाब देना होगा. फॉर्म पर ध्यान दिया जाता तो ऋतुराज गायकवाड़ टीम में जगह बनाने के हकदार थे. जिन्होंने आईपीएल में सर्वाधिक रन बनाए.

भुवनेश्वर कुमार पिछले दो वर्षों से किसी भी मंच पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए. उनकी गेंदबाजी में अब पहले जैसी धार नहीं रही, लेकिन तब दीपक चाहर की बजाय उन्हें चुना गया. दीपक ऐसे गेंदबाज हैं जो पावरप्ले में विकेट लेने में माहिर हैं.

इसी तरह से लेग स्पिनर के रूप में राहुल चाहर को चुना गया, जबकि रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) को आईपीएल के प्लेऑफ में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाने वाले युजवेंद्र चहल को रिजर्व में भी जगह नहीं दी गई.

खिलाड़ियों का बॉडी लैंग्वेज जीत वाला नहीं...

टीम का पिछले चार महीनों से जैव सुरक्षित वातावरण (बायो-बबल) में रहना भी हार का एक कारण रहा. इसका असर भारतीय खिलाड़ियों के हाव भाव (बॉडी लैंग्वेज) पर स्पष्ट दिखता है.

इसके लिए भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) भी जिम्मेदार है, जिसने टी20 विश्व कप से ठीक पहले आईपीएल का आयोजन करके खिलाड़ियों को तरोताजा होने का मौका नहीं दिया. कप्तान विराट कोहली ने भी इस बात का जिक्र किया था और कहा था कि टीम की बॉडी लैंग्वेज मैच जीतने वाली नहीं थी. 

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ICC की भारत के मैचों को भुनाने की कोशिश 

इसके अलावा भारत में क्रिकेट के प्रति दीवानगी को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) की उसे भुनाने की रणनीति भी टीम पर भारी पड़ रही है. भारत के सभी मैच शाम को हैं जब ओस अपनी भूमिका निभा रही है.

सभी चोटी की टीमों जैसे इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका आदि का दिन में कम से कम एक मैच है. तब पहले बल्लेबाजी करने पर ओस की भूमिका नहीं होती है, लेकिन शाम के मैचों में टॉस गंवाने और पहले फील्डिंग करने वाली टीम के हार की संभावना बढ़ जाती है. भारत दोनों मैचों में टॉस गंवा बैठा था.
 

 

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