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Carlos Alcaraz French Open Champion: फ्रेंच ओपन को मिला नया चैम्पियन, कार्लोस अल्कारेज कैसे बने लाल बजरी के नए किंग?

फ्रेंच ओपन के फाइनल में अल्कारेज के सामने चौथी सीड जर्मनी के अलेक्जेंडर ज्वेरेव की मुश्किल चुनौती थी. एक बार फिर मैच के दौरान उन्हें क्रैम्प आए, लेकिन अल्कारेज ने सारी बाधाओं को पार कर जर्मन खिलाड़ी को 5 सेटों तक चले मुकाबले में हराकर अपना पहला फ्रेंच ओपन और तीसरी ग्रैंड स्लैम खिताब जीत लिया. आखिर चुनौतियों को पार कर अल्कारेज कैसे बने लाल बजरी के नए किंग. आइए जानते हैं…

विक्रांत त्यागी
  • नई दिल्ली,
  • 11 जून 2024,
  • अपडेटेड 12:49 PM IST

9 जून 2023 को फ्रेंच ओपन के सेमीफाइनल में फिलिप-चैटरियर कोर्ट पर स्पेन के कार्लोस अल्कारेज का सामना सर्बिया के दिग्गज खिलाड़ी नोवाक जोकोविच से था. पहला सेट हारने के बाद अल्कारेज ने शानदार कमबैक करते हुए दूसरा सेट अपने नाम किया. तीसरे सेट की शुरुआत में मैच रोमांच की ऊंचाई की ओर बढ़ ही रहा था कि  अचानक स्पेनिश प्लेयर को क्रैम्प आ गए. जिसके बाद वो जोकोविच को जरा भी टक्कर नहीं दे पाए और 4 सेटों में हार गए. 

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ठीक एक साल बाद रविवार को उसी कोर्ट पर अल्कारेज एक बार फिर उतरे, लेकिन इस बार मौका ज्यादा बड़ा था और दांव पर थी Coupe des Mousquetaires (फ्रेंच ओपन के चैम्पियन को दी जाने वाली ट्रॉफी).

फाइनल में अल्कारेज के सामने चौथी सीड और पहले राउंड में 14 बार के फ्रेंच ओपन चैंपियन राफेल नडाल को हराने वाले जर्मनी के अलेक्जेंडर ज्वेरेव की मुश्किल चुनौती थी. एक बार फिर मैच के दौरान उन्हें क्रैम्प आए, लेकिन इस बार पहले के अनुभवों से सीखकर वो तैयार थे. 21 साल के स्टार ने सारी बाधाओं को पार कर जर्मन खिलाड़ी को 5 सेटों तक चले मुकाबले में हराकर अपना पहला फ्रेंच ओपन और तीसरी ग्रैंड स्लैम खिताब जीत लिया. 

चुनौतियों को पार कर अल्कारेज बने लाल बजरी के नए किंग

अल्कारेज ने फाइनल में पहुंचने के बाद कहा था कि रोलां गैरो की लाल बजरी पर जीतने के लिए 'कष्ट और दर्द में खुशी' का अनुभव करना पड़ता है. तीसरी सीड स्पेनिश खिलाड़ी का पेरिस में चैम्पियन बनना इतना आसान नहीं था. बांह की चोट के कारण वो फ्रेंच ओपन से पहले क्ले कोर्ट पर खेले जाने वाले मोंटे कार्लो मास्टर्स और बार्सिलोना ओपन टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं ले सके. इतना ही नहीं, मैड्रिड ओपन के क्वॉर्टर फाइनल में उन्हें हार मिली. इसके बाद अल्कारेज को इटालियन ओपन से भी अपना नाम वापस लेना पड़ा, जो रोलां गैरो की तैयारी के लिए मुख्य और अहम टूर्नामेंट होता है.

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फ्रेंच ओपन के पहले राउंड में अमेरिकी खिलाड़ी जेजे वोल्फ को हराने के बाद अल्कारेज ने कहा था, 'मैं अब भी अजीब महसूस कर रहा हूं. हर फोरहैंड को 100 प्रतिशत हिट करने से डर लग रहा है. ये चोट अभी भी मेरे दिमाग में है.'

टूर्नामेंट के आगे बढ़ने के साथ-साथ उनका आत्मविश्वास बढ़ता गया और फॉर्म भी बेहतर होती गई. सेमीफाइनल में अपने नंबर-1 प्रतिद्वंद्वी और दूसरी सीड इटली के यानिक सिनर को 5 सेट तक चले कड़े मुकाबले में हराने के बाद उन्होंने कहा, 'मैं मानसिक रूप से मजबूत हूं.'

उस मैच में भी अल्कारेज को क्रैम्प से जूझना पड़ा, लेकिन इस बार वो घबराए नहीं और एक साल पुरानी यादें और निराशा पीछे छोड़ते हुए मैच अपने नाम किया. फिर फ़ाइनल में भी अल्कारेज को मेडिकल टाइम-आउट लेना पड़ा और कुछ मिनटों तक ट्रेनर से ट्रीटमेंट कराया. लेकिन एक बार फिर उन्होंने हार नहीं मानी और शारीरिक रूप से सबसे चुनौतीपूर्ण ग्रैंड स्लैम अपने नाम किया. 

उतार-चढ़ाव भरे फाइनल मैच की कहानी

अपने पहले फ्रेंच ओपन खिताब के लक्ष्य के साथ कोर्ट पर उतरे अल्कारेज और ज्वेरेव दोनों ही फाइनल की शुरुआत में नर्वस दिखाई दिए. पहला सेट स्पेनिश खिलाड़ी ने जीता. लेकिन इसके बाद जर्मन खिलाड़ी ने लय हासिल की. दमदार ग्राउंडस्ट्रोक और शानदार सर्व की बदौलत उन्होंने दूसरा और तीसरा सेट अपने नाम किया. उस समय ऐसा लग रहा था मानो अल्कारेज ने शारीरिक रूप से हार मान ली हो, लेकिन दो सेट से एक से पिछड़ने के बाद तीसरी सीड खिलाड़ी ने अपनी दृढ़ता और गजब के साहस का प्रदर्शन करते हुए जोरदार वापसी की. अल्कारेज ने इसके बाद चौथे और पांचवें सेट में ज्वेरेव को कोई मौका नहीं दिया. उन्होंने चार घंटे से ज्यादा समय तक चला उतार-चढ़ाव भरा मुकाबला 6-3, 2-6, 5-7, 6-1, 6-2 से जीतकर फ्रेंच ओपन के खिताब पर कब्जा कर लिया. 

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इस तरह अपने ही कहे शब्दों के अनुरूप, तमाम बाधाओं और दर्द से जूझते हुए रविवार को अल्कारेज को आखिरकार ये ‘खुशी’ मिली जब उन्होंने चेहरे पर सहज मुस्कान के साथ Coupe des Mousquetaires हवा में लहराई, जिसका गवाह फिलिप-चैटरियर कोर्ट में मौजूद करीब 15 हजार दर्शक बने. अल्कारेज ने रोलां गैरो के साथ-साथ अपने दिमाग से शरीर पर भी विजय पाई.

अल्कारेज ने कई रिकॉर्ड किए अपने नाम 

पेरिस में इस खिताबी जीत के साथ ही अल्कारेज ने कई रिकॉर्ड अपने नाम कर किए. ओपन युग में तीनों कोर्ट पर ग्रैंड स्लैम जीतने वाले वो सबसे युवा पुरुष खिलाड़ी बने. इसके अलावा अल्कारेज ने अपने पहले तीन ग्रैंड स्लैम खिताब तीनों अलग-अलग सतहों पर जीतने का कारनामा भी हासिल किया.

क्ले कोर्ट पर रोलां गैरो में खिताब जीतने से पहले स्पेनिश खिलाड़ी ने हार्ड कोर्ट पर 2022 का यूएस ओपन और 2023 में ग्रास कोर्ट पर जोकोविच को हराकर विम्बलडन का खिताब जीता था. साथ ही अल्कारेज ने लगातार अपना तीसरा ग्रैंड स्लैम फाइनल जीता. वो अभी तक अपने सभी खिताबी मुकाबलों में अजेय रहे हैं. अल्कारेज तीन या अधिक ग्रैंड स्लैम जीतने वाले पांचवें सक्रिय पुरुष खिलाड़ी हैं. वो 21 साल की उम्र में तीन अलग-अलग ग्रैंड स्लैम टाइटल जीतने वाले यंगेस्ट प्लेयर बने.

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वर्ल्ड नंबर-2 अल्कारेज अब विम्बलडन चैंपियनशिप में अपने खिताब का बचाव करने उतरेंगे, जहां वो डिफेंडिंग चैम्पियन हैं. साल का तीसरा और सबसे पुराना ग्रैंड स्लैम 1 जुलाई से 14 जुलाई तक ऑल इंग्लैंड क्लब लंदन में खेला जाएगा. इसके बाद 26 जुलाई से शुरू हो रहे पेरिस ओलंपिक 2024 में उनकी नजरें स्पेन को मेडल दिलाने पर होंगी. जहां स्पेनिश खिलाड़ी फेवरेट होंगे, क्योंकि टेनिस प्रतियोगिता रोलां गैरो की लाल बजरी पर ही आयोजित की जाएगी. फिलहाल, अल्कारेज कड़ी मेहनत और संघर्ष से मिली फ्रेंच ओपन की शानदार जीत का आनंद उठाएंगे, जिसे उन्होंने अपनी जिंदगी का सबसे गौरवशाली पल बयां किया.

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