
रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को अब दो महीने होने को हैं. दोनों तरफ से आक्रामक रवैया अपनाया जा रहा है और इस युद्ध का अभी कोई अंत नहीं दिख रहा है. इस बीच रूस के रवैये पर दुनिया के अलग-अलग देश एक्शन ले रहे हैं. खेल के मैदान पर भी इसका असर दिख रहा है और अब टेनिस की दुनिया के सबसे बड़े टूर्नामेंट विंबलडन में रूसी खिलाड़ियों के खेलने पर रोक लग गई है.
ऑल इंग्लैंड लॉन टेनिस क्लब द्वारा 20 अप्रैल को बयान में कहा गया है कि रूस और बेलारूस के सभी खिलाड़ियों को ब्रिटेन में होने वाले टेनिस टूर्नामेंट से बैन किया जाता है. ये फैसला रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के कारण लिया जा रहा है.
बयान में कहा गया है कि हमारी जिम्मेदारी बनती है कि अलग-अलग क्षेत्रों में रूस के असर को कमज़ोर किया जाए, जिस तरह के हालात बनाए गए हैं. तमाम चीज़ों पर मंथन करते हुए हमने ये फैसला लिया है कि ब्रिटेन में होने वाले किसी टेनिस टूर्नामेंट में रूस, बेलारूस के खिलाड़ियों को एंट्री नहीं दी जाएगी.
ऑल इंग्लैंड क्लब के चेयरमैन ने कहा है कि हमें इस बात का दुख है कि इस फैसले से कई खिलाड़ियों पर असर पड़ेगा, लेकिन रूसी सरकार द्वारा लिए जा रहे एक्शन का घाटा उनको हो रहा है.
बता दें कि इस बैन का मतलब है कि टेनिस रैंकिंग में नंबर-2 खिलाड़ी डेनिल मेदवेदेव और पूर्व महिला नंबर-1 खिलाड़ी विक्टोरिया अजारेंका ही इस साल के विंबलडन में हिस्सा नहीं ले पाएंगे. विंबलटन के अलावा रूस-बेलारूस के खिलाड़ियों पर एटीपी, WTA ने भी एक्शन लिया है और खिलाड़ी अपने देश का झंडा यहां नहीं दिखा सकते हैं.