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Sania Mirza Retirement: सानिया को रिटायरमेंट के फैसले पर पछतावा, क्या बदलेगा फैसला?

टेनिस स्टार सानिया मिर्जा का ऑस्ट्रेलियाई ओपन 2022 में सफर समाप्त हो गया है. मंगलवार को सानिया और अमेरिका के राजीव राम मिक्सड डबल्स का अपना क्वार्टर फाइनल मुकाबला हार गए.

Sania Mirza (getty) Sania Mirza (getty)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 25 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 10:17 PM IST
  • ऑस्ट्रेलियाई ओपन में सानिया मिर्जा की चुनौती खत्म
  • सानिया ने 2022 सत्र के बाद संन्यास का किया है ऐलान 

Sania Mirza Retirement: टेनिस स्टार सानिया मिर्जा का ऑस्ट्रेलियाई ओपन 2022 में सफर समाप्त हो गया है. मंगलवार को सानिया और अमेरिका के राजीव राम मिक्सड डबल्स का अपना क्वार्टर फाइनल मुकाबला हार गए. इस इंडो-अमेरिकी जोड़ी को जेमी फोरलिस और जैसन कुबलर की स्थानीय जोड़ी ने 6-4, 7-6 से हरा दिया.

गौरतलब है कि सानिया मिर्जा ने हाल में घोषणा की थी कि 2022 उनका आखिरी सत्र होगा. लेकिन अब उन्हें इस फैसले पर पछतावा हो रहा है. सानिया से पूछा गया कि यह उनका आखिरी सत्र होगा तो क्या इससे टेनिस और टूर के प्रति उनका नजरिया बदल गया है.

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सानिया ने सोनी नेटवर्क के एक्स्ट्रा सर्व कार्यक्रम में कहा, 'ईमानदारी से कहूं तो मैं प्रत्येक मैच में इस बारे में नहीं सोच रही थी. सच में मुझे लगता है कि मैंने बहुत जल्दी घोषणा कर दी और मुझे इस पर पछतावा हो रहा है क्योंकि अब मुझसे केवल इसी बारे में पूछा जा रहा है.'

हैदराबाद की रहने वाली सानिया ने कहा कि वह मैच जीतने के लिये टेनिस खेलती है. उन्होंने कहा, 'मैं मैच जीतने के लिए टेनिस खेल रही हूं और जब तक मैं खेलूंगी तब तक प्रत्येक मैच जीतने की कोशिश करूंगी. इसलिए यह ऐसी चीज नहीं है जो हमेशा मेरे दिमाग में रहती है.

सानिया ने कहा, 'मुझे टेनिस खेलने में मजा आता है और मैंने हमेशा इसका लुत्फ उठाया है, फिर चाहे जीत मिले या हार. मेरा रवैया अब भी वैसा ही है और मैं अपना सौ प्रतिशत देती हूं. कभी-कभी यह काम करता है, कभी-कभी ऐसा नहीं होता है लेकिन मैं साल में आगे भी अपना शत प्रतिशत देना चाहती हूं और मैं यह नहीं सोचना चाहती कि साल के आखिर में क्या होने वाला है.'

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सानिया के नाम पर छह ग्रैंडस्लैम खिताब हैं जिनमें तीन मिश्रित युगल खिताब भी शामिल हैं. सानिया ने अपना आखिरी ग्रैंड स्लैम 2016 में ऑस्ट्रेलियन ओपन का वूमेन्स डबल्स खिताब जीतकर हासिल किया था. तब सानिया और मार्टिना हिंगिस की पहली वरीयता प्राप्त जोड़ी ने फाइनल में चेक गणराज्य की एंड्रिया लावाकोवा और लूसी हराडेका को शिकस्त दी थी. इंडो- स्विस जोड़ी का यह लगातार तीसरा ग्रैंडस्लैम खिताब था.



 

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