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स्पेन के कार्लोस अल्कारेज विम्बलडन खिताब के सिर्फ एक कदम दूर थे. नोवाक जोकोविच के खिलाफ तीसरे सेट में 5-4 के स्कोर पर अपनी सर्विस पर उनके पास तीन चैम्पियनशिप पॉइंट थे. लेकिन उम्मीद के बिल्कुल विपरीत वो थोड़ा घबरा गए और सर्बिया के दिग्गज खिलाड़ी ने इसका फायदा उठाते हुए मैच में कुछ वापसी की. इसके ठीक 20 मिनट बाद टाई-ब्रेकर में 5-4 की बढ़त पर अल्कारेज के पास फिर चैम्पियन बनने का मौका आया. उन्होंने गजब का साहस दिखाते हुए ड्रॉप शॉट विनर लगाया और एक बार फिर मैच पॉइंट हासिल किया. मगर इस बार वो चूके नहीं और लगातार दूसरी बार चैलेंज कप (विम्बलडन पुरुष विजेता को दी जाने वाली ट्रॉफी) अपने नाम कर ली.
21 साल के स्पेनिश युवा सनसनी की 24 बार के ग्रैंड स्लैम विजेता जोकोविच पर ये जीत बड़ी चौंकाने वाली भले ही नहीं रही, लेकिन इसके एकतरफा अंदाज ने जरूर सबको हैरान कर दिया. फैंस को पिछले साल जैसे विम्बलडन फाइनल की उम्मीदें थीं, जब इन्हीं दोनों खिलाड़ियों के 5 सेट तक चले कड़े मुकाबले में अल्कारेज पहली बार लंदन के सेंटर कोर्ट पर विजेता बने थे. लेकिन इस बार स्पेनिश खिलाड़ी ने पूरी कहानी ही बदल दी और जोकोविच को चारों खाने चित कर अपना टाइटल डिफेंड कर लिया. अब वो चार बार के ग्रैंड स्लैम चैम्पियन हैं.
जोकोविच के पास नहीं था अल्कारेज का जवाब
फाइनल बिल्कुल एकतरफा रहा. सबसे बड़े मैच में और प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ अल्कारेज शुरुआत से ही हावी दिखे. करीब 14 मिनट तक चले पहले ही गेम में उन्होंने जोकोविच की सर्विस ब्रेक कर दी और इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा. स्पेनिश खिलाड़ी ने कुल 14 में से 5 ब्रेक पॉइंट भुनाते हुए सीधे सेटों में सर्बियाई दिग्गज को 6-2, 6-2, 7-6 से मात दी. अल्कारेज की शानदार लय का अंदाजा उनके 31 विनर्स से लगाया जा सकता है. जबकि जोकोविच सिर्फ 9 विनर्स ही लगा पाए. शानदार सर्व और रिटर्न्स के अलावा अल्कारेज के दनदनाते फोरहैंड और बैकहैंड ग्राउंडस्ट्रोक्स का 7 बार के विम्बलडन चैम्पियन के पास कोई जवाब नहीं था. अपने शॉट्स के बेहतरीन एंगल्स से वो जोकोविच को कोर्ट के एक कोने से दूसरे कोने तक घुमा रहे थे.
बेसलाइन गेम में विरोधियों को पस्त करने में महारत हासिल रखने वाले जोकोविच ने शायद ही टेनिस कोर्ट पर अपने आप को इतना असहाय महसूस किया होगा. कमजोर बॉल या और कोई मौका मिलते ही अल्कारेज बेसलाइन से 10 बार के विम्बलडन फाइनलिस्ट को छका रहे थे. यहीं नहीं, स्पेनिश खिलाड़ी ने जोकोविच के 51 फीसदी के मुकाबले 73 फीसदी नेट पॉइंट भी जीते. जोकोविच की ये हार उनके करियर के ग्रैंड स्लैम फाइनल्स में दूसरी सबसे करारी शिकस्त थी. वो पूरे मैच में सिर्फ 10 गेम ही जीत पाए.
21 साल की उम्र में सबसे कम्प्लीट टेनिस प्लेयर
अल्कारेज के टैलेंट को लेकर कभी भी कोई संदेह नहीं था, लेकिन इतने कम समय में टेनिस की दुनिया पर इस अंदाज में छा जाने और मुकाम हासिल करने की उम्मीद शायद ही किसी ने की होगी. इसमें कोई दो राय नहीं अल्कारेज इस उम्र में सबसे कम्प्लीट टेनिस खिलाड़ी हैं. फाइनल के बाद इस बात पर खुद जोकोविच ने सहमति जताई. लंदन के ग्रास कोर्ट्स पर 2013 के बाद से सर्बियाई दिग्गज को मात देने वाले अल्कारेज सिर्फ दूसरे खिलाड़ी हैं. खास बात ये कि उन्होंने पिछले साल के कारनामे को दोहराया.
अल्कारेज ओपन युग (1968 के बाद) में अपना विम्बलडन खिताब का बचाव करने वाले 9वें और पहले स्पेनिश खिलाड़ी हैं. एक ही सीज़न में फ्रेंच ओपन और ग्रास कोर्ट ग्रैंड स्लैम जीतने वाले सिर्फ छठे प्लेयर हैं. ये शानदार उपलब्धि हासिल करने वाले वो सबसे युवा हैं. साथ ही अपने पहले 4 ग्रैंड स्लैम फाइनल में जीत हासिल करने वाले भी दूसरे ही पुरुष खिलाड़ी हैं (फ़ेडरर का 7-0 रिकॉर्ड). इसके अलावा 21 या उससे कम साल की उम्र में 4 ग्रैंड स्लैम खिताब जीतने वाले चौथे खिलाड़ी हैं. उन्होंने ब्योन बोर्ग, मैट्स विलेंडर और बोरिस बेकर जैसे टेनिस दिग्गजों की एलीट लिस्ट में अपना नाम जोड़ लिया. 4 ग्रैंड स्लैम चैम्पियनशिप के साथ अल्कारेज अब एंडी मरे और स्टेन वावरिंका से भी आगे निकल गए हैं. दोनों स्टार खिलाड़ियों के नाम 3-3 ग्रैंड स्लैम हैं.
अल्कारेज क्यों हैं सबसे खास और अलग?
ऑल राउंड गेम और मानसिक मजबूती अल्कारेज को बाकी प्रतिद्वंद्वियों से अलग और सबसे खास बनाती है. स्पेनिश प्लेयर के पास टेनिस बुक का हर शॉट है. वो खुद को हर समय बेहतर और अपने खेल में सुधार करने की कोशिश करते हैं. दबाव के क्षणों में जिस तरह वो शांत रहते हैं, अपनी उम्र से कहीं ज्यादा परिपक्वता दर्शाते हैं वो वाकई काबिलेतारीफ है. मैच के अहम मौकों और पॉइंट्स पर वो अपने आक्रामक खेल पर भरोसा रखते हैं और बेहिचक होकर अपने शॉट्स खेलते हैं. अल्कारेज ने अबतक के अपने छोटे करियर में ये साबित किया है कि उनके पास सभी कोर्ट्स (हार्ड, क्ले, ग्रास) पर ना सिर्फ खेलने, बल्कि चैम्पियनशिप जीतने की अद्भुत क्षमता है. इस बात में कोई शक नहीं कि अल्कारेज जब अपनी पूरी लय में होते हैं तो उन्हें हराना लगभग नामुमकिन है.
विम्बलडन फाइनल में जोकोविच खुद इस बात का गवाह बने. हार के बाद सर्बियाई खिलाड़ी ने स्वीकार किया और कहा, 'आज कोर्ट पर अल्कारेज के खिलाफ मैंने कमतर महसूस किया.'
'आज अल्कारेज मुझसे बेहतर थे. उन्होंने हर शॉट मुझसे बेहतर खेला. मुझे नहीं लगता कि मैच का परिणाम पलटने के लिए मैं और कुछ कर सकता था. उनके खेल में बहुत विविधता थी. उन्होंने वाक़ई मुझे पछाड़ दिया.' सबसे महानतम खिलाड़ियों में शुमार जोकोविच से ये तारीफ बेशक अल्कारेज की उपलब्धि और क्षमता को दर्शाती है. विम्बलडन फाइनल ने एक बार फिर साबित कर दिया कि अल्कारेज बड़े मंच से घबराते नहीं और अपने खेल के स्तर को उठाते हैं. टैलेंट के अलावा सफलता के लिए उनकी भूख का कोई सानी नहीं है. फिर से विम्बलडन चैम्पियन बनने पर स्पेनिश स्टार ने कहा, 'ये ट्रॉफी जीतना मेरे लिए सपने जैसा है. शुरुआत से ही मेरी यही ख्वाहिश थी.'
निश्चित रूप से 21 साल की उम्र में अल्कारेज अपने ‘सपने’ को बखूबी जी रहे हैं. उन्हीं के कहे अनुसार, वो अपने करियर के अंत में महान टेनिस खिलाड़ियों की सूची में शामिल होना चाहते हैं. नि:संदेह इस दिशा में अल्कारेज ने एक और बड़ा कदम बढ़ाया दिया है. अब उनका अगला लक्ष्य स्पेन को पेरिस ओलंपिक में मेडल दिलाने पर होगा. जहां वो रोलां गैरों के क्ले कोर्ट पर सिंगल्स और राफेल नडाल के साथ डबल्स में भी शिरकत करेंगे.