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टोक्यो ओलंपिक

प. बंगाल की प्रणति नायक- टोक्यो ओलंपिक में भारत की इकलौती जिमनास्ट

सूर्याग्नि रॉय
  • कोलकाता,
  • 21 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 4:06 PM IST
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जापान की राजधानी टोक्यो से 5,126 किमी दूर पश्चिम बंगाल के पश्चिम मिदनापुर का करकई गांव ओलंपिक के शुरू होने का इंतजार कर रहा है. इस गांव की बेटी प्रणति नायक टोक्यो ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली इकलौती जिमनास्ट है. 

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'आजतक' ने प्रणति नायक के परिवार से खास बातचीत की. परिवार के लोगों ने बताया कि कैसे पश्चिम मिदनापुर की लड़की ने टोक्यो तक का सफर तय किया. प्रणति के पिता श्रीमंत नायक ने कहा, 'जब वह स्कूल जाती थी तो हम उसे (प्रणति) हर तरह की कलाबाजी करते देखा करते थे. स्कूल में, उसने खेल से संबंधित गतिविधियों में भाग लिया और जीत हासिल की. वहां से वह ब्लॉक, जिला और फिर राज्य प्रतियोगिताओं में चली गई.'

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श्रीमंत ने दावा किया कि उनकी बेटी के कई टूर्नामेंट जीतने के बावजूद, उन्हें कोई रास्ता नहीं मिला. 2013-14 नेशनल गेम्स में स्वर्ण जीतने के बाद ही उसे SAI ने अपने मार्गदर्शन में लिया.  

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प्रणति के पिता ने आगे कहा कि करकई में जिम्नास्ट को प्रशिक्षित करने के लिए कोई बुनियादी ढांचा नहीं है. मिदनापुर में भी नहीं है. हर चीज के लिए हमें कोलकाता जाना होता है. सरकार दूर-दराज के गांवों में प्रतिभाशाली बच्चों के लिए सुविधाएं बनाए. 

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प्रणति की मां प्रतिमा देवी कहती हैं कि उनकी बेटी अपने लक्ष्यों के प्रति स्पष्ट थी और उसे हासिल करने के लिए संघर्ष को जारी रखना चाहती थी. उन्होंने आगे कहा कि बहुत से माता-पिता अपनी बेटियों की शादी कम उम्र में ही कर देते हैं. मुझे लगता है कि वे गलत हैं. बेटियों का सहयोग करना चाहिए. मेरी तीनों बेटियां पढ़ी-लिखी हैं. प्रणति खेल में आगे बढ़ाना चाहती थी, इसलिए हमने उसका समर्थन किया. 

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2016 के रियो ओलंपिक में पूर्वोत्तर की दीपा करमाकर ने भारत का प्रतिनिधित्व किया था. ओलंपिक में हिस्सा लेने वाली वह भारत की पहली जिमनास्ट थीं. 2021 में सबकी नजरें प्रणति नायक पर होंगी. वह 25 जुलाई को अपने अभियान की शुरुआत करेंगी. 

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