टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार अमेरिका (USA) पदक तालिका में शीर्ष पर है. अमेरिका को टोक्यो ओलंपिक में मेडल्स के हिसाब से नंबर-1 बताया गया. लेकिन चीन (China) ने इसे मानने से इनकार कर दिया है. उसने ओलंपिक मेडल्स की गिनती (Olympic Medal Tally) में हेरफेर कर खुद को नंबर-1 दिखाया.
(सभी फोटो- Tokyo Olympics)
चीनी मीडिया ने अमेरिका की तुलना में अधिक गोल्ड मेडल जीतने का दावा करते हुए देश को 2020 टोक्यो ओलंपिक का विजेता घोषित किया है. जबकि आधिकारिक अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने पदक तालिका में संयुक्त राज्य अमेरिका को पहले स्थान पर और चीन को दूसरे स्थान पर रखा है.
पदक तालिका के अनुसार अमेरिका ने कुल 113 मेडल्स जीते हैं. जिसमें 39 गोल्ड, 41 सिल्वर और 33 ब्रॉन्ज मेडल हैं. वहीं चीन ने कुल 88 मेडल्स जीते, जिसमें 38 गोल्ड, 32 सिल्वर और 18 ब्रॉन्ज मेडल हैं.
लेकिन पदक तालिका में अमेरिका से पीछे होने के बावजूद भी चीन ने खुद को टोक्यो ओलंपिक का विजेता घोषित कर दिया और इसके लिए उसने आंकड़ों से छेड़खानी की है.
रिपोर्टों के अनुसार, चीन ने ताइवान, हांगकांग के ओलंपिक मेडल्स (Hong Kong and Taiwan Medals) की संख्या को भी अपने खाते में जोड़ लिया. ऐसा करने के बाद उसके मेडल्स की संख्या अमेरिका से ज्यादा हो गई है.
ताइवान, हांगकांग और मकाऊ के पदकों की संख्या को जोड़ने के बाद, चीन कुल 106 पदकों वाली नई पदक तालिका दिखा रहा है, जिसमें उसके 42 गोल्ड, 37 सिल्वर और 27 ब्रॉन्ज मेडल हैं. बता दें कि ओलंपिक की शीर्ष टीम का निर्धारण जीते गए स्वर्ण पदकों की संख्या से होता है. ऐसे में इस नई पदक तालिका से चीन ऊपर है.
गौरतलब है कि हांगकांग चीन का एक विशेष प्रशासनिक क्षेत्र (SAR) है, जो 'एक देश, दो व्यवस्था' के सिद्धांत के तहत इसे नियंत्रित करता है. वहीं ताइवान को आधिकारिक तौर पर चीन गणराज्य के रूप में जाना जाता है लकें वह पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (PRC) से स्वतंत्रता का दावा करता है.
जबकि मकाऊ (Macau) चीन के दक्षिणी तट पर एक और स्वायत्त विशेष प्रशासनिक क्षेत्र है. हांगकांग की तरह, यह भी 'एक देश, दो व्यवस्था' के सिद्धांत के तहत शासन करता है. अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति हांगकांग और ताइवान को मान्यता देती है. हालांकि, वह मकाऊ को राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के रूप में मान्यता नहीं देता है. ऐसे में इन तीन अलग-अलग हिस्सों के ओलंपिक मेडल को चीन द्वारा अपने में मिलाकर खुद टोक्यो में नंबर-1 घोषित करना, अपने आप में कई सवाल खड़ा करता है.