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बजरंग ने गोल्ड न जीत पाने पर देशवासियों से मांगी माफी, बताया DP बदलने का राज

कांस्य पदक (Bronze Medal) विजेता बजरंग पुनिया (Bajrang Punia) से 'आजतक' के 'जय हो' कार्यक्रम में जब सवाल किया गया कि टोक्यो ओलंप‍िक से पहले उनकी प्रोफाइल पिक्चर (डीपी) में गोल्ड मेडल लगा था, लेकिन बाद में उनकी हाथ जोड़े हुए फोटो, ऐसा क्यों? इस पर बजरंग ने कहा कि 5 साल से मेरी वही डीपी थी. गोल्ड जीतना सपना था. लेकिन वो पूरा नहीं हो पाया.

Wrestler Bajrang Punia Wrestler Bajrang Punia
aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 14 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 3:33 PM IST
  • बजरंग ने बताया क्यों हटाई गोल्ड मेडल की डीपी
  • कांस्य के बाद गोल्ड पर है स्टार पहलवान की नजर
  • पेरिस ओलंप‍िक में स्वर्ण पदक लाने की जीतोड़ कोशिश करेंगे  

टोक्यो ओलंप‍िक (Tokyo Olympic) में कांस्य पदक (Bronze Medal) जीतने वाले भारतीय रेसलर बजरंग पुनिया (Wrestler Bajrang Punia) का अगला टारगेट 'गोल्ड' यानी स्वर्ण पदक है. 'आजतक' के खास कार्यक्रम 'जय हो' में बजरंग पुनिया ने टोक्यो में गोल्ड नहीं जीत पाने पर देशवासियों से माफी मांगी और वादा किया कि वो पेरिस ओलंप‍िक में स्वर्ण पदक लाने की जीतोड़ कोशिश करेंगे.  

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कांस्य पदक (Bronze Medal) विजेता बजरंग पुनिया (Bajrang Punia) से कार्यक्रम में जब सवाल किया गया कि टोक्यो ओलंप‍िक से पहले उनकी प्रोफाइल पिक्चर (डीपी) में गोल्ड मेडल लगा था, लेकिन बाद में उनकी हाथ जोड़े हुए फोटो, ऐसा क्यों? इस पर बजरंग ने कहा कि 5 साल से मेरी वही डीपी थी. गोल्ड जीतना सपना था. लेकिन वो पूरा नहीं हो पाया. 

बजरंग ने कहा कि इसीलिए बाद में डीपी बदल दी, डीपी में हाथ इसीलिए जोड़े हैं कि सभी देशवासियों से माफी मांगी है कि गोल्ड नहीं जीत पाया. लेकिन अब कोशिश रहेगी पेरिस ओलंपिक में वो डीपी (गोल्ड वाली) फिर लगा सकूं. पेरिस में गोल्ड का सपना पूरा करने की पूरी कोशिश करूंगा. 

रेसलर बजरंग पुनिया ने 'आजतक' के सवाल पर कहा कि कोई भी काम करो उसमें नंबर वन रहो. हमारे कोच भी यही कहते हैं, फिर तो ये ओलंपिक था. इसमें तीसरे नंबर पर रहना ठीक नहीं. बजरंग ने आगे कहा कि हमारे हाथ में मेहनत करना है, वो हम कर रहे हैं. फल देना ऊपर वाले के हाथ में हैं. मैं दो ही चीजों पर भरोसा करता हूं, एक तो अपनी मेहनत पर और दूसरा भगवान पर. अब मेरा अगला टारगेट पेरिस है. 

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बजरंग पुनिया कहते हैं कि मेरे पिता का सपना था कि उनका एक बेटा पहलवान बने. मैंने 7 साल की उम्र में पहलवानी शुरू कर दी थी. मिल्खा सिंह से उन्हें बहुत प्रेरणा मिली. बजरंग ने कहा कि मैं उनसे एक कार्यक्रम में भी मिला था. मुझे ये देखकर अच्छा लगा था कि वो हमको जानते हैं. उन्होंने मेरा हालचाल पूछा था.

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