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आगामी टोक्यो ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ी बिना ब्रांड के कपड़े पहने नजर आएंगे. भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने मंगलवार को एक बयान जारी कर इस बात की पुष्टि की है. दरअसल, टोक्यो ओलंपिक के लिए भारतीय खिलाड़ियों की पोशाक प्रायोजक चीनी कंपनी ली-निंग थी. पिछले सप्ताह जब टीम की किट लांच हुई तो सोशल मीडिया पर इसे लेकर विवाद खड़ा हो गया था, जिसके बाद जन भावनाओं का ख्याल रखते हुए आईओए ने चीनी कंपनी से करार खत्म करने का फैसला किया है.
आईओए अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा और महासचिव राजीव मेहता ने संयुक्त बयान में कहा, 'हम अपने फैंस की भावनाओं से परिचित हैं. इसलिए आईओए ने फैसला किया है कि हम किट बनाने वाली कंपनी के साथ किए गए मौजूदा करार से पीछे हट रहे हैं. हमारे खिलाड़ी, कोच और सपोर्ट स्टाफ बिना ब्रांड के कपड़े पहनेंगे.
दोनों ने कहा, ' इसके लिए हम खेल मंत्रालय का शुक्रिया अदा करते हैं, जिन्होंने यह फैसला लेने में हमारी मदद की. हम चाहते हैं कि हमारे खिलाड़ी अपने कपड़ों के ब्रांड को लेकर पूछे जाने वाले सवालों के बिना ट्रेनिंग और प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम हों. वैसे ही बीते डेढ़ साल से वह कोरोना महामारी से जूझ रहे हैं. हम नहीं चाहते कि उनका ध्यान भटके.'
पिछले गुरुवार को खेल मंत्री किरण रिजिजू ने टोक्यो ओलंपिक खेलों के लिए भारतीय टीम की आधिकारिक किट का अनावरण किया था. रिजिजू के आवास पर आयोजित समारोह में बजरंग पूनिया, रवि कुमार, दीपक पूनिया, नीरज चोपड़ा सरीखे खिलाड़ी मौजूद थे.
चीनी कंपनी ली-निंग 2016 के रियो ओलंपिक में भी भारतीय दल की पोशाक प्रायोजक थी. देश के एथलीटों ने 2018 में राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में ली-निंग प्रायोजित पोशाक पहने थे. पिछले साल गलवान घाटी में 20 भारतीय सैनिकों की शहादत के बाद देश में चीनी उत्पादों के बहिष्कार की आवाजें उठने लगी थीं. इसके बाद सरकार ने कई चीनी कंपनियों पर बैन लगाया था, जिसमें कई सोशल मीडिया साइट्स, गेम्स, शामिल थे.