India vs Argentina Women Hockey Semifinals: हरियाणा के कुरुक्षेत्र स्थित शाहाबाद की रहने वाली रानी रामपाल फॉरवर्ड खिलाड़ी हैं. वो जूनियर विश्व कप ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम का हिस्सा रह चुकी हैं. साथ ही दो बार कि एशियाई खेलों की पदक विजेता हैं. वर्तमान में अर्जेंटीना वर्ल्ड रैंकिंग में इस वक्त दूसरे स्थान पर है, जबकि भारत सातवें नंबर पर है.
रानी रामपाल टीम की कप्तान (India women hockey captain Rani Rampal) होने के साथ-साथ शानदार फॉरवर्ड खिलाड़ी हैं. ओलंपिक 2020 (Olympics 2020) हॉकी के क्वार्टरफाइनल मुकाबले में भारतीय महिला हॉकी टीम (Women Hockey Team) ने तीन बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से मात देकर सेमीफाइनल में जगह बनाई है. यह पहला मौका है जब भारतीय महिला टीम ओलंपिक के अंतिम-4 में पहुंची है.
रानी के नाम में उनके पिता का नाम रामपाल जुड़ा हुआ है. पिता का नाम अपने नाम में जोड़ने का फैसला खुद रानी का था क्योंकि उनके पिता ही वो व्यक्ति थे जिन्होंने बेटी के लिए समाज की कभी परवाह नहीं की और उन्हें हॉकी खेलने के लिए प्रोत्साहित किया. वहीं, रानी की मां राम मूर्ति का कहना है कि रानी बचपन से हिम्मती, पक्के इरादे वाली और मेहनत करने वाली लड़की रही है. रानी की शादी के बारे में जब बात की गई तो रानी की मां का कहना है की रानी अभी सिर्फ खेल पर ध्यान देना चाहती हैं.
रामपाल के पिता रामपाल एक घोड़ा गाड़ी चलाते थे, लेकिन कभी भी उन्होंने रानी की डाइट और उसकी प्रैक्टिस में रुकावट नहीं आने दी. रानी की मां अपनी बेटी को हर रोज सुबह 4:00 बजे मैदान छोड़कर आती थीं. वहां पर खेलने के बाद घर वापस लाते समय तक यह क्रम यूं ही चलता रहता. जब रानी पहली बार भारतीय जूनियर हॉकी टीम में खेलीं, तब उनके मां-बाप को लगा कि अब उनकी बेटी उनका और हरियाणा का नाम रोशन करेगी. आज रानी का घर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के पुरस्कारों से भरा पड़ा है.
आज से करीब 15 साल पहले अगर रानी रामपाल के पिता रामपाल ने समाज के तानों, सामाजिक बहिष्कार की धमकियों और समाज के ठेकेदारों की परवाह की होती तो आज भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तानी कर रहीं रानी रामपाल का नाम शायद कहीं नहीं होता, लेकिन बेटी पर विश्वास और समाज से लड़ने का दम रखने वाले रानी रामपाल के पिता रामपाल और माता राम मूर्ति की मेहनत रंग लाई और आज रानी पूरे हिंदुस्तान की हॉकी की रानी बन चुकी हैं.
कुरुक्षेत्र के शाहाबाद की रहने वालीं भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल का कप्तान तक का सफर इतना आसान नहीं था. गरीब घर में पैदा हुईं रानी को बचपन में समाज द्वारा हॉकी खेलने से रोका गया था. उनके माता-पिता पर दबाव डाला गया कि लड़कियां निक्कर और टी-शर्ट में भला किस तरह मैदान में खेल सकती हैं, लेकिन रानी का हौसला और मां-बाप का रानी के प्रति विश्वास इतना अधिक था कि आज रानी भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान हैं.
हॉकी के क्वार्टरफाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया पर 1-0 से जीत के बाद से ही हरियाणा के कुरुक्षेत्र के शाहाबाद उपमंडल में जश्न का माहौल है. भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल के घर बधाई देने वाले लोगों का आना-जाना लगा हुआ है. वहीं, आज के सेमाफाइनल मुकाबले में भी उनके बेहतर खेल के लिए दुआएं मांगी जा रही हैं.