Advertisement

Olympics 2020 बेटियों पर नाज़ है: पिता थे दर्जी, मां ने फैक्ट्री में किया काम... ऐसे हॉकी स्टार बनीं निशा

aajtak.in | नई दिल्ली | 04 अगस्त 2021, 5:19 PM IST

ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम इतिहास रचने से चूक गई है. अर्जेंटीना के साथ आज खेले गए सेमीफाइनल मैच में भारत महिला हॉकी टीम हार गई है. अर्जेंटीना ने 2 गोल दागे, जबकि भारत सिर्फ एक गोल कर पाया है. हालांकि हमारी बेटियों ने शानदार प्रदर्शन किया. अब ब्रॉन्ज के लिए महिला टीम की टक्कर होगी. खैर आज देश को उन सभी 16 बेटियों पर नाज है, जिन्होंने इतिहास में पहली बार महिला हॉकी टीम को अंतिम-4 में पहुंचाया है. आइए इन्हीं बेटियों में से एक निशा वारसी के बारे में जानते हैं.

ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम इतिहास रचने से चूक गई है. अर्जेंटीना के साथ आज खेले गए सेमीफाइनल मैच में भारत महिला हॉकी टीम हार गई है. अर्जेंटीना ने 2 गोल दागे, जबकि भारत सिर्फ एक गोल कर पाया है. हालांकि हमारी बेटियों ने शानदार प्रदर्शन किया. अब ब्रॉन्ज के लिए महिला टीम की टक्कर होगी. खैर आज देश को उन सभी 16 बेटियों पर नाज है, जिन्होंने इतिहास में पहली बार महिला हॉकी टीम को अंतिम-4 में पहुंचाया है. आइए इन्हीं बेटियों में से एक निशा वारसी के बारे में जानते हैं.

5:17 PM (3 वर्ष पहले)

सेमीफाइनल में हार गई महिला टीम

Posted by :- Vishal Kasaudhan

भारत की महिला हॉकी टीम भी सेमीफाइनल से आगे नहीं बढ़ पाई है. उसे अर्जेंटीना के हाथों 1-2 से हार मिली है. टीम इंडिया अब कांस्य पदक के लिए खेलेगी. महिला टीम से पहले पुरुष टीम भी सेमीफाइनल का मैच हारी थी. उसे बेल्जियम से शिकस्त मिली थी. 

3:51 PM (3 वर्ष पहले)

भारत 1:0 से आगे, जीतेंगी हमारी बेटियां!

Posted by :- Vishal Kasaudhan
3:45 PM (3 वर्ष पहले)

गुरजीत कौर ने दागा पहला गोल

Posted by :- Vishal Kasaudhan
3:31 PM (3 वर्ष पहले)

खिलाड़ियों को नहीं लेना चाहिए कोई प्रेशर: पूर्व हॉकी कप्तान

Posted by :- Vishal Kasaudhan
Advertisement
3:25 PM (3 वर्ष पहले)

इन 16 बेटियों पर नज़रें

Posted by :- Vishal Kasaudhan

भारत की बेटियों के सामने आज इतिहास रचकर पहली बार ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने का चांस है. पूरे देश की नज़रें आज टोक्यो में टीम इंडिया पर टिकी हैं और सवा अरब लोगों की दुआएं देश की बेटियों के साथ हैं.  


जानिए सभी 16 बेटियों के बारे में (यहां क्लिक करें)

12:46 PM (3 वर्ष पहले)

चुनौतियां आती गईं, लेकिन निशा ने हार नहीं मानी

Posted by :- Vishal Kasaudhan

निशा वारसी ने अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू 2019 में हिरोशिमा में FIH फाइनल्स में किया. तब से वह नौ बार भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं. निशा के पिता ने किसी तरह कुछ पैसे अलग बचाए थे, जिससे निशा को टूर्नामेंट के लिए यात्रा करने में मदद मिली. आज निशा टोक्यो ओलंपिक में पूरे भारत का नाम रोशन कर रही हैं.

12:46 PM (3 वर्ष पहले)

निशा के पैदा होने पर पड़ोसियों ने मारा था ताना

Posted by :- Vishal Kasaudhan

निशा वारसी के पिता सोहराब ने कहा कि जब हमारे घर लड़की (निशा) पैदा हुई तो कई लोग ताने मार रहे थे. निशा की जिंदगी में कई सामाजिक बाधाएं भी थीं, लेकिन कोच सिवाच ने निशा का साथ दिया. 2018 में निशा को भारतीय टीम के कैंप के लिए चुना गया लेकिन घर छोड़ने का फैसला आसान नहीं था.

12:45 PM (3 वर्ष पहले)

दर्जी थे पिता, मां ने फोन फैक्ट्री में किया काम

Posted by :- Vishal Kasaudhan

हरियाणा के सोनीपत की रहने वालीं निशा वारसी पहली बार ओलंपिक में हिस्सा ले रही हैं. निशा को ओलंपिक तक का सफर तय करने के लिए कई मुश्किलों से जूझना पड़ा. निशा के पिता सोहराब अहमद दर्जी थे और निशा को हॉकी खेलने के लिए प्रोत्साहित किया था, लेकिन साल 2015 में उन्हें लकवा मार गया और उन्हें  दर्जी काम छोड़ना पड़ा. निशा की मां महरून ने एक फोम बनाने वाली कंपनी में काम किया, ताकि निशा हॉकी स्टार बन सके.