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Olympics: पीएम मोदी ने की हॉकी टीम के कप्तान से बात, हार के बाद रोए गुरजंत के परिजन

गुरजंत सिंह की बहन और मां मैच का रुख बदलते ही रोने लगीं. इस मौके पर परिजनों का कहना है कि हार-जीत तो होती रहती है, लेकिन पेनल्टी कॉर्नर ने मैच का रुख बदल दिया.

हार के बाद रोए गुरजंत सिंह के परिजन हार के बाद रोए गुरजंत सिंह के परिजन
अमित शर्मा
  • अमृतसर,
  • 03 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 12:20 PM IST
  • सेमीफाइनल में बेल्जियम से हारी टीम इंडिया
  • ... हार के बाद रोए गुरजंत सिंह के परिजन

टोक्यो ओलंपिक के सेमीफाइनल में बेल्जियम के हाथों मिली हार के बाद भारतीय पुरुष हॉकी टीम के खिलाड़ियों के साथ उनके परिजन और फैन्स भी निराश हैं. ये हार टीम इंडिया को कई वर्षों तक दर्द देगी. हार के बाद टीम इंडिया के खिलाड़ी गुरजंत सिंह के परिजन खूब रोए. 

हालांकि, गुरजंत की बहन ने कहा, यह गर्व की बात है कि हम सेमीफाइनल तक पहुंचे.' अमृतसर के जंडियाला में टीम इंडिया के इस स्टार खिलाड़ी के घर में खुशियां एक दम से गम में बदल गईं. परिजनों का कहना है कि एक मैच अभी भी बचा है, उम्मीद है कि हम कांस्य पदक जीतेंगे. 

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गुरजंत की बहन और मां मैच का रुख बदलते ही रोने लगीं. इस मौके पर परिजनों का कहना है कि हार-जीत तो होती रहती है, लेकिन पेनल्टी कॉर्नर ने मैच का रुख बदल दिया.

पीएम मोदी ने की कप्तान से बात

वहीं, हार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह से फोन पर बात की है. पीएम ने पूरे टर्नामेंट में टीम इंडिया के अच्छे खेल की तारीफ की है और अगले मुकाबले के लिए शुभकामनाएं दी हैं.  

टीम के कोच ग्राहम रीड ने कहा कि हमने मैच जीतने के मौके बनाए. ऑस्ट्रेलिया के साथ बेल्जियम दुनिया की सबसे अच्छी टीम है और इन टीमों के खिलाफ आपको मौके का फायदा उठाना होगा. दुर्भाग्य से हमने नहीं किया. 

49 साल सेमीफाइनल में पहुंची थी टीम इंडिया

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भारतीय टीम 49 साल बाद ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंची थी और अब वह ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी के बीच होने वाले दूसरे सेमीफाइनल में पराजित होने वाली टीम से कांस्य पदक के लिए गुरुवार को भिड़ेगी.

भारत की तरफ से हरमनप्रीत सिंह (7वें) और मनदीप सिंह (9वें मिनट) ने गोल किए, जबकि बेल्जियम के लिए अलेक्सांद्र हेंड्रिक्स (19वें, 49वें और 53वें मिनट) ने तीन, जबकि लोइक फैनी लयपर्ट (दूसरे मिनट) और जॉन जॉन डोहमेन (60वें मिनट) ने एक गोल किया.

भारत ने आखिरी बार मास्को ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था, लेकिन वह म्यूनिख ओलंपिक 1972 के बाद पहली बार सेमीफाइनल में पहुंचा था. मॉस्को ओलंपिक में मैच राउंड रोबिन आधार पर खेले गए थे.
 

 

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