
स्टार भारतीय बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल में जगह बना ली है. इसके साथ ही लवलीना ने टोक्यो ओलंपिक में भारत का दूसरा पदक सुनिश्चित कर दिया है. शुक्रवार को 69 किलो वेल्टरवेट कैटेगरी के क्वार्टर फाइनल में उन्होंने चीनी ताइपे की निएन चिन चेन को 4-1 से शिकस्त दी. सेमीफाइनल में लवलीना का सामना बुधवार को मौजूदा विश्व चैम्पियन तुर्की की बुसेनाज सुरमेनेली से होगा.
पहले रांउड में लवलीना चीनी ताइपे की मुक्केबाज पर भारी पड़ीं. भारतीय बॉक्सर ने कुछ बेहतरीन राइट और लेफ्ट हुक जड़े. दूसरी ओर निएन चेन ने भी अटैक करने की कोशिश की, लेकिन लवलीना के डिफेंस का तोड़ नहीं ढूंढ पाई. पहले रांउड में तीन जजों ने लवलीना और दो जजों ने विपक्षी मुक्केबाज को बेहतर माना.
दूसरे राउंड में भारतीय बॉक्सर पूरी तरह अपने विपक्षी खिलाड़ी पर हावी रहीं. पांचों जजों ने लवलीना के प्रदर्शन को बेहतर माना. दो राउंड में बढ़त हासिल करने के बाद लवलीना ने डिफेंसिव होकर खेलना उचित समझा. निएन चिन चेन ने कुछ पंच जड़ने की कोशिश की, लेकिन लवलीना ने इन प्रयासों का खूबसूरती से बचाव किया. तीसरे राउंड में चार जजों ने लवलीना के पक्ष में फैसला दिया.
असम की 23 साल की मुक्केबाज लवलीना बोरगोहोन की निएन चिन चेन के खिलाफ यह पहली जीत है. इससे पहले लवलीना ने तीन मौकों पर निएन का सामना किया था, जिसमें उन्हें हार झेलनी पड़ी थी.
लवलीना को पहले जज ने 30, दूसरे ने 29, तीसरे ने 28, चौथे ने 30 और पांचवें जज ने 30 अंक दिए. वहीं, निएन चिन को पहले जज ने 27, दूसरे ने 28, तीसरे ने 29, चौथे ने 27 और आखिरी जज ने भी कुल 27 अंक दिए.
लवलीना बोरगोहेन ओलंपिक की मुक्केबाजी इवेंट में पदक जीतने वाली तीसरी भारतीय बॉक्सर हैं. इससे पहले विजेंदर सिंह और एमसीसी मैरीकॉम यह उपलब्धि हासिल कर चुकी हैं. सबसे पहले विजेंदर सिंह ने बीजिंग ओलंपिक (2008) के मिडिलवेट कैटेगरी में कांस्य पदक जीता था. 2012 के लंदन ओलंपिक में एमसीसी मैरीकॉम ने फ्लाइवेट कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया था.
लवलीना ने मार्च 2020 में आयोजित एशिया/ओसनिया ओलंपिक क्वालिफायर के सेमीफाइनल में पहुंचकर टोक्यो के लिए क्वालिफाई किया था. लवलीना ने क्वार्टर फाइनल में उज्बेकिस्तान की मफतुनाखोन मेलिएवा को 5-0 से हराकर यह उपलब्धि हासिल की. हालांकि इस टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में लवलीना चीनी मुक्केबाज होंग गु से हार गई थीं, जिसके चलते उन्हें कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा.
लवलीना ने अपने कद का फायदा उठाया
राष्ट्रीय कोच मोहम्मद अली कमर ने कहा, ‘उसने (लवलीना) जवाबी हमलों पर रणनीति पर अमल किया और अपने कद का फायदा उठाया. पिछले मुकाबले में इसी विरोधी के खिलाफ आक्रामक होने की कोशिश में वह हार गई थी. इस बार हमने उसे कहा कि आप खड़े रहो और उसे आने दो.’
उन्होंने कहा, ‘उसने जबर्दस्त धैर्य का प्रदर्शन किया और रोमांचित नहीं हुई. उसने अति आक्रामक होने की कोशिश भी नहीं की और रणनीति पर अच्छी तरह से अमल किया. वह आक्रामक होती तो चोटिल हो सकती थी.’
पिछले साल कोरोना संक्रमण की शिकार हुई लवलीना यूरोप में अभ्यास दौरे पर नहीं जा सकी थी. रेफरी ने जैसे ही विजेता के रूप में उनका हाथ उठाया, वह खुशी के मारे जोर से चीख पड़ीं.
असम के गोलाघाट जिले की लवलीना ने किक बॉक्सर के रूप में शुरूआत की थी, लेकिन बाद में भारतीय खेल प्राधिकरण के पदम बोरो ने उनकी प्रतिभा को पहचाना. उन्होंने मुक्केबाजी में उसका पदार्पण कराया और अपनी पहली ही विश्व चैम्पियनशिप में 2018 में उसने कांस्य पदक जीता. अगले साल फिर उस प्रदर्शन को दोहराया.
0-5 से हार गईं सिमरनजीत कौर
इससे पहले सिमरनजीत कौर (60 किलो) ओलंपिक खेलों में पदार्पण के साथ ही प्री-क्वार्टर फाइनल में थाईलैंड की सुदापोर्न सीसोंदी से हारकर बाहर हो गई. चौथी वरीयता प्राप्त सिमरनजीत को 0-5 से पराजय का सामना करना पड़ा. थाई मुक्केबाज दो बार की विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेता हैं और उसने 2018 एशियाई खेलों में भी रजत पदक जीता था.
....ये दो बॉक्सर भी मेडल जीतने के करीब
भारतीय मुक्केबाजों में पूजा रानी और सतीश कुमार भी क्वार्टर फाइनल में पहुंच चुके हैं. अपने अगले मुकाबले को जीतते ही इन दोनों का भी मेडल पक्का हो जाएगा. पूजा रानी ने बुधवार को 75 किलो मिडिलवेट कैटेगरी में अल्जीरिया की इचरक चाईब को 5-0 से हराकर अंतिम आठ में जगह बनाई.
वहीं, सतीश कुमार ने 91 किलो हैवीवेट कैटेगरी में जीत हासिल कर क्वार्टर फाइनल में अपना स्थान सुनिश्चित किया है. गुरुवार को खेले गए रांउड-16 के मुकाबले में सतीश ने जमैका के मुक्केबाज रिकार्डो ब्राउन को 4-1 से मात दी.