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Tokyo Olympics: शरत और मनिका पूरी कर पाएंगे भारत के पदक की आस?

टेबल टेनिस जब से ओलंपिक खेलों का हिस्सा बना भारत ने हर बार इसमें खिलाड़ी उतारे, लेकिन अब तक कोई भी पदक तक नहीं पहुंच पाया. टोक्यो ओलंपिक में टेबल टेनिस में भारत के चार खिलाड़ी अपनी चुनौती पेश करेंगे.

Manika Batra and Achanta Sharath Kamal (Getty) Manika Batra and Achanta Sharath Kamal (Getty)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 14 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 3:05 PM IST
  • टेबल टेनिस: टोक्यो ओलंपिक में भारत के चार खिलाड़ी अपनी चुनौती पेश करेंगे
  • अनुभवी अचंता शरत कमल और युवा मनिका बत्रा पर रहेंगी निगाहें

टेबल टेनिस जब से ओलंपिक खेलों का हिस्सा बना भारत ने हर बार इसमें खिलाड़ी उतारे, लेकिन अब तक कोई भी पदक तक नहीं पहुंच पाया. टोक्यो ओलंपिक में टेबल टेनिस में भारत के चार खिलाड़ी अपनी चुनौती पेश करेंगे. अनुभवी अचंता शरत कमल और युवा मनिका बत्रा ने हाल के प्रदर्शन के दम पर पदक जीतना अपना लक्ष्य बनाया है, तो जी साथियान और सुतीर्था मुखर्जी की निगाह भी उलटफेर करने पर टिकी है.

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शरत कमल के यह चौथे ओलंपिक खेल होंगे, जो भारतीय रिकॉर्ड होगा. शरत और मनिका ने अपनी रैंकिंग के आधार पर ओलंपिक में जगह बनाई, जबकि साथियान और सुतीर्था ने मार्च में दोहा में एशियाई क्वालिफायर्स के जरिए टोक्यो जाने का टिकट हासिल किया. शरत और मनिका मिक्स्ड डबल्स में भी अपनी चुनौती पेश करेंगे.

टोक्यो ओलंपिक में मिक्स्ड डबल्स की नई स्पर्धा

टेबल टेनिस को ओलंपिक में जगह बनाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा था. सियोल ओलंपिक 1988 में पहली बार पुरुष और महिला वर्ग में एकल और युगल स्पर्धाएं आयोजित की गई थीं. बीजिंग ओलंपिक 2008 के बाद युगल की जगह टीम स्पर्धा को शामिल किया गया. टोक्यो ओलंपिक 2020 में मिश्रित युगल की नई स्पर्धा जोड़ी गई है.

भारत ने 1988 सियोल से लेकर रियो ओलंपिक 2016 तक प्रत्येक खेलों में टेबल टेनिस में खिलाड़ी उतारे हैं, लेकिन अब भी उसे पहले पदक का इंतजार है. सियोल ओलंपिक में कमलेश मेहता और सुजोय घोरपड़े ने पुरुष और नियति राय शाह ने महिला वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व किया था. इसके चार साल बाद बार्सिलोना ओलंपिक में कमलेश मेहता संयुक्त 17वें स्थान पर रहे थे जो एकल में किसी भारतीय का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है.

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चेतन बबूर और शरत कमल ने अब तक तीन-तीन ओलंपिक में हिस्सा लिया है. महिलाओं में नियति रॉय और मौमा दास दो-दो ओलंपिक में भाग ले चुकी हैं, लेकिन कुछ खिलाड़ियों के ही क्वालिफाई करने के कारण भारत अभी ओलंपिक में टीम स्पर्धा में भाग नहीं ले पाया है. उसने हालांकि तीन बार 1988, 1992 और 2000 में पुरुष युगल में हिस्सा लिया था.

... टेबल टेनिस में है चीन की बादशाहत

टेबल टेनिस का जनक इंग्लैंड है और शुरू में यह यूरोप तक सीमित रहा, लेकिन समय गुजरने के साथ इसमें एशियाई देशों विशेषकर चीन का दबदबा बन गया. चीन ने ओलंपिक खेलों में अब तक 28 स्वर्ण, 17 रजत और 8 कांस्य पदक सहित कुल 53 पदक जीते हैं.

चीन की बादशाहत का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि उसके अलावा केवल दक्षिण कोरिया (3 स्वर्ण) और स्वीडन (1 स्वर्ण) ही ओलंपिक टेबल टेनिस में सोने के तमगे जीत पाए हैं. चीन की तीन महिला खिलाड़ियों वांग नान, देंग यिपिंग और झयांग यिंगयिंग ने ओलंपिक में 4-4 स्वर्ण पदक जीते हैं. पुरुष वर्ग में भी चीन के वांग हाओ सबसे आगे हैं, जिन्होंने 2 स्वर्ण और 3 रजत पदक अपने नाम किए हैं.

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