
टोक्यो ओलंपिक में सेमीफाइनल मुकाबला गंवाने वाले बजरंग पुनिया ने भारत को कांस्य पदक दिलाया है. शनिवार को कुश्ती के 65 किग्रा भार वर्ग के ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में उन्होंने कजाखस्तान के पहलवान दौलत नियाजबेकोव को 8-0 से पछाड़ा. नियाजबेकोव रेपचेज मुकाबला जीतकर इस मैच में उतरे थे. इस जीत से बजरंग ने नियाजबेकोव से विश्व चैम्पियनशिप 2019 के सेमीफाइनल में मिली हार का बदला भी चुकता कर लिया.
बजरंग शुरू से ही दृढ़ इरादों के साथ मैट पर उतरे. उन्होंने पहले पीरियड दो अंक बनाए और इस बीच अपने रक्षण का अच्छा नमूना पेश किया. वह दूसरे पीरियड में अधिक आक्रामक नजर आए, जिसमें उन्होंने छह अंक हासिल किए.
टोक्यो खेलों में भारत के 7 मेडल रहे. भाला फेंक में नीरज चोपड़ा ने गोल्ड पर कब्जा जमाया. इससे पहले कुश्ती में बजरंग पुनिया ने कांस्य दिलाया. पहलवान रवि दहिया (57 किग्रा भार वर्ग) और भारोत्तोलन में मीराबाई चनू ने रजत पदक पर कब्जा किया.
भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने कांस्य पदक जीता. बैडमिंटन में पीवी सिंधु और बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन के नाम भी कांस्य पदक हैं. ओलंपिक में यह भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा. 2012 के लंदन ओलंपिक में भारत ने 6 पदक जीते थे.
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27 साल के बजरंग के पदक जीतने से ओलंपिक के कुश्ती में भी भारत ने अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की बराबरी कर ली है. सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त ने 2012 के लंदन खेलों में एक रजत और एक कांस्य पदक जीता था. इस ओलंपिक में रवि दहिया ने गुरुवार को 57 किग्रा में रजत पदक जीता था और अब बजरंग ने कांस्य अपने नाम किया.
शुक्रवार को सेमीफाइनल में बजरंग को अजरबैजान के हाजी एलियेव ने मात दी थी, जिससे भारतीय पहलवान का गोल्ड या सिल्वर जीतने का मौका खत्म हो गया. आखिरी क्षणों में बजरंग ने वापसी की, लेकिन उन्हें मैच जीतने के लिए ज्यादा अंकों वाली पकड़ की जरूरत थी. मुकाबले के आखिरी 30 सेकेंड में उन्होंने अपना हमला तेज किया, लेकिन एलियेव ने उन्हें कोई मौका नहीं दिया. आखिर में बजरंग मैट पर गिर गए थे.
ऐसे पहुंचे थे टोक्यो: बजरंग पुनिया ने 2019 में कजाखस्तान के नूर सुल्तान में आयोजित विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप के सेमीफाइनल में पहुंचकर पहली बार ओलंपिक के लिए क्वालिफाई किया था. बजरंग ने क्वार्टर फाइनल में कोरिया के जोंग चोलसोन को 8-1 से मात दी थी. हालांकि सेमीफाइनल में बजरंग को कजाखस्तान के दौलत नियाजबेकोव के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. बाद में बजरंग पुनिया ने 65 किलो भारवर्ग में मंगोलिया के तुल्गा ओचिर को 8-7 से हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया था. इसके साथ ही बजरंग विश्व चैम्पियनशिप में तीन पदक जीतने वाले पहले भारतीय पहलवान बन गए थे.