
भारत के स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने इतिहास रचा है. उन्होंने वो कारनामा किया है जो देश के कई दिग्गज एथलीट नहीं कर पाए थे. नीरज ने जैवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल जीता है. भारत का ओलंपिक एथलेटिक्स में ये पहला मेडल है और वो भी गोल्ड. भारत के लिए खेल में इससे बड़ा दिन नहीं हो सकता है.
ओलंपिक की व्यक्तिगत स्पर्धा में भारत को 13 साल बाद दूसरा गोल्ड मिला. बीजिंग ओलंपिक 2008 में पहली बार स्वर्ण पदक जीतने का कारनामा दिग्गज शूटर अभिनव बिंद्रा ने किया था.
87.58 मीटर का रहा नीरज का थ्रो
नीरज ने फाइनल मुकाबले की शुरुआत शानदार की थी. उन्होंने पहले प्रयास में 87.03 मीटर का थ्रो किया था. उनका ये फॉर्म जारी रहा. नीरज चोपड़ा ने दूसरे प्रयास में 87.58 मीटर का थ्रो किया. कोई भी एथलीट इससे ज्यादा का थ्रो नहीं फेंक पाया.
चेक रिपब्लिक के Jakub Vadlejch 86.67 मीटर के थ्रो के साथ दूसरे स्थान पर रहे. उन्होंने सिल्वर मेडल पर कब्जा किया. कांस्य पदक चेक रिपब्लिक के विटदेस्लाव वेसेली ने जीता. उनका थ्रो 85.44 मीटर का था.
टोक्यो का सफर
नीरज चोपड़ा ने पिछले साल साउथ अफ्रीका में आयोजित हुए सेंट्रल नॉर्थ ईस्ट मीटिंग एथलेटिक्स चैम्पियनशिप के जरिए ओलंपिक का टिकट हासिल किया था. उन्होंने 87.86 मीटर जैवलिन थ्रो कर 85 मीटर के अनिवार्य क्वालिफिकेशन मार्क को पार कर यह उपलब्धि हासिल की.
हरियाणा के पानीपत में जन्मे नीरज किसी विश्व स्तरीय एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय एथलीट है. उन्होंने 2016 में पोलैंड में हुए आईएएएफ U-20 विश्व चैंपियनशिप में 86.48 मीटर के जूनियर रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीतकर यह उपलब्धि हासिल की थी.
उसी साल नीरज चोपड़ा ने दक्षिण एशियाई खेलों में 82.23 मीटर के थ्रो के साथ एक और स्वर्ण पदक अपने नाम किया. इसके बाद 2017 में नीरज ने 85.23 मीटर तक जैवलिन थ्रो कर एशियाई एथलेटिक्स चैम्पियनशिप का गोल्ड मेडल हासिल किया. फिर 2018 के एशियन और कॉमनवेल्थ गेम्स में भी वह पीला तमगा हासिल करने में सफल रहे.