
भारत ने टोक्यो ओलंपिक में एक स्वर्ण सहित 7 पदक जीतकर इन खेलों में अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है. इससे पहले भारत ने 2012 के लंदन ओलंपिक में 6 पदक जीत थे. भारत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके उज्ज्वल भविष्य की ओर देख सकता है, जिसमें भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा ने 13 साल बाद पहला स्वर्ण दिलाया जो खेलों में ट्रैक एवं फील्ड स्पर्धा का देश का पहला पदक भी है. भारत ने इस स्वर्ण के अलावा दो रजत और चार कांस्य पदक भी जीते. भारत के ओलंपिक मेडल्स के पीछे 7 विदेशी और एक देसी शख्सियत का बड़ा हाथ है, जिनकी ट्रेनिंग टोक्यो में रंग लाई.
उवे होन (प्रमुख कोच) और डॉ. क्लाउस बार्टोनिट्ज (बायोमैकेनिकल विशेषज्ञ)
देश: जर्मनी
खिलाड़ी: नीरज चोपड़ा
खेल: भाला फेंक
पदक: सोना
भाला फेंकने वाले का शरीर धनुष और भाला तीर के समान होता है. यह डॉ. बार्टोनिट्ज का दर्शन है और इसी ने नीरज चोपड़ा के लिए एक 'जादू' की तरह काम किया. बार्टोनिट्ज इस स्पर्धा की पेचीदगियों के बारे में काफी जानकारी रखते है. उन्हें ही नीरज को ज्यादा मजबूत और लोचदार बनाने का श्रेय दिया जाता है. वह उस कोर टीम का हिस्सा थे, जिसने जर्मन थ्रोअर्स को ऊंचाइयां प्रदान कीं.
100 मीटर से अधिक भाला फेंकने वाले एकमात्र व्यक्ति उवे होन ने नीरज चोपड़ा को प्रशिक्षित किया, जब उन्होंने 2018 में राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक जीते. इन दोनों जर्मनों ने इससे पहले चीनी राष्ट्रीय टीम के साथ काम किया था. नीरज को तीन वर्षों से ओलंपिक में पदक का सबसे बड़ा भारतीय दावेदार माना जा रहा था और उनके 87.58 मीटर के थ्रो के साथ ट्रैक एवं फील्ड स्पर्धा में भारत को पहला ओलंपिक पदक विजेता मिला.
विजय शर्मा (मुख्य राष्ट्रीय कोच)
देश: भारत
खिलाड़ी: मीराबाई चनू
खेल: भारोत्तोलन 49 किग्रा
पदक: रजत
मीराबाई चनू ने पूर्व राष्ट्रीय चैम्पियन विजय शर्मा के मार्गदर्शन में खुद को निखारा. भारोत्तोलक के रूप में शर्मा का करियर कलाई की चोट के कारण खत्म हो गया था. मीराबाई का रियो ओलंपिक में क्लीन एवं जर्क में तीन में से एक भी प्रयास वैध नहीं हो पाया था. मीराबाई को इस निराशा से निकालने में विजय शर्मा ने अहम भूमिका निभाई. पांच साल पहले के इस खराब प्रदर्शन के बाद मीराबाई ने रजत जीतकर शानदार वापसी की. उन्होंने 49 किग्रा वर्ग में रजत पदक जीतकर भारोत्तोलन में पदक के 21 साल के सूखे को खत्म किया.
कमाल मलिकोव
देश: रूस
खिलाड़ी: रवि दहिया
खेल: 57 किग्रा फ्रीस्टाइल कुश्ती
पदक: रजत
सुशील कुमार के टोक्यो ओलंपिक क्वालिफिकेशन की तैयारी के लिए कमाल मलिकोव (फिटनेस ट्रेनर) का लाया गया था. लेकिन जब यह संभव नहीं हुआ तो मलिकोव को अप्रैल 2021 से टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (TOPS) के तहत रवि दहिया की मदद के लिए नियुक्त किया गया.
पोलैंड ओपन के स्वर्ण पदक मैच में मिली हार ने 23 साल के पहलवान और 34 साल के कोच दोनों को कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया था. रवि दहिया के कोच सतपाल सिंह ने भी माना कि सेमीफाइनल में 2-9 से पिछड़ने के बाद अपने प्रतिद्वंद्वी को चित करने का प्रदर्शन बेजोड़ रहा. रवि ने पुरुषों के 57 किग्रा फ्रीस्टाइल कुश्ती में रजत पदक जीत कर अपनी ताकत और तकनीक का लोहा मनवाया.
शाको बेंटिनिडिस
देश: जॉर्जिया
खिलाड़ी: बजरंग पुनिया
खेल: 65 किग्रा फ्रीस्टाइल कुश्ती
पदक: कांस्य
65 किग्रा वर्ग में शीर्ष पहलवानों में से एक बनने के लिए बजरंग का उदय तब हुआ, जब शाको बेंटिनिडिस ने बागडोर संभाली. इसके बाद हरियाणा के इस रेसलर ने ऐसे पहलवानों की तलाश में दुनियाभर की यात्रा की, जो उस पर तेज गति से हमला कर सकें. बजरंग को स्वर्ण पदक का सबसे बड़ा दावेदार माना जा रहा था. सेमीफाइनल में हार के बाद वह स्वर्ण पदक के सपने को पूरा नहीं कर सके, लेकिन कांस्य पदक जीतकर देश को सम्मान दिलाया.
राफेल बर्गमास्को (हाई परफॉर्मेंस डायरेटक्टर)
देश: इटली
खिलाडी: लवलीना बोरगोहेन
खेल: महिला वेल्टरवेट मुक्केबाजी
पदक: कांस्य
ओलंपियन के बेटे बर्गमास्को पांच बार के राष्ट्रीय चैम्पियन रहे और वह कोच के रूप में बीजिंग, लंदन और रियो ओलंपिक में भाग ले चुके थे. वह 2017 में भारतीय टीम से जुड़े और उन्हें सीनियर महिला खिलाड़ियों का हाई परफॉर्मेंस डायरेटक्टर नियुक्त किया गया. उन्हीं के मार्गदर्शन में असम की लवलीना ने कांस्य पदक जीता और वह विजेंदर सिंह और मैरीकॉम के बाद मुक्केबाजी में पदक जीतने वाली तीसरी भारतीय खिलाड़ी बन गईं.
पार्क ताए - सांग
देश: दक्षिण कोरिया
खिलाड़ी: पीवी सिंधु
खेल: महिला एकल बैडमिंटन
पदक: कांस्य
सिंधु दक्षिण कोरियाई कोच पार्क ताए-सांग के मार्गदर्शन सिंधु ने टोक्यो में पदक हासिल किया. पार्क 2004 के एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीत चुके हैं. किम जी ह्यून को व्यक्तिगत कारणों से ओलंपिक से अपना नाम वापस लेना पड़ा था, उसके बाद सितंबर 2019 से ताए-सांग ने सिंधु को कोचिंग देना शुरू किया.
टोक्यो खेलों में उनके प्रदर्शन का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सेमीफाइनल में ताइ जु यिंग के खिलाफ दो गेम गंवाने से पहले उन्होंने एक भी गेम में हार का सामना नहीं किया था.
ग्राहम रीड
देश: ऑस्ट्रेलिया
टीम: पुरुष हॉकी
पदक: कांस्य
जर्मनी को हराकर 41 साल बाद ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय पुरुष हॉकी टीम के ऑस्ट्रेलियाई कोच ग्राहम रीड सुर्खियों में हैं. ग्राहम रीड ने खुद स्वीकर किया कि भारत में हॉकी के पुनरोद्धार का हिस्सा बनना उनके लिए सौभाग्य की बात है. बार्सिलोना ओलिंपिक 1992 में रजत पदक जीतने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम का हिस्सा रहे रीड 2019 में भारत के कोच बने थे. उन्होंने ओलिंपिक जैसे मंच पर अच्छे नतीजे के लिए प्रक्रिया और युवाओं पर विश्वास पर हमेशा जोर दिया.