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Tokyo Paralympics: देवेंद्र-सुंदर का धमाल, जैवलिन थ्रो में भारत ने जीते दो पदक

टोक्यो पैरालंपिक में देवेंद्र झाझरिया और सुंदर सिंह गर्जुर ने जैवलिन थ्रो में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए भारत के खाते में दो और मेडल डाल दिए हैं.

Devendra Jhajharia (Photo-Getty) Devendra Jhajharia (Photo-Getty)
aajtak.in
  • टोक्यो,
  • 30 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 3:53 PM IST
  • देवेंद्र झाझरिया ने रजत तो सुंदर सिंह ने कांस्य पदक जीता
  • विनोद कुमार ने पैरालंपिक कांस्य पदक गंवाया

टोक्यो पैरालंपिक में देवेंद्र झाझरिया और सुंदर सिंह गर्जुर ने जैवलिन थ्रो (F46 वर्ग) में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए भारत के खाते में दो और मेडल डाल दिए हैं. देवेंद्र झाझरिया ने रजत तो सुंदर सिंह ने कांस्य पदक जीता है.

स्वर्ण पदक श्रीलंका के Mudiyanselage Herath ने जीता है. उन्होंने 67.79 मीटर का थ्रो किया. वहीं, देवेंद्र ने 64.35 मीटर और सुंदर सिंह ने 64.01 मीटर दूर भाला फेंका. राजस्थान के चुरु जिले के देवेंद्र झाझरिया ने इससे पहले रियो पैरालंपिक- 2016 में गोल्ड मेडल जीता था. उनके नाम भारत की ओर से पैरालंपिक में दो बार गोल्ड जीतने का रिकॉर्ड दर्ज है. 

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टोक्यो पैरालंपिक में भारत के लिए सोमवार का दिन शानदार रहा है. इससे पहले अवनि लखेरा ने शूटिंग में गोल्ड मेडल जीता. 19 साल की इस शूटर ने महिलाओं के 10 मीटर एयर राइफल के क्लास एसएच1 में पहला स्थान हासिल किया. उन्होंने 249.6 का स्कोर बनाया और अव्वल रहीं. पैरालंपिक्स के इतिहास में भारत का शूटिंग में यह पहला स्वर्ण पदक है. इससे पहले योगेश कथुनिया ने भारत को डिस्कस थ्रो में सिल्वर मेडल दिलाया. 

रविवार को महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविनाबेन पटेल और ऊंची कूद के एथलीट निषाद कुमार ने रजत पदक जीते. लेकिन विनोद कुमार ने पैरालंपिक कांस्य पदक गंवाया. दरअसल, भारत के चक्का फेंक (डिस्कस थ्रो) एथलीट विनोद ने सोमवार को टूर्नामेंट के पैनल द्वारा विकार के क्लासिफिकेशन निरीक्षण में ‘अयोग्य’ पाए जाने के बाद पैरालंपिक की पुरुषों की एफ52 स्पर्धा का कांस्य पदक गंवा दिया.

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स्वर्ण पदक की हैट्रिक पूरी नहीं कर पाए झाझरिया 

भारत ने इन खेलों में सर्वाधिक पदक जीतने के अपने पिछले रिकॉर्ड को पीछे छोड़ा. एथेंस (2004) और रियो (2016) में स्वर्ण पदक जीतने वाले 40 वर्षीय झाझरिया ने एफ46 वर्ग में 64.35 मीटर भाला फेंककर अपना पिछला रिकॉर्ड तोड़ा.

श्रीलंका के दिनेश प्रियान हेराथ ने हालांकि 67.79 मीटर भाला फेंककर भारतीय एथलीट का स्वर्ण पदक की हैट्रिक पूरी करने का सपना पूरा नहीं होने दिया. श्रीलंकाई एथलीट ने अपने इस प्रयास से झाझरिया का पिछला विश्व रिकॉर्ड भी तोड़ा.

झाझरिया जब आठ साल के थे तो पेड़ पर चढ़ते समय दुर्घटनावश बिजली की तार छू जाने से उन्होंने अपना बायां हाथ गंवा दिया था. उनके नाम पर पहले 63.97 मीटर के साथ विश्व रिकॉर्ड दर्ज था.

सुंदर सिंह गुर्जर  ने 64.01 मीटर भाला फेंका जो उनका इस सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. इस 25 साल के एथलीट ने 2015 में एक दुर्घटना में अपना बायां हाथ गंवा दिया था. जयपुर के रहने वाले गुर्जर ने 2017 और 2019 विश्व पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीते थे. उन्होंने जकार्ता पैरा एशियाई खेल 2018 में रजत पदक जीता था.

भारत के एक अन्य एथलीट अजीत सिंह 56.15 मीटर भाला फेंककर नौ खिलाड़ियों के बीच आठवें स्थान पर रहे.

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