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पैरालंपिक: सुमित अंतिल ने हादसे में गंवाया था पैर, अब गोल्ड जीतकर रचा इतिहास

टोक्यो पैरालंपिक में जैवलिन थ्रोअर सुमित अंतिल ने गोल्ड मेडल जीता है. उन्होंने सोमवार को पुरुषों (एफ 64 वर्ग) के फाइनल मुकाबले में स्वर्ण पदक जीता. सुमित ने 68.55 मीटर दूर भाला फेंककर गोल्ड मेडल अपने नाम किया.

India's Sumit Antil wins gold in javelin throw (F64) event, sets new World Record. (Twitter) India's Sumit Antil wins gold in javelin throw (F64) event, sets new World Record. (Twitter)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 30 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 5:28 PM IST
  • 2015 में सुमित के साथ हो गया था हादसा
  • ट्रैक्टर-ट्रॉली ने सुमित को टक्कर मार दी थी

टोक्यो पैरालंपिक में जैवलिन थ्रोअर सुमित अंतिल ने गोल्ड मेडल जीता है. उन्होंने सोमवार को पुरुषों (एफ 64 वर्ग) के फाइनल मुकाबले में स्वर्ण पदक जीता. सुमित ने 68.55 मीटर दूर भाला फेंककर गोल्ड मेडल अपने नाम किया. सुमित आंतिल का ये थ्रो वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बन गया है. 

हरियाणा के सोनीपत के रहने वाले सुमित अंतिल का जन्म 7 जून 1998 को हुआ था. सुमित जब सात साल के थे, तब एयरफोर्स में तैनात पिता रामकुमार की बीमारी से मौत हो गई थी.पिता का साया उठने के बाद मां निर्मला ने हर दुख सहन करते हुए चारों बच्चों का पालन-पोषण किया. 

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निर्मला देवी के मुताबिक, सुमित जब 12वीं कक्षा में कॉमर्स का ट्यूशन लेता था. 5 जनवरी 2015 की शाम को वह ट्यूशन लेकर बाइक से वापस आ रहा था, तभी सीमेंट के कट्टों से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली ने सुमित को टक्कर मार दी और काफी दूर तक घसीटते ले गई. इस हादसे में सुमित को अपना एक पैर गंवाना पड़ा. 

हादसे के बावजूद सुमित कभी उदास नहीं हुए. रिश्तेदारों व दोस्तों की प्रेरणा से सुमित ने खेलों की तरफ ध्यान दिया और साई सेंटर पहुंचे. जहां एशियन रजत पदक विजेता कोच वींरेंद्र धनखड़ ने सुमित का मार्गदर्शन किया और उसे लेकर दिल्ली पहुंचे. यहां द्रोणाचार्य अवॉर्डी कोच नवल सिंह से जैवलिन थ्रो के गुर सीखे. 

सुमित ने वर्ष 2018 में एशियन चैम्पियनशिप में भाग लिया, लेकिन 5वीं रैंक ही प्राप्त कर सका. वर्ष 2019 में वर्ल्ड चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता. इसी वर्ष हुए नेशनल गेम में सुमित ने स्वर्ण पदक जीत खुद को साबित किया. 

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