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कहां और कितना दिखेगा सूर्यग्रहण

बुधवार की सुबह 5 बजकर 28 मिनट से सूर्यग्रहण लग जाएगा. चांद की छाया में पूरी तरह से छिप जाएगा सूरज. सदी का सूर्यग्रहण दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में नज़र आएगा.

aajtak.in
  • नई दिल्‍ली,
  • 21 जुलाई 2009,
  • अपडेटेड 11:09 PM IST

{mosimage}बुधवार की सुबह 5 बजकर 28 मिनट से सूर्यग्रहण लग जाएगा. चांद की छाया में पूरी तरह से छिप जाएगा सूरज. सदी का सूर्यग्रहण दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में नज़र आएगा. कुछ जगहों पर तो पूर्ण सूर्यग्रहण पांच मिनट से भी ज्यादा वक्त तक देखा जा सकेगा. सूर्यग्रहण भारत के कई इलाकों में भी देखा जा सकेगा. पूर्ण सूर्यग्रहण अरब सागर में खम्भात की खाड़ी में शुरू होकर जल्द ही गुजरात में दाखिल हो जाएगा. सूरत शहर ग्रहण की मध्यरेखा पर होगा. यहां पूर्ण सूर्य ग्रहण 3 मिनट और 14 सेकेंड तक नज़र आएगा. वडोदरा में भी सूर्य ग्रहण का अनोखा नज़ारा अच्छी तरह दिखेगा.

भोपाल में भी  दिखेगा ग्रहण
मध्य प्रदेश में इंदौर और भोपाल के लोग भी सूर्य ग्रहण के गवाह बनेंगे. भोपाल में ग्रहण की पूर्णता तीन मिनट 9 सेकेंड की रहेगी. इन सभी इलाकों में सूर्यग्रहण सूर्योदय से पहले शुरू हो चुका होगा. इसके बाद ग्रहण उत्तर प्रदेश में दाखिल होते हुए इलाहाबाद के दक्षिण से वाराणसी शहर को लपेटते हुए बिहार में पहुंच जाएगा. बिहार में पटना, गया, भागलपुर समेत कई इलाकों से होते हुए ग्रहण पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी पहुंच जाएगा. यहां के बाद चंद्रमा की छाया नेपाल और भूटान होते हुए असम और अरुणाचल प्रदेश में दाखिल होगी. उसके बाद ग्रहण चीन से होता हुआ प्रशांत महासागर तक पहुंच जाएगा. प्रशांत महासागर के बोनिन द्वीप पर ये ग्रहण पूरे 6 मिनट और 39 सेकेंड तक नज़र आएगा.

किस तरह देखें सूर्यग्रहण को
सूर्यग्रहण वैज्ञानिकों के लिए लिए एक बड़ी घटना है. लेकिन आम आदमी के लिए भी ये काफी मायने रखता है. इससे पहले इतना बड़ा सूर्यग्रहण 1980 में लगा था. देश की नौजवान पीढ़ी पहली बार एक अनोखे खगोलीय नज़ारे से रू-ब-रू होगी, जब सूर्य पूरी तरह चांद की आगोश में समाया होगा. सूर्यग्रहण का जो नज़ारा बुधवार को दिखेगा, वैसा नज़ारा दोबारा 134 साल बाद नज़र आएगा. ज़ाहिर है, हर किसी के लिए पूर्ण सूर्यग्रहण देखने का ये सबसे बड़ा और आखिरी मौका है. लेकिन ये जानना ज़रूरी है कि ग्रहण किस तरह देखना सुरक्षित है.

खास किस्‍म के चश्‍मे का प्रयोग करें
ग्रहण को देखने के लिए सर्टिफाइड सोलर फिल्टर से बने चश्मों का प्रयोग करना सुरक्षित है. इसके अलावा एक और सुरक्षित तरीका है कि सूरज की छवि को दर्पण के जरिए दीवार पर डालकर ग्रहण देखा जा सकता है. जानकारों के मुताबिक ग्रहण देखने के लिए पिन होल कैमरे का प्रयोग किया जा सकता है. इसको बनाना मुश्किल नहीं है. गत्ते का कोई डिब्बा लेकर इसके एक तरफ सुई से छेद कीजिए. इसके विपरीत हिस्से में गत्ते को काटकर उसके ऊपर तेल से भीगा हुआ कागज लगा लें. कैमरा तैयार है. पिनहोल सूरज की ओर करके गत्ते के डिब्बे को बंद कर लें. {mospagebreak}इस तरह से सूर्यग्रहण को सबसे सुरक्षित और आसान तरीके से देखा जा सकता है.

एहतियात बरतना है बहुत जरूरी
{mosimage}पूरी तरह से एक्सपोज्ड एक्सरे फिल्म को भी दोहरा करके उसके जरिए आंशिक सूर्यग्रहण को देख सकते हैं. जानकारों के मुताबिक जब तक  ग्रहण आंशिक दिख रहा है सर्टिफाइड सोलर फिल्टर या अन्य सुरक्षित तरीके से सूरज को देखें. पूर्णता कब शुरू होगी और कब खत्म होगी इसके समय को अपने इलाके के लिए याद कर लें. जब चंद्रमा सूरज को पूरी तरह से ढक ले तो बिना फिल्टर के पूर्ण सूर्यग्रहण का दीदार करें. जैसे ही सूर्यग्रहण की पूर्णता खत्म होने वाली हो अपनी आंखों को सूरज  की तरफ से मोड़ लीजिए या फिर से सोलर फिल्टर के जरिए सूर्य ग्रहण देखिए. सूर्यग्रहण को बहुत सुरक्षित तरीके से देखे और बच्चों पर खास ध्यान रखें. ध्यान रखें सावधनी हटी दुर्घटना घटी.

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ग्रहण किस तरह न देखें

सूर्यग्रहण किस तरह देखें, ये जानना जितना ज़रूरी है, उससे कहीं ज़रूरी ये जानना है कि ग्रहण किस तरह ना देंखे. अगर सूर्य ग्रहण ग़लत तरीके से देखा गया तो इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है. दुनिया भर के वैज्ञानिक सूर्यग्रहण देखते वक्त कई तरह के एहतियात बरतने का सुझाव देते हैं. ग्रहण के दौरान आमतौर पर लोग पानी में सूरज की छवि देखने की गलती कर बैठते हैं. ये तरीका कतई सुरक्षित नहीं है. पानी में सूरज को देखने पर भी आपकी आंखों की रोशनी जा सकती हैं. कई लोग पानी में हल्दी या कोई अन्य पदार्थ मिलाकर सूर्यग्रहण देखने की गलती कर बैठते हैं. ये तरीका भी कतई सुरक्षित नहीं है.

दूरबीन का न करें इस्‍तेमाल
एक और गलतफहमी ये है कि अल्ट्रावॉयलेट काले चश्मों के जरिए सूर्यग्रहण देखा जा सकता है. अल्ट्रावॉयलेट चश्मे सूर्य की किरणों की तीव्रता इतना कम नहीं कर सकते कि आप सुरक्षित ढंग से सूर्यग्रहण देख पाएं. लोग कांच के टुकड़े को मोमबत्ती या दिए से काला करके भी सूर्य ग्रहण देखते हैं लेकिन इसमें ये ध्यान ज़रूर रखें कि वो पूरी तरह से काला कर दिया गया हो अन्यथा आपकी आंख को नुकसान पहुंच सकता है. दूरबीन के जरिए सूरज को देखने की कोशिश कतई न करें इससे आप अंधे हो सकते हैं. कैमरे के जरिए सूर्यग्रहण की फोटो खींचने वालों के लिए खास बात. एसएलआर या डीएसएलआर कैमरों के जरिए फोटो खींचते वक्त आईपीस में न देंखे.

आगरा में वायुसेनाकर्मी रहेंगे मुस्‍तैद
21वीं सदी के सबसे लंबे सूर्यग्रहण के लिए ऐतिहासिक शहर आगरा में भी लोगों में काफी उत्सुकता है तथा भारतीय वायुसेना कर्मियों ने इस खगोलीय घटना को कैमरे में कैद करने के विशेष प्रबंध किये हैं. वायुसेना का एक दल युद्धक विमान के जरिये सूयग्रहण के नजारे को कैमरे में कैद करेगा. शहर में खगोल वैज्ञानिक भी विमानों के जरिये इस घटना का अध्ययन करेंगे. इसके लिए पूरी तैयारियां कर ली गयी हैं.

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