Advertisement

‘पीपली लाइव’ में कलाकारों ने सीखी एक बोली

आमिर खान की फिल्म ‘पीपली लाइव’ में अलग अलग भाषाई पृष्ठभूमि से आये हैं और एक छोटे से गांव का माहौल पैदा करने के लिए सभी ने भाषा पर खूब मेहनत की है.

भाषा
  • नई दिल्ली,
  • 13 अगस्त 2010,
  • अपडेटेड 1:04 PM IST

आमिर खान की फिल्म ‘पीपली लाइव’ में नत्था का किरदार निभा रहे ओमकार दास मानिकपुरी जहां छत्तीसगढ़ से आते हैं, वहीं बुधिया की भूमिका निभाने वाले रघुवीर यादव मध्य प्रदेश के जबलपुर से ताल्लुक रखते हैं. फिल्म में देहाती अम्मा का प्रभावी और मजेदार किरदार कर रहीं फरुख जफर लखनऊ की हैं तो धनिया बनी शालिनी वत्स पटना से हैं.

फिल्म में इन कलाकारों समेत ग्रामीणों का किरदार कर रहे अन्य कई अदाकार अलग अलग भाषाई पृष्ठभूमि से आये हैं और एक छोटे से गांव का माहौल पैदा करने के लिए सभी ने भाषा पर खूब मेहनत की है.

Advertisement

फिल्म के सह निर्देशक महमूद फारुकी ने बताया कि फिल्म में भाषा को लेकर काफी मेहनत हुई है. फिल्म की शूटिंग शुरू होने से पहले एक हफ्ते तक भाषा को लेकर मुंबई में कार्यशाला की गयी जिसमें अदाकारों को स्थानीय बोली सुनाई गयी. इसके अलावा उन्हें उनके पात्रों के संवाद टेप में स्थानीय बोली में दिये गये.

ओमकार जहां छत्तीसगढ़ी बोलते हैं, वहीं फरुख ठेठ अवधी बोलती हैं. इसी तरह शालिनी विशुद्ध बिहारी लहजे वाली हैं. इन्हीं की तरह अन्य सभी कलाकारों ने फिल्म में भाषाई एकरूपता के लिए काफी मेहनत की है.

{mospagebreak}फिल्म का निर्देशन अनुषा रिजवी ने किया है और यह शुक्रवार से सिनेमाघरों में प्रदर्शित होगी. फिल्म का गीत ‘महंगाई डायन खाए जात है’ पहले ही काफी लोकप्रियता बटोर चुका है. फिल्म में काम करने वाले अधिकतर कलाकार दिवंगत रंगकर्मी हबीब तनवीर द्वारा काफी अरसे पहले शुरू किये गये नाट्य समूह ‘नया थियेटर’ से नाता रखते हैं. इस बाबत फारुकी ने बताया कि नया थियेटर के कलाकार नेचुरल गांव वाले लगते हैं, जैसे कि हमें अपनी फिल्म के लिए ग्रामीण पृष्ठभूमि में किरदार चाहिए थे.

Advertisement

उन्होंने कहा कि इस फिल्म के लिए नया थियेटर के अलावा भी देश की अलग अलग जगह के लोगों का आडिशन लिया गया.

फारुकी ने कहा, ‘इस समूह की सबसे अच्छी बात यह है कि देखने में ये कलाकार ठेठ गांव वाले लगते हैं और साथ में खूबसूरत अदाकारी भी करते हैं.’ उन्होंने कहा कि इन कलाकारों ने गांवों में भी नाटक किये हैं तो दिल्ली, मुंबई से लेकर विदेशों तक मंचों पर प्रस्तुति दी है.

बकौल फारुकी, ‘इस थियेटर के कलाकार हर तरह के मंच पर प्रस्तुति दे चुके हैं. वे दिल्ली, मुंबई से लेकर कान, जर्मनी, फ्रांस और सिंगापुर आदि सब जगह प्रस्तुति दे चुके हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement