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इस साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर एक निलंबित पुलिसकर्मी की ओर से जूता फेंकने की नाकाम कोशिश की घटना लोगों के ज़हन से गयी भी नहीं थी कि आज हरियाणा के मुख्यमंत्री भुपिंदर सिंह हुड्डा पर भी एक नौजवान ने जूता फेंक दिया.
एक रैली के दौरान हुड्डा पर जूता फेंकने वाले 21 साल के नौजवान शक्ति सिंह ने दावा किया कि वह सरकार की ओर से उसे नौकरी और घायल होने के एवज में मुआवजा देने में नाकाम रहने पर निराश है और इसलिए उसने यह कदम उठाया.
बहरहाल, प्रेस फोटोग्राफर्स गैलरी के पीछे बैठे शक्ति की ओर से मुख्यमंत्री को निशाना बनाकर फेंका गया जूता उनसे 70 फीट दूर जाकर गिरा. जिस वक्त यह घटना हुई उस समय दिल्ली से 150 किलामीटर दूर आईटीआई ग्राउंड में हुड्डा एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इस घटना के बारे में अपनी अनभिज्ञता जतायी जबकि मुख्यमंत्री ने इसे विरोधी दलों का कारनामा करार दिया.
हुड्डा के गृह जिले रोहतक के बनियानी स्थित गांव के रहने वाले शक्ति सिंह ने जब जूता फेंककर भागने की कोशिश की तो उसके बगल में बैठे लोगों ने उसे धर दबोचा. बाद में पुलिस ने उसे पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया.
शक्ति ने पुलिस थाने में कहा कि कुछ दिनों पहले एक प्रदर्शन के दौरान उसे गोली लग गयी थी और आज उसने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि राज्य सरकार ने उसे मुआवजे के तौर पर 10 लाख रुपये और एक सरकारी नौकरी देने का वादा किया था जिसे पूरा करने में वह नाकाम रही.
जिला पुलिस प्रमुख जगदीश नागर ने जूता फेंके जाने की घटना के प्रति अनभिज्ञता जतायी और कहा कि उनकी जानकारी के अनुसार रैली के दौरान झगड़ा करने वाले कुछ युवाओं ने जूता फेंका होगा. उन्होंने इस बात से इंकार किया कि जूता हुड्डा की ओर फेंका गया.
इस रैली का आयोजन सत्तारूढ़ कांग्रेस के विधायक और मुख्य संसदीय सचिव राव धान सिंह ने किया था.