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अश्विनी चिदानंदा और मनदीप कौर के आखिरी क्षणों में किये गये बेहतरीन प्रयास से महिलाओं की चार गुणा 400 मीटर रिले टीम ने मंगलवार को कृष्णा पूनिया के नक्शेकदम पर चलते हुए राष्ट्रमंडल खेलों में सोने का तमगा जीतकर भारतीय एथलेटिक्स के इतिहास में नया अध्याय जोड़ दिया.
मनदीप, चिदानंदा, मनदीप कौर और सिनी जोस की भारतीय टीम को शुरू से पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा था लेकिन उन्होंने नाईजीरिया और इंग्लैंड की कड़ी चुनौती को ध्वस्त करके तीन मिनट 27.77 सेकेंड का समय लेकर एथलेटिक्स में भारत को दूसरा स्वर्ण पदक दिलाया. महिलाओं की चक्का फेंक में सोमवार को कृष्णा पूनिया ने सोने का तमगा जीता था जो एथलेटिक्स में पिछले 52 साल में भारत का पहला स्वर्ण पदक था.
भारत ने इसके अलावा चार कांस्य पदक भी जीते. पुरुष और महिला वर्ग की चार गुणा 100 मीटर रिले टीम के अलावा रंजीत माहेश्वरी ने पुरुषों की त्रिकूद में नये राष्ट्रीय रिकार्ड के साथ और काशीनाथ नाइक ने भाला फेंक में कांसे के तमगे हासिल किये. भारत ने इस तरह से एथलेक्टिस में अब तक दो स्वर्ण, तीन रजत और सात कांस्य पदक सहित कुल 12 पदक हासिल कर लिये हैं. {mospagebreak}
राष्ट्रमंडल खेलों में यह पहला अवसर है जबकि एथलेटिक्स में भारत की पदक तालिका दोहरे अंक में पहुंची है. भारत की चार गुणा 400 मीटर रिले टीम की शुरुआत अपेक्षानुरूप अच्छी रही. अनुभवी मनजीत कौर ने भारत की तरफ से शुरुआत की और उसके बाद उन्होंने सिनी जोस को जिम्मा सौंपा. ये दोनों ही तब नाईजीरियाई धाविका से पीछे चल रही थी लेकिन चिदानंदा अंतिम क्षणों में उसे पीछे छोड़ने में सफल रही और इसके बाद तो मनदीप कौर ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी और अपनी पूरी दौड़ में वह नाईजीरिया की मुजैट अजोके ओडुमोसु की कड़ी चुनौती के बावजूद पहले स्थान पर रही.
नाईजीरियाई टीम ने तीन मिनट 28.72 सेकेंड के साथ रजत जबकि इंग्लैंड की टीम ने तीन मिनट 29.51 सेकेंड का समय लेकर कांस्य पदक जीता. मनदीप ने बाद में कहा, ‘हम अपनी इस खुशी को शब्दों में बयां नहीं कर सकते. मैंने जब बैटन संभाली तो हम पहले स्थान पर चल रही थी और मैंने तय कर लिया था कि मैं किसी को आगे नहीं आने दूंगी. मुझे खुशी है कि मैं अपने प्रयास में सफल रही.’
भारत की इस टीम को सबसे पहले बधाई देने वालों में मिल्खा सिंह शामिल थे जिन्होंने सबसे पहले 1958 में कार्डिफ में 440 गज की दौड़ में स्वर्ण पदक जीता था. वह भारतीय टीम के जश्न में शामिल होने के लिये तुरंत ही ट्रैक के करीब आ गये और उन्होंने चारों धाविकाओं को गले लगाकर बधाई दी. {mospagebreak}
इससे पहले सती गीता, श्रावणी नंदा, पी के प्रिया और एच मंजूनाथ ज्योति की महिला रिले टीम ने चार गुणा 100 मीटर में 45.25 सेकेंड का समय लेकर तीसरा स्थान हासिल किया जबकि पुरुषों की इसी स्पर्धा में इसके तुरंत बाद ट्रैक पर उतरी रहमुत्तलाह मोल्ला, सतीश कृष्णकुमार राणे, समीर मोन मेंजिल और मोहम्म्द अब्दुल नजीब कुरैशी की टीम ने 38.89 सेकेंड में दूरी पूरी करके नये राष्ट्रीय रिकार्ड के साथ भारत को दिन का दूसरा कांस्य पदक दिलाया. पदक जीतने का क्रम यहीं पर नहीं थमा.
भाला फेंक में नाइक ने अपने पांचवें प्रयास में 74.29 मीटर की दूरी नापकर तीसरा स्थान हासिल किया. वह भले ही अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन (77.33 मीटर) से काफी पीछे रहे लेकिन उनका यह प्रयास भी कांसे का तमगा जीतने के लिये पर्याप्त था. माहेश्वरी आखिरी प्रयास से पहले तक दूसरे नंबर पर चल रहे थे और उनका रजत पदक जीतना तय लग रहा था लेकिन कैमरून के लुसियन ह्यूजो माम्बा ने आखिरी प्रयास में 17.14 मीटर की कूद लगाकर रजत पदक अपने नाम कर दिया.
माहेश्वरी ने 17.07 मीटर की कूद लगाकर अपना ही पिछला राष्ट्रीय रिकार्ड (17.04 मीटर) को भंग किया. इस स्पर्धा का स्वर्ण पदक नाईजीरिया के टोसिन ओके (17.16 मीटर) ने जीती. महिलाओं की रेस में गीता ने अच्छी शुरुआत की जिसे श्रावणी और प्रिया ने अच्छी तरह से आगे बढ़ाया. {mospagebreak}
भारत की आखिरी धाविका ज्योति शुरू में दूसरे स्थान पर चल रही थी लेकिन आखिर में घाना की धाविका से सेकेंड के एक सौवें हिस्से से पिछड़ गयी और इस तरह से टीम को कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा. सती गीता ने बाद में इस बारे में कहा, ‘यदि हमने अंतिम क्षणों में और तेजी दिखायी होती तो रजत पदक जीत सकते थे. हमने इसके लिये कड़ी मेहनत की थी और हमें उसका फल मिला है.’
भारत के लिये इन दोनों रेस की बुरी खबर यह रही कि इंग्लैंड दोनों वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहा जिससे भारत की इन खेलों में पदक तालिका में दूसरा स्थान हासिल करने की उम्मीदों को झटका लगा है. महिला वर्ग में इंग्लैंड की टीम ने 44.19 सेकेंड जबकि पुरुष वर्ग में 38.74 सेकेंड के साथ सोने का तमगा हासिल किया. पुरुष वर्ग का रजत पदक जमैका (38.79 सेकेंड) ने हासिल किया.
इंग्लैंड ने इस तरह से प्रत्येक राष्ट्रमंडल खेलों में महिलाओं की चार गुणा 100 मीटर का खिताब जीतने का अपना रिकार्ड भी बरकरार रखा. पुरुषों की चार गुणा 100 मीटर रिले दौड़ में चौथे नंबर पर दौड़ने वाले अब्दुल नजीब ने आस्ट्रेलिया के अपने प्रतिद्वंद्वी की आगे बढ़ने की सारी कोशिशों को नाकाम कर दिया. उनके इस प्रयास से टीम नया राष्ट्रीय रिकार्ड बनाने में भी सफल रही. उसने सोमवार को सेमीफाइनल में बनाया गया 39.00 सेकेंड का अपना रिकार्ड भंग किया. {mospagebreak}
भारत की चार गुणा 400 मीटर की पुरुष रिले टीम ने हालांकि निराश किया और वह अंतिम स्थान पर रही. इस स्पर्धा का स्वर्ण आस्ट्रेलिया, रजत कीनिया और कांस्य पदक इंग्लैंड ने जीता. महिलाओं की 5000 मीटर दौड़ में कीनिया का दबदबा रहा और उसने तीनों पदक हासिल किये.
विवियन चेरियोट ने 15 मिनट 55.12 सेकेंड के साथ स्वर्ण पदक जीता जबकि उनकी हमवतन सिल्विया किबेट को रजत और इनेस चेनोंगे ने कांस्य पदक जीता. इस स्पर्धा में भारत की ललिता बाबर और झूमा खातून ने दौड़ में हिस्सा नहीं लिया. पुरुषों की 1500 मीटर दौड़ में भी पहले दो स्थान पर कीनिया के धावक रहे. सिलास किपलगाट ने तीन मिनट 41.78 सेकेंड के साथ इस स्पर्धा का खिताब जीता. कीनिया के ही जेम्स किपलानगट मागुट दूसरे और न्यूजीलैंड के निक विलिस तीसरे स्थान पर रहे.