
भारतीय नौसेना में शामिल होने के लिए हाल में रूस से रवाना किए गए युद्धविमान वाहक जहाज आईएनएस विक्रमादित्य की अमेरिकी नेतृत्व वाली नाटो सेनाओं ने जासूसी की थी. ये वाकया हुआ था एक साल पहले, जब विक्रमादित्य का रूसी समुद्र तट पर ट्रायल हो रहा था.हालांकि नाटो की ये जासूसी कैमरे में कैद हो गई और इस मामले को राजनयिक स्तर पर भी उठाया गया.
अमेरिकी जासूसी जहाज ने पिछले साल गर्मियों के मौसम में विक्रमादित्य के डेक के करीब आकर इसके चारों तरफ उड़ान भरी. इसका मकसद था जहाज के बारे में संवेदनशील जानकारी इकट्ठा करना.जहाज जैसे ही निगरानी तंत्र की नजर में आया, रूस की नौसेना ने अपने लड़ाकू विमान एमआईजी 29 के को इसके पीछे लगा दिया.इसके बाद अमेरिकी जहाज मौके से नौ दो ग्यारह हो गया.
जासूसी के लिए आए अमेरिकी जहाज ने अपने काम को पुख्ता तौर पर अंजाम देने के लिए दो सेंसर भी विक्रमादित्य के रास्ते पर गिराए, ताकि इसकी गति और दूसरे पहलुओं का आकलन किया जा सके.इस घटना के बाद रूस की सरकार ने मास्को स्थित अमेरिकी दूतावास और नाटो मुख्यालय को जासूसी उपकरणों और विमान की तस्वीरें भी भेजीं, मगर अब तक उनका कोई जवाब नहीं आया है.भारतीय नौसेना ने भी इस घटना की पुष्टि की है.