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पूर्व थल सेनाध्यक्ष जनरल वी के सिंह ने शनिवार को यहां आरोप लगाया कि उनके कार्यकाल में सेना की दो यूनिटों के दिल्ली कूच और सैन्य गुप्त कोष के दुरुपयोग के आरोप साजिशन लगाये गये क्योंकि यदि आपको किसी के खिलाफ कुछ नहीं मिलता है तो आपको कुछ न. कुछ गढ़ना पड़ता है.
पूर्व थल सेनाध्यक्ष ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों के सवालों के जवाब में यह बात कही.
उन्होंने कहा कि क्या सेना की दो इकाइयों के दिल्ली की ओर बढ़ने से सैनिक विद्रोह हो जाता है. उन्होंने इस तरह की खबरों को साजिश का हिस्सा बताया जिसके तहत उनके कार्यकाल को बदनाम करने की बात थी.
'कुछ न कुछ गढ़ने की की जाती है कोशिश'
उन्होंने कहा कि जब उनके खिलाफ किसी को और कुछ नहीं मिला तो सैन्य गुप्त कोष (आर्मी सिक्रेट फंड) के दुरूपयोग की जांच की बात सामने आयी. उन्होंने कहा कि जिसे गलत साबित करने की मंशा हो उसके खिलाफ गलत कुछ नहीं मिलने पर कुछ न कुछ गढ़ने की कोशिश की जाती है, यह उसी प्रकार की एक कोशिश थी.
उन्होंने दो टूक कहा, ‘भारतीय सेना न तो भारत में सत्ता पर काबिज होना चाहती है और न ही वह सत्ता में किसी प्रकार का हस्तक्षेप करना चाहती है.’ उन्होंने कहा, ‘कुछ लोग इस तरह की भ्रामक खबर फैलाकर सेना पर भी अंगुली उठाना चाहते थे.’
'भारत चीन से मुकाबला करने की स्थिति में'
चीन के साथ 1962 के युद्ध में भारत की पराजय के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा, ‘उस समय हमने अपने पड़ोसियों का सही आकलन नहीं किया. उस समय फौज को घर और बैरक बनाने में लगा दिया गया था लेकिन आज वैसी स्थितियां नहीं हैं. भारत आज चीन से मुकाबला करने की स्थिति में है. यहां भारत को अपनी सैन्य आधारभूत संरचना में जबर्दस्त सुधार करने की आवश्यकता है.’ सिंह ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘हमें हर हाल में देश की तस्वीर बदलने के लिये 545 लोकसभा सांसदों को बड़े विचार और यतन से चुनकर भेजना होगा. ऐसे सांसद समयबद्ध तरीके से देश की व्यवस्था को बदलेंगे.’