
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों के दौरे के बाद गुरुवार को स्वदेश लौट आए. 10 दिवसीय विदेश यात्रा के दौरान उन्होंने म्यांमार, ऑस्ट्रेलिया और फिजी की यात्रा की. सिडनी के ऑलफोंस एरिना में दिए गए मोदी के भाषण ने देश-विदेश में खूब सुर्खियां बटोरीं. उनकी लोकप्रियता देखकर ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबॉट ने कहा कि उन्होंने आज तक किसी नेता के लिए ऐसी दीवानगी नहीं देखी.
ऑस्ट्रेलियाई अखबारों ने तो यहां तक कह दिया कि ऑस्ट्रेलिया में जैसा स्वागत मोदी का हुआ, वैसा कभी अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को भी नसीब नहीं हुआ. बात सिर्फ ऑस्ट्रेलियाई पीएम और मीडिया तक सीमित नहीं है, बल्कि खुद ओबामा भी मोदी के मुरीद हो गए. म्यांमार में मुलाकात के दौरान उन्होंने मोदी को 'मैन ऑफ एक्शन' कहा. इसमें शक नहीं है कि मोदी अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रभावी तौर से उभर रहे हैं, लेकिन कुछ सवाल पीएम मोदी की छवि से इतर भी हैं. सवाल यह है कि मोदी 10 दिन के विदेश दौरे से क्या लेकर आए हैं?
28 साल में पहली बार भारतीय पीएम ऑस्ट्रेलिया गया तो वहां से क्या लेकर आया? 33 साल बाद फिजी जाने के मायने क्या हैं और चीन के बेहद करीबी म्यांमार में मोदी को कुछ हासिल भी हुआ या नहीं? आइए जानते हैं पीएम मोदी के 10 दिवसीय दौरे की उपलब्धियां.
1. सामाजिक सुरक्षा, सजायाफ्ता कैदियों के हस्तांतरण, कला संस्कृति, पर्यटन और नशीली दवाओं के काले कारोबार पर रोक लगाने संबंधी अहम समझौतों के अलावा भारत और ऑस्ट्रेलिया यूरेनियम निर्यात तथा फ्री ट्रेड की दिशा में काफी आगे बढ़े हैं.
2. पीएम मोदी के दौरे पर एक प्रश्नचिन्ह लग रहा है कि ऑस्ट्रेलिया ने भारत में निवेश की कोई घोषणा नहीं की, लेकिन सबसे अहम बात यह है कि टोनी एबॉट ने अपने संबोधन में विशेष तौर पर ‘मेक इन इंडिया’ का उल्लेख किया.
3. भारत ने 2013 में ऑस्ट्रेलिया को 10.2 अरब डॉलर का एक्सपोर्ट किया था, जबकि 2014 में यह 22 फीसदी गिर गया. पीएम मोदी की यात्रा के बाद माना जा रहा है कि 2015 में ऑस्ट्रेलिया के साथ व्यापार 40 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है.
4. पीएम मोदी ग्लोबल लीडर बनने की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं. सिडनी के ऑलफोंस एरिना में उनका जलवा देखकर ऑस्ट्रेलियाई पीएम से लेकर ओबामा तक प्रभावित दिखे. यह मोदी की छवि का असर है कि पहले ही दौरे में वह ऑस्ट्रेलियाई शीर्ष नेतृत्व पर छाप छोड़ने में सफल रहे.
5. नरेंद्र मोदी ने सिडनी में भाषण के दौरान रेलवे में 100 प्रतिशत एफडीआई का ऐलान किया. यह निश्चित रूप से हर भारतीय के लिए अच्छी खबर है. अब इस कदम से रेलवे की हालत कितने दिन में बदलेगी यह देखने वाली बात होगी.
6. ऑस्ट्रेलिया और फिजी के लोगों को वीजा ऑन अराइवल की घोषणा को भी आर्थिक जानकार बेहद अहम मान रहे हैं. इससे न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि बड़े अनिवासी भारतीय कारोबारियों का विश्वास भी जगेगा.
7. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दस दिन में तीन देश की यात्रा के दौरान 40 राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात की. इस दौरान करीब 20 द्विपक्षीय मुलाकातें हुईं. ब्रिस्बेन में जी-20 के मंच के साथ ही इन मुलाकातों में भी मोदी ने काले धन समेत कई अहम मुद्दों को उठाया.
8. फूड सिक्योरिटी पर अमेरिका भारत के साथ हो गया है. अमेरिकी दौरे के बाद म्यांमार में भी ओबामा के साथ मुलाकात के दौरान मोदी ने इस संबंध में चर्चा की थी.
9. पीएम मोदी का म्यांमार दौरा भले ही आर्थिक समझौतों की दृष्टि से अहम नहीं रहा, लेकिन इसका अपना कूटनीतिक महत्व है. विपक्ष की नेता आंग सान सू की के साथ मोदी की मुलाकात बेहद अहम रही. वह लोकतांत्रिक नेता हैं और भविष्य में राजनीतिक समीकरण बदलने का माद्दा रखती हैं.
10. प्रधानमंत्री ने आसियान और जी-20 के माध्यम से चीन को भी चुनौती दी. मोदी की मौजूदगी में वियतनाम और फिलिपींस ने दक्षिण चीन सागर का मुद्दा उठाया तो ऑस्ट्रेलियाई संसद में भी भारतीय पीएम को चीन के बराबर सम्मान दिया गया. खुद ऑस्ट्रेलियाई पीएम ने उभरती ताकतों में चीन के साथ भारत का नाम लिया.