
क्रिकेट के दो सबसे बड़े चिर प्रतिद्वंद्वी भारत-पाकिस्तान के बीच सीरीज की चर्चाओं ने जोर पकड़ ली है. दोनों देशों के बीच मैच का जिक्र होते ही भारत-पाकिस्तान के बीच हुए यादगार मैचों की यादें ताजा हो जाती है. दोनों पड़ोसी मुल्कों के बीच बहुत सारे यादगार मैच हुए हैं, लेकिन कुछ मैच ऐसे हुए, जिन्हें कभी नहीं भुलाया जा सकता. आइए आपको भारत-पाक के दस यादगार मैचों से रूबरू कराते हैं.
पांच सबसे यादगार टेस्ट मैच
1. 1952, भारत-पाकिस्तान का पहला टेस्ट
अक्टूबर, 1952 में भारत-पाकिस्तान के बीच पहला टेस्ट मैच खेला गया था. वह मैच दिल्ली के फिरोजशाह कोटला में था. विजय हजार, हेमू अधिकारी और गुलाम अहमद के
अर्धशतकों की बदौलत भारत ने पहली पारी में 372 रन बनाए और पाकिस्तान दोनों पारियों में भी भारत के स्कोर की बराबरी नहीं कर पाया. वीनू मांकड़ ने उस मैच में घातक
गेंदबाजी करते हुए पहली पारी में 8 और दूसरी पारी में 5 विकेट लिए और भारतीय टीम ने वह मैच पारी तथा 70 रनों से जीता.
2. 1981 का मद्रास टेस्ट
पाकिस्तान के पास उस वक्त इमरान खान और इकबाल कासिम जैसे खतरनाक गेंदबाज थे, लेकिन उनकी जबरदस्त गेंदबाजी के बावजूद सुनील गावस्कर ने 166 तो कपिल देव ने 8वें
नंबर पर बैटिंग करते हुए 84 रनों की शानदार पारी खेली. कपिल देव ने पहली पारी में 4 तो दूसरी पारी में 7 विकेट लेकर पाक टीम की हालत पतली कर दी और भारत ने 10
विकेट से टेस्ट जीत लिया.
3. 1999 का चेन्नई टेस्ट और सचिन की सबसे जुझारू पारी
उस मैच को जीतने के लिए भारत को दूसरी पारी में 271 रन चाहिए थे. 82 पर 5 विकेट गिर चुके थे, लेकिन सचिन हथियार डालने को तैयार नहीं थे. सचिन ने मोर्चा संभाला और
नयन मोंगिया ने दूसरे छोर से उनका साथ निभाया. सचिन पीठ दर्द से लगातार कराह रहे थे, लेकिन उन्होंने अपने बैट को थमने नहीं दिया. वह सचिन के टेस्ट करियर की सबसे
जुझारू पारी थी, लेकिन जब टीम इंडिया जीत से सिर्फ 17 रन दूर थी, सचिन की 136 रनों की उस यादगार पारी का अंत हो गया. चार रन के अंदर भारत के बाकी तीन विकेट भी
गिर गए और सचिन की उस सबसे यादगार पारी पर पानी फिर गया. सचिन आज भी चेन्नई टेस्ट की हार पर अफसोस जताते हैं.
4. 1999 का कोलकाता टेस्ट
एशियन टेस्ट चैंपियनशिप का मैच था. जवागल श्रीनाथ ने अपनी घातक गेंदबाजी से पहली पारी में पाक टीम को 185 पर निपटाया, लेकिन राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर जैसे
मंजे हुए बल्लेबाजों को शोएब अख्तर ने अपनी स्पीड और स्विंग से दिन में तारे दिखा दिए. भारत किसी तरह पहली पारी में कुछ बढ़त लेने में कामयाब तो हुआ, लेकिन दूसरी पारी
में सईद अनवर की नाबाद 188 पारी की बदौलत पाकिस्तान ने 316 का स्कोर खड़ा किया और टीम इंडिया को 232 पर ऑल आउट कर 45 रन से मैच जीत लिया.
5. मुल्तान टेस्ट, सहवाग की 309 रनों की पारी
वीरेंद्र सहवाग ने 309 रनों की यादगार पारी खेलकर पाकिस्तान के उसी की जमी पर पसीने छुड़ा दिए. सचिन ने 194 रनों की नाबाद पारी से पाकिस्तान के जले पर नमक छिड़का और भारत ने 675 का पहाड़ जैसा स्कोर बना लिया. पाकिस्तान ने पहली पारी में 407 रना बनाए, लेकिन दूसरी पारी में कुंबले की कातिल गेंदबाजी के चलते मेजबान टीम 216 पर निपट गई और भारत ने वह टेस्ट पारी और 52 रनों से जीता.
पांच सबसे यादगार वनडे
1. 1986, शारजाह में चेतन शर्मा की आखिरी गेंद पर मियांदाद का छक्का
यह सिर्फ भारत-पाकिस्तान का ही नहीं, बल्कि क्रिकेट के इतिहास का सबसे यादगार वनडे था. पाकिस्तान को आखिरी गेंद पर जीत के लिए चार रनों की जरूरत थी और जावेद
मियांदाद ने चेतन शर्मा की गेंद पर छक्का जड़कर अपनी टीम को रोमांचक जीत दिलाई थी. चेतन शर्मा आज भी उस गेंद की टीस को नहीं भुला पाए हैं.
2. 1987, टाई मैच में भारत बना विजेता
हैदराबाद में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 212 रन बनाए और पाकिस्तानी टीम भी 212 से आगे नहीं बढ़ पाई. मैच टाई हो गया. लेकिन भारत इस स्कोर तक 6 विकेट खोकर
पहुंचा था, जबकि पाकिस्तान ने 212 तक पहुंचने में अपने सात विकेट गंवा दिए थे. इसलिए इस मैच में भारतीय टीम को विजेता घोषित किया गया था.
3. 1987, सईद अनवर की 194 रनों की पारी
चेन्नई में खेले गए उस मैच में सईद अनवर ने ऐसी पारी खेली, जिसकी उम्मीद किसी ने नहीं की थी. सईद अनवर ने 146 गेंदों पर 194 रनों की धुआंधार पारी खेलकर वर्ल्ड रिकॉर्ड
बनाया था. यह उस वक्त वनडे क्रिकेट की सबसे बड़ी पारी थी और भारत उस मैच में 35 रन से हार गया था.
4. 2003 वर्ल्ड कप, सचिन ने की शोएब और वकार की धुनाई
सेंचुरियन में 2003 वर्ल्ड कप का मैच था और पाकिस्तान ने पहले खेलते हुए सईद अनवर के शतक के दम पर 273 का अच्छा स्कोर खड़ा किया. लेकिन उसके बाद जब टीम इंडिया
ने जैसे ही बैटिंग शुरू की तो शोएब अख्तर और वकार युनूस की मुसीबत आ गई. सचिन ने दोनों की जमकर धुनाई करते हुए 98 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली. भारत ने 4 ओवर
बाकी रहते हुए लक्ष्य हासिल कर लिया और उस मैच की पिटाई के बाद वकार युनूस का करियर ही चौपट हो गया.
5. 2011 वर्ल्ड कप का सेमीफाइल
2011 का वर्ल्ड कप तो कोई भी क्रिकेट प्रेमी नहीं भूल सकता, लेकिन फाइनल से भी ज्यादा यादगार मोहाली में खेला गया भारत-पाकिस्तान का सेमीफाइल था. टीम इंडिया ने पहले
खेलते हुए 260 रन बनाए थे और भारतीय गेंदबाजों ने पाक टीम को 231 पर ऑल आउट कर मैच जीत लिया था. जहीर, नेहरा, मुनाफ, हरभजन और युवराज ने 2-2 विकेट लिए थे,
जबकि सचिन 85 रनों की जुझारू पारी खेली थी.