
सूडान में चल रहे गृहयुद्ध के दौरान सैनिकों ने बच्चों के साथ बर्बरता की हद पार कर दी है. यहां महज तीन में 129 बच्चों की हत्या कर दी गई है. कई बच्चों के प्राइवेट पार्ट काट दिए गए हैं. नाबालिग लड़कियों से गैंगरेप करके उनकी हत्या कर दी गई है. इस बात का खुलासा यूनाइटेड नेशंस की एक रिपोर्ट के जरिए हुआ है. इसमें बच्चों पर हो रही हिंसा पर चिंता जताई गई है.
रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 18 महीनों से हो रहे गृहयुद्ध में बच्चों से रेप और हत्या के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. बच्चों को तड़पा कर मारने के लिए उनके प्राइवेट पार्ट काट कर छोड़ दिया जाता है. नाबालिग लड़कियों के साथ पहले गैंगरेप किया जाता है, फिर उनकी गला काटकर हत्या कर दी जाती है. लोगों के घर जला दिए जाते हैं, इसमें बच्चों के परिजनों को फेंक दिया जाता है.
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, सुडान पिपुल्स लिबरेशन आर्मी और साउथ सुडान लिबरेशन आर्मी के सैनिक इस बर्बरता को अंजाम दे रहे हैं. इसके पीछे उनका तर्क यह है कि वे नहीं चाहते कि लड़ाकों के बच्चे बड़े होकर विद्रोही बनें . इसलिए उनको बचपन में ही खत्म कर दिया जा रहा है. इस तरह पिछले 18 महीनों में हजारों लोगों की मौत हो चुकी है और यह सिलसिला जारी है.
रेप नहीं कर पाए तो कर दी हत्या
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष के कार्यकारी निदेशक एंथोनी लेक ने बताया कि उपद्रवी सैनिकों ने एक लड़की की हत्या इसलिए कर दी, क्योंकि वे यह तय नहीं कर पा रहे थे कि उनमें से पहले कौन उसका रेप करेगा . इसी तरह कई लड़कियों को किडनैप करके उनको सैनिक छावनी में रखा जाता है. उनके साथ सैनिक रेप करते हैं. मन भर जाने के बाद उनकी भी हत्या कर दी जाती है.
सेना में भर्ती किए जा रहे हैं बच्चे
सुडान में चल रहे इस गृहयुद्ध में दोनों पक्षों द्वारा युद्ध के लिए बच्चों की भर्ती बड़े पैमाने पर की जा रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 13 हजार बच्चों को युद्ध में शामिल किया गया है. लाखों बच्चों के भुखमरी के कगार पर हैं . हजारों की संख्या में लोग भूमध्य सागर को पार कर अपनी जान बचाने की कोशि कर रहे हैं. हालांकि, दक्षिण सुडान के मिलिट्री प्रवक्ता कर्नल फिलिप ने यूएन की रिपोर्ट को खारिज किया है.