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देश की केन्द्र सरकार ने बीते दिनों लोकसभा में इस बात को स्वीकार किया कि देश के 20 बहुप्रतिष्ठित मैनेजमेंट संस्थानों में से 13 बिना किसी प्रबंधक के चल रहे हैं. 13 आईआईएम में से 10 आईआईएम के प्रबंधकों के नाम मानव संसाधन को 6 माह पहले ही बढ़ाए जा चुके हैं लेकिन वह वैकेंसी अभी भी खाली है.
मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री महेन्द्र नाथ पांडे ने लोकसभा के भीतर लिखित जवाब दिया कि बंगलुरु, कोझिकोड, रोहतक, रांची, रायपुर, उदयपुर, तिरुचिरापल्ली, अमृतसर, सिरमौर, बोध गया, संबलपुर, नागपुर और विशाखापटनम के आईआईएम बिना किसी डायरेक्टर के चल रहे हैं.
इस मसले पर देश के एक अंग्रेजी अखबार ने पहले भी रिपोर्ट की थी कि 13 मैनेजमेंट संस्थानों में से 10 के नामों पर मानव संसाधन मंत्रालय की कमिटी पिछले 6 माह से किस तरह कुंडली मारे बैठी है. चार आईआईएम- रायपुर, बंगलुरु, रोहतक और रांची के प्रबंधकों के नाम तो डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग ने स्मृति इरानी के अंतिम दिनों में ही भेजे थे. मंत्रालय में फेरबदल के बाद (DoPT) ने उन्हें फिर से नाम भेजे. एक सूत्र की मानें तो मंत्रालय ऐसे कई नामों को पहले ही शॉर्टलिस्ट कर चुकी है.
मंत्रालय का कहना है कि आईआईएम का संचलन सुचारू ढंग से हो रहा है. मेंटर आईआईएम के प्रबंधक ही बाकी सारे आईआईएम को संचालित कर रहे हैं. सारे संस्थानों में स्थायी प्रबंधकों के नियुक्त किए जाने तक संस्थान के वरिष्ठतम प्रोफेसर को प्रबंधक का अतिरिक्त पदभार दिया गया है.