
16वें इंटरनेशनल एनर्जी फोरम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अगले 25 सालों तक भारत में ऊर्जा की खपत 4.5 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से बढ़ेगी. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में ऊर्जा के भविष्य को लेकर मेरा विजन चार स्तंभों पर खड़ा है. ये एनर्जी एक्सेस, एनर्जी इफिशियंसी, एनर्जी सस्टेनेबिलिटी और एनर्जी सिक्योरिटी हैं. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ऊर्जा के एकीकरण में विश्वास करती है और हमारा एनर्जी का एजेंडा समेकित है.
उन्होंने कहा कि हम ऐसे समय में प्रवेश करने वाले हैं जहां एनर्जी की बहुतायत होगी. लोगों की साफ, सुविधाजनक और दीर्घकालिक ऊर्जा तक पहुंच सुनिश्चित करनी होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ऊर्जा की कीमतों का निर्धारण तर्कसंगत और जिम्मेदारी पूर्ण तरीके से करने का आह्वान किया ताकि सभी को सस्ती ऊर्जा सुलभ हो सके.
तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक के प्रमुख सदस्य सऊदी अरब के पेट्रोलियम मंत्री खालिद अल-फालिह की मौजूदगी में मोदी ने कहा कि ऊर्जा की कीमतों को कृत्रिम तरीके से तोड़ - मरोड़ कर निर्धारित करने के प्रयास स्वयं में बहुत घातक हैं.
अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा मंच ( आईईएफ ) के सम्मेलन को यहां संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि यह ( कीमतों का उचित निर्धारण ) तेल उत्पादक देशों के हित में है क्योंकि (ऊर्जा के ) उपभोग वाले देश बाजार वृद्धि कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को ऐसी ऊर्जा चाहिए जो गरीबों के लिए सस्ती हो और उनकी पहुंच में हो.
उन्होंने कहा कि साफ, सस्ती और सतत ऊर्जा की आपूर्ति और उस तक पहुंच महत्वपूर्ण है. इसलिए तेल एवं गैस की कीमतों का निर्धारण जिम्मेदारी पूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए.
मोदी ने यह भी रेखांकित किया कि भारत ने कम मुद्रास्फीति पर उच्च वृद्धि दर हासिल की है.
उन्होंने कहा कि अगले दो से पांच साल में भारत में ऊर्जा की मांग सबसे ज्यादा होगी और प्राथमिक ऊर्जा स्रोत के रुप में कोयले की मांग धीरे-धीरे खत्म हो सकती है. आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) से बाहर के देशों में ऊर्जा का उपभोग बढ़ा है और सौर ऊर्जा सस्ती हुई है.
इस फोरम में दुनिया भर के ऊर्जा मंत्रियों, इंडस्ट्री लीडर्स और महत्वपूर्ण इंटरनेशनल संस्थानों के प्रमुख हिस्सा ले रहे हैं. इस कार्यक्रम में ग्लोबल एनर्जी के भविष्य पर चर्चा होगी.