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1984 के दंगा पीड़ि‍तों के बीच दिल्ली के CM केजरीवाल ने बांटा मुआवजे का चेक

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को 1984 के सिख दंगा पीड़ि‍तों के बीच बढ़े हुए मुआवजे का चेक बांटा. पिछले साल सरकार ने सिख दंगा पीड़ितों के मुआवजे को बढ़ाने का फैसला किया था. दिल्ली सरकार 130 करोड़ का मुआवजा वितरित करेगी. इस राहत राशि से करीब 2600 परिवारों को फायदा होगा.

तिलक नगर में केजरीवाल ने बांटे चेक तिलक नगर में केजरीवाल ने बांटे चेक
संदीप कुमार सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 01 नवंबर 2015,
  • अपडेटेड 7:16 PM IST

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को 1984 के सिख दंगा पीड़ि‍तों के बीच बढ़े हुए मुआवजे का चेक बांटा. पिछले साल सरकार ने सिख दंगा पीड़ितों के मुआवजे को बढ़ाने का फैसला किया था. दिल्ली सरकार 130 करोड़ का मुआवजा वितरित करेगी. इस राहत राशि से करीब 2600 परिवारों को फायदा होगा.

केंद्र-दिल्ली सरकार में टकराव

पिछले वर्ष केंद्र सरकार ने सिख दंगा पीड़ितों को पांच-पांच लाख रुपये की राशि देने का ऐलान किया था. लेकिन कुछ परिवारों को ही यह राशि मिल पाई. दिल्ली सरकार ने इस संबंध में केंद्र सरकार को पत्र लिखकर जल्द राहत राशि वितरित करने की मांग रखी थी. मामला विधानसभा में भी उठा था, लेकिन केंद्र के तरफ से राहत राशि न मिलने के बाद दिल्ली सरकार ने अपने राजस्व से यह राशि वितरित करने का फैसला किया.

इस मौके पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविद केजरीवाल ने कहा- 'यह नरसंहार इतना बुरा था कि विश्व में सर झुक गया. दिल्ली और केंद्र में हर तरह की सरकार बनी और सिखों को इंसाफ दिलाने की बात कही लेकिन क्यों इंसाफ नहीं दिलाया गया. 1984 के लोगों को सजा मिल जाती तो गुजरात और दादरी नहीं होता.'

केजरीवाल ने कहा- जो कांग्रेस ने 31 साल में नहीं किया वो 49 दिन में हमने किया. इंसाफ सजा मिलने से मिलेगा. आज देश को सिर्फ आम आदमी बचा सकता है, चारों तरफ नफरत फैला रखी है और राष्ट्रपति ने भी दुःख जताया है इसपे. 5 लाख रुपए का चेक छोटी श्रद्धांजलि है. आने वाले समय में कोई हिम्मत नहीं करेगा नफरत फ़ैलाने की. अगर किसी एक केस में भी सजा हो गयी.

सबक मिलनी चाहिए
इस मौके पर आप नेता एसएस फुल्का ने कहा कि दंगा पीड़ितों का हक मुआवजे और इंसाफ दोनों पर है. साथ ही एक सबक भी होना है कि आगे से इस तरह की घटनाएं न हो. फुल्का ने कहा कि आगे ऐसे जुर्म न हो इसके लिए सबक देना ज़रूरी है...अगर सबक दे देते तो 1993 में और 2002 में गुजरात में और दादरी और बाकी जगहों पर नहीं देखना पड़ता.

कांग्रेस, NDA पर हमला
फुल्का ने कहा- 49 दिनों की सरकार में कांग्रेस ने SIT को रोक दिया...लेकिन 12 फरवरी को NDA ने SIT बना दी और पीड़ितों से मजाक किया. SIT बनाना दिल्ली सरकार का काम था. लेकिन केंद्र बीच में आ गयी, फिर भी हमने केंद्र की SIT को मंजूर किया लेकिन 9 महीने हो चुके हैं कुछ नहीं हुआ.

फुल्का ने कहा कि हम केजरीवाल जी से मांग करेंगे की केंद्र की SIT को रद्द करवाने में आगे आयें और हम कोर्ट का रुख भी करेंगे.

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