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1984 सिख दंगा मामले में सज्जन कुमार और सीबीआई को नोटिस

एक पत्र में आरोपियों के दंगों की जगह मौजूद होने की बात कबूल करने की बात कही जा रही है. एक्टिंग चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस अनु मल्होत्रा की बेंच ने लेटर को जनहित याचिका में तब्दील कर सुनवाई करना तय किया है. दिल्ली हाईकोर्ट अब मामले की अगली सुनवाई 12 अप्रैल को करेगा.

सज्जन कुमार सज्जन कुमार
पूनम शर्मा/वरुण शैलेश
  • नई दिल्ली,
  • 22 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 12:04 AM IST

हाईकोर्ट ने 1984 सिख दंगों से जुड़े मामले में सुनवाई करते हुए कांग्रेसी नेता सज्जन कुमार और सीबीआई को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है. दरअसल हाईकोर्ट को 1984 सिख विरोधी दंगों के मामले में एक पत्र और सीडी मिली है.

इस पत्र में आरोपियों के दंगों की जगह मौजूद होने की बात कबूल करने की बात कही जा रही है. एक्टिंग चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस अनु मल्होत्रा की बेंच ने लेटर को जनहित याचिका में तब्दील कर सुनवाई करना तय किया है. दिल्ली हाईकोर्ट अब मामले की अगली सुनवाई 12 अप्रैल को करेगा.

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सूत्रों के मुताबिक यह पत्र दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी ने लिखा है. इसमें अपराध में कथित संलिप्तता के लिए आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है.

सज्जन कुमार के वकील के मुताबिक तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1 नवंबर 1984 को दिल्ली छावनी के राजनगर क्षेत्र में एक परिवार के चार सदस्यों की हत्या के संबंध के एक दोषी की फाइल से कमेटी का पत्र और सीडी जोड़ी गई है.

इस मामले में पूर्व कांग्रेसी पार्षद बलवान खोखर, सेवानिवृत्त नौ सैन्य अधिकारी कैप्टन भागमल, गिरधारी लाल और 2 और लोगों को कोर्ट ने दोषी ठहराया था. इसके बाद सज्जन कुमार को निचली अदालत ने इस मामले में बरी कर दिया था. राजनगर क्षेत्र में पांच सिखों की हत्या मामले में कुमार को बरी करने के खिलाफ सीबीआई ने हाईकोर्ट में अपील कर रखी है और फिलहाल इसी मामले की सुनवाई के दौरान ही बेंच के सामने लेटर और सीडी रखी गईं है.

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