Advertisement

1984 सिख दंगा: कोर्ट में अहम गवाह अभिषेक का बयान- मिल रही है जान से मारने की धमकी

1984 सिख दंगा मामले में सीबीआई के गवाह और आर्म्स डीलर अभिषेक वर्मा ने दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट में एक अर्जी दायर कर दिल्ली में रोहिणी के एफएसएल विभाग पर आरोप लगाया है कि जब वो पॉलीग्राफी टेस्ट कराने एफएसएल गए थे, तो वहां के वैज्ञानिकों का व्यवहार पक्षपात वाला था.

सिख दंगा सिख दंगा
पूनम शर्मा/सुरभि गुप्ता
  • नई दिल्ली,
  • 31 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 12:36 AM IST

1984 के सिख दंगे मामले में सीबीआई के अहम गवाह अभिषेक वर्मा ने सोमवार को कोर्ट में कहा कि उसकी जान को खतरा है और उसे जान से मारने की धमकी मिली है. कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए  1 नवंबर को  सुनवाई की अगली तारीख दी है. साथ ही कोर्ट ने कहा है कि अभिषेक वर्मा का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने के दौरान सरकारी वकील अर्जुन भी मौजूद रहेंगे. इसके अलावा पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान एक डॉक्टर भी साथ रहेगा. पॉलीग्राफ टेस्ट कब होगा, यह भी सीबीआई  1 नवंबर को  सुनवाई के दौरान  कोर्ट को बताएगी.

Advertisement

दरअसल 1984 सिख दंगा मामले में सीबीआई के गवाह और आर्म्स डीलर अभिषेक वर्मा ने दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट में एक अर्जी दायर कर दिल्ली में रोहिणी के एफएसएल विभाग पर आरोप लगाया है कि जब वो पॉलीग्राफी टेस्ट कराने एफएसएल गए थे, तो वहां के वैज्ञानिकों का व्यवहार पक्षपात वाला था. एफएसएल के लोग अपना काम कम कर रहे थे और आरोपी जगदीश टाइटलर की तरफदारी ज्यादा कर रहे थे. 24 अक्टूबर को आर्म्स डीलर अभिषेक वर्मा दिल्ली के रोहिणी स्थित एफएसएल विभाग पॉलीग्राफी टेस्ट कराने के लिए गया था. ये पॉलीग्राफ टेस्ट सीबीआई की याचिका पर कड़कड़डूमा कोर्ट से मंजूरी मिलने के बाद किया गया था. दरअसल सीबीआई अभिषेक वर्मा का पॉलीग्राफी टेस्ट करवाना चाहती थी.

अभिषेक वर्मा 1984 सिख दंगा मामले में सीबीआई का गवाह है. इस मामले में अभिषेक वर्मा ने बयान दिया था कि जगदीश टाइटलर ने अपने रसूख का इस्तेमाल कर अहम गवाह को प्रभावित किया था और उसे कनाडा भेजा था. लेकिन, सीबीआई के पास वर्मा के गवाही के अलावा और कोई सबूत नहीं है. इस मामलें में सीबीआई अभिषेक वर्मा और जगदीश टाइटलर का पॉलीग्राफी टेस्ट कराना चाहती थी. अभिषेक वर्मा पॉलीग्राफी टेस्ट के लिए तैयार हो गए थे, लेकिन जगदीश टाइटलर ने पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए मना कर दिया.

Advertisement

अभिषेक वर्मा के वकील के मुताबिक रोहिणी एफएसएल के वैज्ञानिक जगदीश टाइटलर से प्रभावित थे और वो नहीं चाहते थे कि अभिषेक वर्मा का पॉलीग्राफी टेस्ट हो. इसलिए वो टाइटलर की तरफदारी कर रहे थे. अभिषेक वर्मा का ये भी आरोप है कि कड़कड़डूमा कोर्ट के आदेश को एफएसएल के वैज्ञानिकों ने नहीं माना. कोर्ट के आदेश में ये कहा गया था कि जब अभिषेक वर्मा का पॉलीग्राफी टेस्ट हो उस समय उनके वकील भी लैब के कमरे रहेंगे. लेकिन वैज्ञानिकों ने अभिषेक वर्मा के वकील को बिल्डिंग से बाहर निकलने को कह दिया.

1984 के सिख दंगा मामले में 4 दिसंबर, 2015 को सीबीआई ने आर्म्स डीलर अभिषेक वर्मा को इस मामले का गवाह बनाया था. 8 फरवरी 2017 को सीबीआई ने कोर्ट में याचिका लगाई थी कि वो अभिषेक वर्मा का पॉलीग्राफी टेस्ट कराना चाहती है. इस मामले में अभिषेक वर्मा के बयान के अलावा सीबीआई के पास और कोई दूसरा सबूत नहीं है. लिहाजा सीबीआई के लिए अभिषेक वर्मा का पॉलीग्राफी टेस्ट बहुत अहम है. इस मामले में सीबीआई तीन बार क्लोजर रिपोर्ट दायर करा चुकी है, लेकिन कोर्ट हर बार सीबीआई को दोबारा जांच करने का आदेश देती रही है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement