
एक विचाराधीन कैदी की छुरा घोंपकर हत्या किए जाने के कुछ दिन बाद कड़ी सुरक्षा वाले तिहाड़ जेल में रहस्यमय परिस्थितियों में दो दोषी कैदी मृत पाए गए.
इसके बाद एक अधिकारी को निलंबित कर दिया गया और घटना की मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया गया. दो दोषियों में से एक आजीवन कारावास की सजा काट रहा था. मृतकों की पहचान रितेश मित्तल उर्फ शालू (32) और अमित उर्फ पंडा (26) के तौर पर की गई है.
जेल अधिकारियों को संदेह है कि दोनों की मृत्यु कोई मादक पदार्थ का सेवन करने के बाद हुई, जिसे चोरी छिपे जेल में लाया गया था. दोनों कैदी कारागार परिसर के जेल नंबर 8-9 के वार्ड नंबर दो में रखे गए थे.
रितेश हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था और उसने जेल में 11 साल बिताए थे जबकि अमित को हत्या के प्रयास के मामले में दोषी ठहराया गया था.
तिहाड़ जेल के डीआईजी और प्रवक्ता मुकेश प्रसाद ने बताया, ‘साथी कैदियों के अनुसार दोनों कैदी रात में मादक चीज सूंघ रहे थे, जिसे उन्होंने कहीं छिपाकर रखा था. उन्होंने इसके नुकसानदेह होने की बात कहते हुए दोनों को ऐसा नहीं करने की सलाह भी दी थी. लेकिन दोनों ने बात नहीं मानी. सुबह में उनकी हालत बिगड़ गई.’
उन्होंने बताया, ‘अधिकारियों ने जेल डॉक्टरों को बुलाया, जिन्होंने उन्हें बचाने का प्रयास किया, लेकिन जब उन्हें महसूस हुआ कि उन्हें और देखभाल की जरूरत है, तो उन्हें डीडीयू अस्पताल में भेजा गया, जहां उन्हें सुबह साढ़े नौ बजे के करीब मृत घोषित कर दिया गया.’
घटना के बाद जिस जेल वार्ड में दोनों कैदी मृत पाए गए, उसकी सुरक्षा के लिए जिम्मेदार हेड वार्डर को निलंबित कर दिया गया और मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दे दिया गया.
इनपुट: भाषा