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पड़ोसी राज्य तमिलनाडु में राजनीतिक दलों ने पुलिस कार्रवाई को 'बर्बर' बताते हुए इसकी निंदा करते हुए दावा किया कि मारे गए लोगों में से 12 व्यक्ति उनके राज्य के श्रमिक थे. इस मुठभेड़ में छह पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं.
कार्यबल एवं वन कर्मियों ने एक संयुक्त तलाशी अभियान के दौरान लाल चंदन के 200 लकड़हारों को देखा जो पेड़ काटने में व्यस्त थे. इन लकड़हारों को आत्मसमर्पण करने को कहा गया.
पुलिस उप महानिरीक्षक एम कांत राव ने कहा, हंसियों, कुल्हाड़ियों, तलवारों , देशी हथियारों और पत्थरों से लैस तस्करों ने पुलिस और वन कर्मियों पर हमला करके छह पुलिस कर्मियों को घायल कर दिया. उन्होंने बताया कि जब पुलिस ने आत्मरक्षा में गोलीबारी की तो 20 तस्कर मारे गए और कई मौके से फरार हो गए.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू पर चंदन की लकड़ियों के कथित तस्करों को मार गिराए जाने की जांच का आदेश देने का दबाव बनाया.
तमिलनाडु में राजनीतिक दलों ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया जतायी. द्रमुक, बीजेपी, पीएमके और भाकपा ने दावा किया कि मारे गए लोगों में राज्य के गरीब श्रमिक शामिल थे. इन राजनीतिक दलों ने आंध्र प्रदेश सरकार से कहा कि वह लाल चंदन की तस्करी रोकने के लिए कानूनी तरीके का इस्तेमाल करें. राजग के सहयोगी पीएमके प्रमुख रामदास ने दावा किया कि वे तमिलनाडु के बेगुनाह श्रमिक थे जिन्हें अधिक मजदूरी का लालच देकर पड़ोसी चित्तूर जिले के जंगल में ले जाया गया था.
उन्होंने आंध्र प्रदेश पुलिस के इन दावों को खारिज कर दिया कि उन्होंने आत्मरक्षा में गोलीबारी की. रामदास ने कहा कि यह सफेद झूठ है, और इस मामले की उच्चतम न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश से जांच तथा मारे गए लोगों को राहत के साथ ही पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. द्रमुक प्रमुख करूणानिधि ने एक बयान में कहा कि दोनों राज्यों की सरकारों को गोलीबारी में मारे गए श्रमिकों के लिए राहत की घोषणा करनी चाहिए.
इस बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को पत्र लिखा और पूछा कि क्या आंध्र प्रदेश कार्यबल के कर्मियों ने लाल चंदन तस्करों के खिलाफ कार्रवाई की, जिसमें 20 तस्कर मारे गए. उन्होंने कहा, मुझे यह जानकार बहुत दुख हुआ कि आंध्र प्रदेश के लाल चंदन तस्कर विरोधी कार्यबल कर्मियों द्वारा आज सुबह सेषचलम वन क्षेत्र और एसागुंडा क्षेत्रों में चलाये गए एक अभियान में 20 व्यक्तियों को गोलियां लगी और उन्होंने मौके पर ही दम तोड़ दिया.
उन्होंने यह भी कहा, यह संभव है कि ये लोग अवैध गतिविधियों में लिप्त हों लेकिन अभियान में इतने लोगों का मारा जाना इस बात को लेकर सवाल उठाता है कि क्या कार्यबल कर्मियों ने पर्याप्त संयम से काम लिया. तमिलनाडु के एक अधिकारी ने कहा, हम आंध्र प्रदेश पुलिस से सम्पर्क में हैं. हम इस बात की पुष्टि कर रहे हैं क्या मारे गए व्यक्तियों में 12 तिरूवन्नमलाई और वेल्लोर जिलों के श्रमिक थे.
लाल चंदन के पेड़ खतरे में हैं जिसकी लकड़ी की चीन, जापान में काफी मांग है. यह पेड़ विशेष तौर पर कड़प्पा, चित्तूर, कुरनूल और नेल्लोर जिले के एक हिस्से में फैले सेषचलम पर्वतीय क्षेत्र के जंगलों में उगता है.
पुलिस ने बताया कि फरार तस्करों को पकड़ने के लिए विभिन्न जांच चौकियों पर बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान जारी है.
राव ने कहा, लाल चंदन तस्करों ने पहले भी वन कर्मियों और पुलिसकर्मियों पर हमला किया था. दिसम्बर 2013 में सेषचलम वन में लाल चंदन लकड़हारों ने दो वन अधिकारियों की पत्थर मारकर हत्या कर दी थी.
चेन्नई से आंध्र प्रदेश जाने वाली बसें रद्द
तमिलों समूहों के विरोध-प्रदर्शन के मद्देनजर आंध्र प्रदेश राज्य परिवहन निगम (एपीएसआरटीसी) ने मंगलवार को चेन्नई से आंध्र प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में जाने वाली लगभग 40 बसों को रद्द कर दिया.
एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। एपीएसआरटीसी के अधिकारी ने कहा, 'शाम छह बजे के बाद आंध्र प्रदेश के विभिन्न गंतव्यों तक जाने वाली लगभग 40 बसों को रद्द कर दिया गया.'
आंध्र प्रदेश पुलिस द्वारा मंगलवार को 20 लोगों की हत्या के खिलाफ तमिल समूहों ने विरोध-प्रदर्शन किया. मृतकों में अधिकांश तमिलनाडु के थे.
-इनपुट भाषा